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देवझूलनी एकादशी, राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में भगवानों का नगर भ्रमण, भक्तों के जश्न का सामने आया वीडियो

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देवझूलनी एकादशी के पावन अवसर पर राजस्थान के विभिन्न मंदिरों में भव्य नगर भ्रमण का आयोजन किया गया। आज राजसमंद के चारभुजा, चित्तौड़गढ़ के सांवालिया सेठ और भीलवाड़ा के कोटड़ी श्याम मंदिर में भगवानों के नगर भ्रमण ने भक्तों को उल्लास और आस्था में डूबा दिया।

राजसमंद के चारभुजा मंदिर में ठाकुर जी चांदी की बंदूक और सोने के रथ में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले। इस अवसर पर पुजारी परिवार भी सोने और चांदी के विशेष अस्त्र-शस्त्रों के साथ शामिल हुआ। रथयात्रा की शुरुआत से पहले तीनों मंदिरों में मंगला आरती का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से हिस्सा लिया।

भक्तों ने बारिश के बावजूद नगर भ्रमण में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोग रथ के साथ नाच-गाने में व्यस्त रहे और देवझूलनी एकादशी की खुशी का जश्न मनाया। मंदिर के बाहर और मार्ग में सजावट और झांकियों ने उत्सव को और भव्य बना दिया।

चित्तौड़गढ़ के सांवालिया सेठ मंदिर में भी भगवान का नगर भ्रमण भव्य रूप से हुआ। भक्तों ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया और रथयात्रा के दौरान भजन-कीर्तन किया। पुजारियों ने विशेष पूजा और आरती कर नगर भ्रमण को सुरक्षित और धार्मिक विधि अनुसार संपन्न कराया।

भीलवाड़ा के कोटड़ी श्याम मंदिर में भी नगर भ्रमण का आयोजन धूमधाम से किया गया। यहां श्रद्धालुओं ने भगवान के रथ को फूलों और रंग-बिरंगी झांकियों से सजाया। भक्तों ने अपनी श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत प्रदर्शन किया।

विशेषज्ञों का कहना है कि देवझूलनी एकादशी राजस्थान के प्रमुख धार्मिक अवसरों में से एक है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी लोगों को जोड़ने का माध्यम बनता है। नगर भ्रमण के दौरान लोगों की भागीदारी से स्थानीय संस्कृति और परंपराओं की छवि और अधिक चमकती है।

स्थानीय प्रशासन ने भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान रखते हुए नगर भ्रमण की निगरानी की। रथयात्रा मार्ग पर पुलिस और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और भक्त श्रद्धा भाव से नगर भ्रमण का आनंद ले सकें।

भक्तों ने कहा कि भगवान का नगर भ्रमण देखकर उनका मन आनंद और शांति से भर गया। उन्होंने बारिश के बावजूद उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और भक्ति भाव में झूमते हुए भगवान के आशीर्वाद की कामना की।

इस प्रकार, देवझूलनी एकादशी पर राजस्थान के तीन प्रमुख मंदिरों में भगवानों का नगर भ्रमण भक्ति और उल्लास का प्रतीक बनकर सामने आया। राजसमंद, चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा में इस आयोजन ने धार्मिक आस्था और स्थानीय संस्कृति के मेलजोल को दर्शाया।

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