जोधपुर, 4 सितंबर (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की अखिल भारतीय समन्वय बैठक शुक्रवार से जोधपुर में आरंभ होगी। तीन दिनों (5, 6 और 7 सितंबर) तक चलने वाली इस बैठक में भाजपा, विश्व हिन्दू परिषद, मजदूर एवं किसान संघ सहित संघ से जुड़े विविध संगठन भाग लेंगे। बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष की तैयारियों और देश की वर्तमान परिस्थितियों पर चर्चा होगी।
आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने गुरुवार को यहां पत्रकारों को इसकी जानकारी दी। उनके साथ सह प्रचार प्रमुख प्रदीप जोशी भी मौजूद रहे।
आंबेकर ने बताया कि यह बैठक प्रतिवर्ष होती है। पिछली बैठक केरल के पालक्काड में आयोजित हुई थी। इस बार जोधपुर की बैठक में लगभग 320 कार्यकर्ता शामिल होंगे। इनमें 32 विविध संगठनों 249 से अधिक प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। बैठक का शुभारंभ शुक्रवार सुबह 9 बजे होगा।
बैठक में सरसंघचालक मोहन भागवत और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले मार्गदर्शन देंगे। सभी सह सरकार्यवाह भी मौजूद रहेंगे। साथ ही, प्रत्येक संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष, संगठन मंत्री और अन्य पदाधिकारी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि संघ से जुड़े संगठन समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में कार्यरत हैं। वे शिक्षा, सेवा, सामाजिक सद्भाव और जनजागरण जैसे क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
आंबेकर ने स्पष्ट किया कि यह बैठक निर्णय लेने वाली नहीं होती, बल्कि समन्वय बढ़ाने का मंच है। संगठन यहां अपने-अपने कार्य का विवरण और आकलन प्रस्तुत करते हैं। वे देश की परिस्थिति और समाज की आवश्यकताओं को देखते हुए अपने सुझाव साझा करते हैं। वहीं निर्णय संगठन अपनी कार्यकारिणी बैठकों में लेते हैं।
संगठनों की कार्यपद्धति पर प्रकाश डालते हुए आंबेकर ने कहा कि संघ से जुड़े संगठन समाज के विविध क्षेत्रों में कार्यरत हैं। वे क्षेत्र से जुड़ी कमियों और अपेक्षाओं का अध्ययन करते हैं। साथ ही वे समाधान सुझाते हैं। आवश्यकता पड़ने पर सरकार तक अपनी बात रखते हैं और जरूरत पड़ने पर आंदोलन भी करते हैं। इस प्रक्रिया का उद्देश्य समाज में अपेक्षित परिवर्तन और देशहित में कार्य करना है।
इस बार की बैठक विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आगामी विजयदशमी पर्व पर संघ अपने 100 वर्ष पूरे करने जा रहा है। बैठक में शताब्दी वर्ष की योजनाओं पर भी चर्चा होगी। नागपुर से शताब्दी कार्यक्रम का आरंभ होंगे। इसके बाद हिन्दू सम्मेलन, गृह संपर्क और सामाजिक सद्भाव की बैठकें होंगी। विविध संगठन शताब्दी वर्ष में क्या योगदान दे सकते हैं या उन्होंने क्या सोचा इसपर भी चर्चा होगी।
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(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा
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