उज्जैन, 1 नवंबर (Udaipur Kiran) . मध्यप्र देश के उज्जैन में देव प्रबोधिनी एकादशी की संध्या उज्जैन में 67वें अखिल Indian कालिदास समारोह का शुभारंभ Madhya Pradesh के Chief Minister डॉ. मोहन यादव के वर्चुअल संबोधन से हुआ. उन्होंने कहा कि कालिदास समारोह उज्जैन का सबसे प्रतिष्ठित समारोह है. समारोह में कालिदास का आंगन आनंद से भर जाता है.
डॉ.यादव ने कहा कि कालिदास समारोह कला एवं संस्कृति का इंद्रधनुषी आयोजन है ,जो उज्जैन में होता है. उज्जैन कलाकारों की कुंभ नगरी है. यहां यह आभास होता है कि घर-घर कलाकार घर-घर प्रतिभा है. मंच पर शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र भाव सिंह लोधी ने की. विशिष्ट अतिथि जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल थे. सारस्वत अतिथि रामायण वेला श्रीधाम अयोध्या के स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य महाराज थे. स्वामीजी ने कहा कि जिसने हमारे लिए कुछ किया है,उसके प्रति कृतज्ञ होना सनातन है. कालिदास भारत भाव के कवि थे. कालिदास मानवीय संवेदना के कवि थे. कालिदास प्रकृति की संवेदना के कवि थे. उनकी रचनाओं में संवेदना का मुख्य स्वर सुनाई देता है.
स्वर साधना से मुखरित हुआ भक्ति संगीतअ.भा.कालिदास समारोह के प्रथम दिवस परिसर स्थित मुक्ताकाशी मंच से सायंकाल में प्रथम सांस्कृतिक संध्या सूर्यागायत्री, कालीकट के भक्ती संगीत गायन से श्रोताओं को भावविभोर किया. केरल की इस निष्नाद कला साधक ने अपने गायन की स्वर लहरियों से कालिदास के आंगन में मधु वर्षा की. देश विदेश के प्रतिष्ठित मंचों से अपनी कला साधना को सिद्ध कर चुकी सूर्यागायत्री को अनेकों पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. उन्हें त्रिवेंद्रम संगीत रत्न पुरस्कार, चेन्नई के कला भारती पुरस्कार, मुंबई का कोकिला पुरस्कार, सहित लंदन यूनाइटेड किंगडम द्वारा राज स्वर रंजिनी पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं.
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(Udaipur Kiran) / ललित ज्वेल
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