नई दिल्ली, 16 अगस्त (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ पर जारी एक विशेष शैक्षिक मॉड्यूल को लेकर देश की सियासत गरमा गई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जहां इस कदम की सराहना करते हुए कहा है कि बच्चों को सच्चा इतिहास जानने का अधिकार है। वहीं कांग्रेस ने इसका कड़ा विरोध किया है।
एनसीईआरटी के विशेष शैक्षिक मॉड्यूल में भारत के विभाजन के लिए मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और लॉर्ड माउंटबेटन को जिम्मेदार ठहराया गया है। ‘विभाजन के अपराधी’ शीर्षक से तैयार किए गए इस मॉड्यूल को कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 के छात्रों के लिए अलग-अलग रूप में प्रकाशित किया गया है। इसमें बताया गया है कि विभाजन के समय करीब 6 लाख लोग मारे गए और 1.5 करोड़ से अधिक लोग विस्थापित हुए।
मॉड्यूल में यह भी कहा गया है कि विभाजन ने न केवल देश की एकता को खंडित किया, बल्कि पंजाब और बंगाल की अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर दिया। जम्मू-कश्मीर को सामाजिक एवं आर्थिक अस्थिरता की ओर धकेलने के लिए भी इस ऐतिहासिक त्रासदी को जिम्मेदार बताया गया है।
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) के अनुसंधान एवं प्रशासन निदेशक डॉ. ओम जी उपाध्याय ने मीडिया से कहा कि महात्मा गांधी ने हमेशा कहा था कि विभाजन अंतिम विकल्प होगा, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने हार मान ली और इसे नियति मानकर स्वीकार कर लिया। विभाजन कोई सामान्य घटना नहीं थी, बल्कि यह इतिहास की सबसे दुखद घटनाओं में से एक है, जहां 1.5 करोड़ लोगों को सीमाएं पार करने के लिए मजबूर किया गया। कम से कम 12-15 लाख लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई। जब हम आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, तो किसी भी स्वतंत्रता सेनानी ने नहीं सोचा था कि ऐसा कुछ होगा। नई पीढ़ी को सच्चाई पता होनी चाहिए ताकि वे इससे सीख सकें और यह सुनिश्चित कर सकें कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि एनसीईआरटी ने सच्चाई को उजागर किया है, लेकिन राहुल गांधी और कांग्रेस को इससे सबसे ज्यादा तकलीफ हुई है। राहुल गांधी और मोहम्मद अली जिन्ना की सोच एक जैसी है। कांग्रेस आज भी जिन्ना जैसी तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है।
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज़ हुसैन ने कहा, “अगर कांग्रेस नेतृत्व ने उस समय मजबूती से विरोध किया होता, तो देश का विभाजन रोका जा सकता था, लेकिन वे सत्ता की जल्दबाज़ी में थे। आज की पीढ़ी को इस कड़वे सत्य को जानने का हक है।
दूसरी ओर, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने मॉड्यूल पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसी किताब में आग लगा दीजिए जिसमें इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। यह केवल एक राजनीतिक एजेंडा है, न कि शिक्षा का हिस्सा।
इस मुद्दे पर भाजपा प्रवक्ता शहज़ाद पूनावाला ने कहा, “कांग्रेस ने सत्ता की लालसा और तुष्टीकरण की राजनीति के कारण विभाजन को स्वीकार किया। आज भी कांग्रेस उसी ऐतिहासिक गलती को दोहरा रही है और सच्चाई से भाग रही है।”
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(Udaipur Kiran) / सुशील कुमार
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