कानपुर, 28 मई . उत्तर प्रदेश के 75 जिलों में आज से 15 दिवसीय व्यापक जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. इस अभियान में 89 कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), सत्रह आईसीएआर संस्थान, चार राज्य कृषि विश्वविद्यालय, एक केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, और राज्य कृषि एवं संबद्ध विभागों (कृषि, पशुपालन, बागवानी, सहकारिता, पौध संरक्षण) के सहयोग से कार्यक्रम संचालित होंगे. यह जानकारी बुधवार को कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसन्धान संस्थान (अटारी) जोन तीन के निदेशक डॉ. शांतनु कुमार दुबे ने दी.
निदेशक डॉ. दुबे ने बताया कि प्रमुख संस्थाएं जैसे इफको भी इस अभियान में सक्रिय योगदान देंगी. कुल 232 बहु-विषयक और बहु-संस्थागत टीमें बनाई गई हैं. जिनमें केवीके के विषय विशेषज्ञ, आईसीएआर के वैज्ञानिक, राज्य विभागों के अधिकारी, राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली (एनपीएसएस) के पौध संरक्षण अधिकारी, प्रगतिशील किसान, कृषि उद्यमी, किसान उत्पादक संगठन (एफ पी ओ), किसान हित समूह, स्वयं सहायता समूह, बैंक प्रतिनिधि आदि शामिल हैं.
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों, पशुपालन, मुर्गीपालन और मत्स्य पालन संबंधी नवाचारों की जानकारी देना है. इसके साथ ही सरकारी योजनाओं और नीतियों की जानकारी देना, किसानों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद स्थापित कर स्थानीय नवाचारों का दस्तावेजीकरण करना, और कृषि अनुसंधान को मजबूत करना भी इसका अभिन्न अंग है.
कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसन्धान संस्थान (अटारी) के निदेशक डॉ. शांतनु कुमार दुबे ने बताया कि इस अभियान की सफलता के लिए प्रत्येक जिले में विशेषज्ञ टीमों का गठन, रोजाना के कार्यक्रमों के लिए विस्तृत मार्ग चार्ट की तैयारी, और ठोस समन्वय प्रणाली बनाई गई है. राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा बैठकों के माध्यम से कार्यक्रम की प्रगति पर निगरानी रखी जा रही है
/ मो0 महमूद
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