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ऑल इंडिया बार एग्जाम पास करने के बावजूद वकील को क्यों दिखाया असफल-हाईकोर्ट

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जयपुर, 02 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने साल 2012 में ऑल इंडिया बार एग्जाम पास करने के बाद वकालत कर रहे वकील को अब इस परीक्षा को पास नहीं करने वालों की सूची में शामिल करने पर बार कौंसिल ऑफ राजस्थान के सचिव को 9 सितंबर को तलब किया है। अदालत ने कहा है कि सचिव व्यक्तिगत या वीसी के जरिए पेश होकर प्रकरण से अदालत को अवगत कराए। अदालत ने इस दौरान संबंधित रिकॉर्ड भी पेश करने को कहा है। इसके साथ ही अदालत ने बार कौंसिल ऑफ इंडिया से भी जवाब तलब किया है। जस्टिस समीर जैन ने यह आदेश भागीरथ की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।

याचिका में अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा और अधिवक्ता अक्षय शर्मा ने अदालत को बताया कि बीसीआर ने साल 2012 में याचिकाकर्ता का नामांकन पर स्थाई वकालत के लिए उसे प्रमाण पत्र जारी किया गया। वहीं बार कौंसिल ऑफ इंडिया ने 2010 के नियमों को लागू करते हुए साल 2012 में ऑल इंडिया बार एग्जाम आयोजित किया। जिसमें याचिकाकर्ता शामिल होकर परीक्षा में पास हुआ। इस पर याचिकाकर्ता ने बीसीआई से प्रैक्टिस प्रमाण पत्र मांगा। जिस पर कौंसिल ने उससे ढाई हजार रुपए का शुल्क जमा करवाया। याचिका में कहा गया कि बार कौंसिल ऑफ राजस्थान ने एक सूची जारी कर ऑल इंडिया बार एग्जाम पास नहीं करने वाले वकीलों को प्रैक्टिस प्रमाण पत्र जारी करने से इनकार कर दिया। इस सूची में याचिकाकर्ता का नाम भी शामिल किया गया, जबकि वह पूर्व में ही यह परीक्षा पास कर चुका है। याचिका में कहा गया कि इसकी शिकायत बार कौंसिल ऑफ इंडिया में करने पर उसे सूचित किया गया कि ऑल इंडिया बार एग्जाम में फेल हुआ था। इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि उसे पहले पास बताया गया और प्रमाण पत्र जारी करने के बदले फीस भी ली गई। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने बीसीआर के सचिव को पेश होने के आदेश दिए हैं।

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(Udaipur Kiran)

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