डाभी ने बृहस्पतिवार रात को यहां पहुंचने के बाद उनके आवास पर कहा, जब हमें गोलीबारी के बारे में पता चला तो सभी अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे। मैं अपनी पत्नी से अलग हो गया था। जो लोग दुर्भाग्य से पीछे रह गए आतंकवादियों ने उन्हें मार डाला। जब मैं भाग रहा था तो एक गोली मेरे दाहिने हाथ में लगी, जबकि दूसरी मेरे बाएं कंधे को छूती हुई निकल गई। गोली लगने से मुझे मामूली चोट पहुंची।
ALSO READ:
उन्होंने बताया, जब मैं आखिरकार अपनी पत्नी से मिला तो वह मेरी खून से सनी शर्ट और गोली के घाव को देखकर तीन बार बेहोश होकर गिर पड़ी थी। हम किसी तरह बचकर पहाड़ी की तलहटी पर पहुंचे, जहां सेना के जवान मुझे अस्पताल ले गए। मैं तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहा था।
लीलाबेन ने नम आंखों से बताया कि इस हमले के दौरान जब वह अपने पति से अलग हो गई थीं तब उन्होंने देखा कि एक आतंकवादी ने किस तरह से 20 वर्षीय स्मित परमार की गोली मारकर हत्या कर दी। पहलगाम की मिनी स्विट्जरलैंड कही जाने वाली बैसरन घाटी पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में स्मित और उनके पिता यश परमार सहित 26 लोगों की जान चली गई। पिता और बेटा उन 20 लोगों के समूह में शामिल थे, जो यहां से श्रीनगर गए थे।
ALSO READ:
लीलाबेन ने कहा, जब मैं भाग रही थी तब मैंने देखा कि एक आतंकवादी ने स्मित की छाती में गोली मार दी। वह बेचारा तुरंत ज़मीन पर गिर पड़ा। वह दृश्य असहनीय था। मुझे बाद में पता चला कि उसके पिता की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जवानों ने इस हमले में किसी तरह बचे लोगों को अस्पताल में भर्ती कराने में मदद की और उनके रहने की व्यवस्था भी की। उन्होंने बताया कि जब उन्होंने अपने पति के हाथ पर खून देखा तो वह भगवान शिव की प्रार्थना करने लगीं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour
You may also like
अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को, सोने की खरीदारी और दान का विशेष महत्व
Rajasthan: भजनलाल सरकार इन लोगों को देेगी अब घर बैठे हर महीने 1250 रुपए, जाने कौन हैं वो लोग
पहलगाम अटैक पर शाहिद अफरीदी ने फिर उगला जहर, कहा - भारत अपने लोगों को खुद ही मरवाता है
Hyundai i10 Crosses 33 Lakh Sales Milestone Globally Over 18 Years
Symptoms of Fibroids: बच्चेदानी में गांठ (फाइब्रॉयड ट्यूमर): लक्षण, पहचान और उपचार