लड़कियों का दबदबा बरकरार
हाईस्कूल परीक्षा में इस बार भी बालिकाओं ने बाज़ी मारी है। लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 93.87 रहा, जबकि लड़कों का 86.66 प्रतिशत। इंटरमीडिएट में भी बालिकाओं का प्रदर्शन बेहतर रहा—यहां 86.37 प्रतिशत लड़कियां सफल रहीं जबकि लड़कों का परिणाम 76.60 प्रतिशत रहा।
टॉपर्स की लिस्ट में छोटे जिलों की बड़ी कामयाबी
हाईस्कूल में जालौन के यश प्रताप सिंह ने पहला स्थान प्राप्त किया है। दूसरे स्थान पर इटावा की अंशी और बाराबंकी के अभिषेक कुमार यादव रहे। तीसरे स्थान पर मुरादाबाद की ऋतु गर्ग, सीतापुर के अर्पित वर्मा और जालौन की सिमरन वर्मा ने जगह बनाई।
इंटरमीडिएट में प्रयागराज की महक जायसवाल ने टॉप किया। अमरोहा की साक्षी, सुल्तानपुर के आदर्श यादव, प्रयागराज की शिवानी सिंह और कौशाम्बी की अनुष्का सिंह ने दूसरा स्थान साझा किया। तीसरे स्थान पर इटावा की मोहिनी रही।
5438597 परीक्षार्थियों ने किया पंजीकरण
यूपी बोर्ड 2025 की परीक्षाओं में कुल 54,38,597 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इनमें हाईस्कूल के 27,40,151 और इंटरमीडिएट के 26,98,446 विद्यार्थी शामिल थे। बोर्ड ने परीक्षा नकलविहीन और पारदर्शी तरीके से कराने के लिए इस बार विशेष इंतजाम किए थे। कुल 8,140 परीक्षा केंद्रों पर 2.91 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में बोर्ड परीक्षा संपन्न हुई थी।
नकल पर सख्ती का असर
इस बार यूपी बोर्ड ने नकल पर नकेल कसने के लिए सख्त रुख अपनाया था, जिसका असर भी देखने को मिला। करीब 3 लाख 2 हजार 508 परीक्षार्थियों ने नकल की सख्ती के चलते परीक्षा ही छोड़ दी।
तेजी से हुआ मूल्यांकन, रिकॉर्ड समय में घोषित हुआ रिजल्ट
यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक मात्र 12 कार्य दिवसों में आयोजित की गई थीं। लगभग तीन करोड़ उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन 19 मार्च से 2 अप्रैल के बीच पूरा किया गया। इसके बाद महज 23 दिनों में रिकॉर्ड समय में परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया गया।
ऑनलाइन डुप्लीकेट मार्कशीट की सुविधा पहली बार
इस बार यूपी बोर्ड ने परीक्षा परिणाम के साथ ही डुप्लीकेट ऑनलाइन मार्कशीट भी जारी करने का निर्णय लिया है। इसमें परीक्षार्थी का नाम, पिता का नाम, रोल नंबर और सब्जेक्ट के अंक दर्ज होंगे। इससे छात्र-छात्राओं को आगे की पढ़ाई और नौकरी में आसानी होगी। मूल मार्कशीट रिजल्ट जारी होने के 15 दिनों के भीतर संबंधित विद्यालयों को भेज दी जाएगी, जहां से छात्र उसे प्राप्त कर लेंगे।
बोर्ड सचिव और निदेशक ने जारी किया रिजल्ट
यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह और निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने संयुक्त रूप से परीक्षा परिणाम घोषित किया। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने इस बार नकल पर रोक लगाने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विशेष तकनीकी निगरानी अपनाई, जिसका असर परीक्षा की गुणवत्ता और निष्पक्षता पर साफतौर पर दिखाई देगा। यह परिणाम न केवल विद्यार्थियों की मेहनत को दर्शाता है, बल्कि यूपी बोर्ड की परीक्षा प्रणाली में आए सकारात्मक बदलावों की कहानी कहता है।
Edited By : Chetan Gour
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