अमेजॉन, वालमार्ट व फ्लिपकार्ट के खिलाफ भारत छोड़ो अभियान शुरू, किए जाएंगे प्रदर्शन व जनजागरण : अनिल गोयलहिसार, 3 मई . ऑनलाइन शॉपिंग कंपनी अमेजान, वालमार्ट व फ्लिपकार्ट के खिलाफ भारत छोड़ो अभियान शुरू हो गया है. अखिल भारतीय व्यापार संघ व स्वदेशी जागरण मंच ने एकजुट होकर ऑनलाइन कारोबार की रोकथाम की मांग की है. अखिल भारतीय व्यापार संघ के सदस्य व स्वदेशी जागरण मंच के प्रांतीय प्रचार प्रमुख अनिल गोयल ने शनिवार काे बताया कि भारत की जीडीपी की दस प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाला खुदरा व्यापार देशभर में आठ प्रतिशत एंप्लॉयमेंट जनरेट करता है. विश्व की बड़ी ऑनलाइन मार्केट कंपनी अमेजॉन, वालमार्ट व फ्लिपकार्ट खुदरा व्यापार से संभव होने वाले रोजगार को निगल जाने के लिए तैयार है. उन्होंने बताया कि इन कंपनियों के खिलाफ अब कई ट्रेडर्स एवं ट्रेडर्स यूनियन लामबंद हो रही हैं. उन्होंने बताया कि आईबीईएफ की रिपोर्ट के अनुसार दिसंबर 2022 में 7.8 बिलियन ट्रांजेक्शन प्रतिदिन ई-कॉमर्स पर पाए गए हैं. भारत में बढ़ रहे ऑनलाइन शॉपिंग व्यापार का आकलन यह है कि वर्ष 2030 तक ई मार्केट 500 मिलियन पार कर जाएगा जो वर्ष 2020 तक 150 मिलियन तक था. कुल खुदरा बाजार में ई-कॉमर्स खुदरा की हिस्सेदारी 2018 के 4 प्रतिशत से बढक़र 2023 में 8 प्रतिशत हो गई है और 2028 तक 13-15 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है. संगठन नेता ने स्पष्ट किया कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अनैतिक तरीकों का उपयोग करके अपने व्यापार को बढ़ाने की कोशिश कर रही हैं और पारंपरिक दुकानदारों और छोटी ई-कॉमर्स फर्मों को प्रतिस्पर्धा से बाहर कर रही हैं. इन कंपनियों की रणनीति यह है कि वे भारी छूट देकर उपभोक्ताओं को लुभाती हैं और घाटा उठाकर किसी तरह बाजार पर कब्जा कर लेना चाहती हैं ताकि उसके बाद मनमर्जी से वे उपभोक्ताओं को लूट सकें. जहां पारंपरिक दुकानदार अधिकतम 10 से 20 प्रतिशत की छूट दे सकते हैं, वहीं बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां 30 से 50 प्रतिशत के बीच छूट देती हैं. यह अधिक छूट उनकी कार्यकुशलता के कारण नहीं बल्कि बाजार पर कब्जा करने के उद्देश्य से घाटा उठाने की उनकी क्षमता के कारण है.अनिल गोयल ने कहा कि कंपनियां अपनी उदारता के कारण छूट नहीं दे रही हैं, हालांकि यह एक सोची-समझी रणनीति है. उन्होंने बताया कि भारतीय रिटेल व्यापरियों एवं व्यापारी संगठनों ने 1 मई से अमेजॉन, वालमार्ट व फ्लिपकार्ट के बहिष्कार के लिए अभियान की शुरुआत कर दी है जो भारत के सभी प्रदेशों की राजधानियों में प्रदर्शन एवं जनजागरण के साथ आगे बढ़ेगा.
/ राजेश्वर
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