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डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन ने फिर से लॉन्च की COVID.gov वेबसाइट, चीन के लैब लीक को बताया वायरस की 'असली उत्पत्ति'

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वॉशिंगटन, डी.सी.: अमेरिका में एक बार फिर COVID-19 की उत्पत्ति को लेकर विवाद तेज हो गया है। शुक्रवार को पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में व्हाइट हाउस द्वारा संशोधित COVID.gov वेबसाइट को फिर से लॉन्च किया गया, जिसमें चीन के वुहान शहर की लैब लीक थ्योरी को कोरोना वायरस की "असली उत्पत्ति" के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस कदम को ट्रम्प प्रशासन के पुराने दावे की पुनः पुष्टि के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वे लगातार इस बात पर जोर देते रहे हैं कि कोरोना वायरस प्राकृतिक नहीं बल्कि एक प्रयोगशाला से लीक हुआ वायरस है।

वेबसाइट पर क्या है नया?

COVID.gov वेबसाइट के नए संस्करण में लैंडिंग पेज पर ही एक जोरदार बयान दिया गया है। उसमें लिखा है: 

"SARS-CoV-2 की समीपस्थ उत्पत्ति" नामक प्रकाशन — जिसका प्रयोग सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों और मीडिया द्वारा लैब लीक सिद्धांत को बदनाम करने के लिए किया गया — डॉ. एंथनी फौसी द्वारा पसंद की गई उस कथा को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया गया था, जिसमें कहा गया था कि COVID-19 प्राकृतिक रूप से उत्पन्न हुआ था।"

यह सीधा हमला अमेरिका के पूर्व मुख्य चिकित्सा सलाहकार डॉ. एंथनी फौसी पर है, जिनकी भूमिका कोविड संकट के दौरान बेहद अहम रही है। फौसी पहले से ही आलोचकों के निशाने पर रहे हैं, लेकिन इस बार ट्रम्प समर्थित प्लेटफॉर्म से उनकी मंशा पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाए जा रहे हैं।

Trump Administration Relaunches US COVID.gov

ट्रम्प का पुराना रुख फिर से उभरा

डोनाल्ड ट्रम्प और उनके सहयोगी कई बार इस बात पर जोर दे चुके हैं कि COVID-19 वायरस वुहान की एक प्रयोगशाला से लीक हुआ, और इसे चीन की लापरवाही या कथित साजिश के तौर पर देखा जाना चाहिए। उनका यह रुख उस समय विवादास्पद माना गया था, जब दुनिया भर में वैज्ञानिक और स्वास्थ्य संस्थाएं इस बात पर जोर दे रही थीं कि वायरस की उत्पत्ति प्राकृतिक है — यानी कि यह जानवरों से इंसानों में आया। हालांकि, समय के साथ लैब लीक थ्योरी को वैज्ञानिक और राजनीतिक समर्थन भी मिलने लगा, और अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि वायरस एक प्रयोगशाला से लीक हो सकता है।

एंथनी फौसी पर सीधा हमला

COVID.gov के संशोधित संस्करण में जिस तरह से डॉ. फौसी को निशाना बनाया गया है, वह अमेरिका की चिकित्सा और राजनीति के बीच गहराते टकराव को उजागर करता है। वेबसाइट पर इस बात पर जोर दिया गया है कि "लैब लीक" सिद्धांत को बदनाम करने के पीछे डॉ. फौसी की एक खास ‘कहानी’ को आगे बढ़ाने की मंशा थी। ट्रम्प समर्थकों का मानना है कि डॉ. फौसी और NIH (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ) ने चीन के साथ मिलकर "गैन-ऑफ-फंक्शन" रिसर्च (ऐसा अनुसंधान जिसमें वायरस को अधिक संक्रामक या खतरनाक बनाया जाता है) को समर्थन दिया और फिर उसे छुपाने की कोशिश की।

वैश्विक बहस को मिला नया मोड़

यह नया डिजिटल कदम वैश्विक स्तर पर एक नई बहस को जन्म दे सकता है। अमेरिका ही नहीं, दुनियाभर में यह सवाल फिर से खड़ा हो गया है कि क्या वाकई COVID-19 की शुरुआत एक वैज्ञानिक दुर्घटना थी, या यह प्रकृति का ही हिस्सा था? विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) अब तक दोनों संभावनाओं को खुला रखते हुए कह चुका है कि वायरस की उत्पत्ति की जांच पूरी नहीं हुई है, और इसकी और गहराई से समीक्षा की जरूरत है।

चुनावी राजनीति और कोविड की राजनीति

विशेषज्ञ मानते हैं कि ट्रम्प की इस रणनीति के पीछे 2024-25 की अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों की तैयारी भी छिपी है। ट्रम्प पहले ही राष्ट्रपति पद के लिए पुनः दावेदारी पेश कर चुके हैं, और कोविड संकट की कथित सच्चाई को उजागर करने की आड़ में वे अपनी पुरानी नीतियों को सही साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। COVID.gov वेबसाइट का पुनः लॉन्च करना केवल सूचना प्रसारण नहीं, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश है — जिसमें यह जताया जा रहा है कि ट्रम्प प्रशासन शुरू से ही सच कह रहा था और तथ्यों को दबाया गया।

सोशल मीडिया और जनता की प्रतिक्रिया

जैसे ही वेबसाइट लॉन्च की गई, सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कुछ लोग ट्रम्प प्रशासन के इस कदम की सराहना कर रहे हैं, वहीं कई आलोचकों ने इसे "षड्यंत्र सिद्धांतों को हवा देने वाला" बताया। एक ट्विटर यूजर ने लिखा,

“ट्रम्प सच उजागर कर रहे हैं, जबकि फौसी और मीडिया ने हमें अंधेरे में रखा।” वहीं एक अन्य यूजर ने ट्वीट किया, “अब ट्रम्प इस मुद्दे को चुनावी हथियार बना रहे हैं, जबकि विज्ञान अभी भी अंतिम निष्कर्ष तक नहीं पहुंचा।”

COVID.gov वेबसाइट का संशोधित संस्करण एक बार फिर इस बात को उजागर करता है कि कोविड महामारी सिर्फ एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट नहीं, बल्कि राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक युद्ध का केंद्र भी बन गई है। ट्रम्प प्रशासन की यह पहल उन लोगों को एक नया मंच देगी, जो मानते हैं कि वायरस की असली उत्पत्ति वुहान लैब है। यह कदम अमेरिका और चीन के संबंधों में और तनाव ला सकता है, और साथ ही दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय को भी अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए मजबूर करेगा। इस बहस का अंत अभी दूर है, लेकिन इतना तय है कि कोविड की राजनीति अब भी जीवित है — और चुनावी मंचों से लेकर डिजिटल दुनिया तक इसकी गूंज सुनाई देती रहेगी।

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