हरदोई से अयोध्या तक : समाजसेवा से रामलला की सेवा तक कृष्ण मोहन की गौरवगाथा
हरदोई,10 सितंबर (Udaipur Kiran) । अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में हरदोई ज़िले की धरती का मान बढ़ाने वाली एक ऐतिहासिक नियुक्ति हुई है। हरदोई के सिकन्दरपुर बाज़ार में निवासरत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र संघचालक एवं पूर्व वन अधिकारी कृष्ण मोहन को ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। यह नियुक्ति केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उस जीवन-यात्रा का प्रतीक है जिसमें विद्या, विज्ञान, प्रशासन और अध्यात्म सब एक सूत्र में पिरोए गए हैं।
सितम्बर 1952 में जन्मे कृष्ण मोहन ने विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। लखनऊ विश्वविद्यालय से 1978 में एम.एससी. की उपाधि लेकर उन्होंने एटॉमिक एनर्जी विभाग में वैज्ञानिक के रूप में पाँच वर्षों तक देश की सेवा की। इसके बाद भारतीय वन सेवा में प्रवेश कर अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक के पद तक पहुँचे और 2012 में सम्मानपूर्वक सेवानिवृत्त हुए।
सेवानिवृत्ति के पश्चात् उन्होंने अपना निवास हरदोई ज़िले के शाहाबाद क्षेत्र के सिकन्दरपुर गाँव में स्थायी रूप से बना लिया। यहीं रहकर वे समाजसेवा, जनसंपर्क और संगठन के कार्यों में निरंतर सक्रिय रहे। ग्राम की माटी से उनका जुड़ाव इतना गहरा रहा कि ग्रामीण उन्हें अपने बीच का ही मार्गदर्शक मानते हैं।
संघ से जुड़ाव और राष्ट्र सेवा
नागपुर प्रवास के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की विचारधारा से उनका आत्मिक परिचय हुआ, जिसने उनके जीवन को नया आयाम प्रदान किया। सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने संघ के कार्य में स्वयं को पूरी तरह अर्पित कर दिया। हरदोई नगर संघ चालक, अवध प्रांत संघ चालक और वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र संघ चालक के रूप में उन्होंने संगठनात्मक जीवन को गति और दिशा दी।
22 जनवरी 2024 का वह ऐतिहासिक क्षण जब श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा अयोध्या में सम्पन्न हुई, कृष्ण मोहन उस दिव्य अनुष्ठान के यजमान रहे। इसके अतिरिक्त रामदरबार सहित परिसर के अन्य सात मन्दिरों की प्राण प्रतिष्ठा में भी उन्होंने यजमान बनकर सेवा का पुण्य पाया। वे भावविह्वल स्वर में कहते हैं कि “यह रामलला की अनुकम्पा है कि उन्होंने मुझे अपनी सेवा का अवसर प्रदान किया। यह मेरे जीवन का परम सौभाग्य है।”
अब नई भूमिका, नया उत्तरदायित्व
आज जब सिकन्दरपुर का यह गौरव राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में सम्मिलित हुआ है, तो यह केवल उनकी उपलब्धि नहीं, बल्कि हरदोई की धरती का भी अभिमान है। समाजसेवा में सक्रिय रहकर जीवन व्यतीत करने वाले कृष्ण मोहन अब अयोध्या में प्रभु श्रीरामलला के दरबार की सेवा करेंगे।
यह कथा उस साधक की है, जिसने विज्ञान और प्रशासन से लेकर ग्राम्य जीवन व समाजसेवा तक हर क्षेत्र में अपनी आहुति दी, और अंततः स्वयं को प्रभु श्रीराम की सेवा में समर्पित कर दिया।
(Udaipur Kiran) / अंबरीश कुमार सक्सेना
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