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ओडिशा के पुरी शहर से एक हैरान कर देने वाली और चमत्कारी घटना सामने आई है। एक महिला को मृत मानकर उसका अंतिम संस्कार किया जा रहा था। घर में गम का माहौल था। दाह संस्कार की सारी तैयारियाँ हो चुकी थीं। शव को चिता पर रखा गया। दाह संस्कार से पहले ही महिला जीवित हो उठी। इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया। पोलसरा गाँव की 86 वर्षीय पी. लक्ष्मी पिछले कुछ दिनों से बीमार थीं। 15 तारीख को लक्ष्मी की कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई। उनके परिवार ने उन्हें मृत समझ लिया और दाह संस्कार के लिए पुरी ले आए। डॉक्टरों ने भी उन्हें मृत घोषित कर दिया था। परिवार उनके शव को एम्बुलेंस से पुरी के स्वर्गद्वार श्मशान घाट ले गया। लेकिन दाह संस्कार से पहले, सभी ने देखा कि वह जीवित थीं।
86 वर्षीय पी. लक्ष्मी मूल रूप से आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं। वह ओडिशा के गंजम जिले के पोलसरा में अपनी बेटी के पास आई थीं। 14 तारीख को वह रात को सो गईं, लेकिन सुबह परिवार ने देखा कि उनकी साँसें थम गई हैं। वे तुरंत अस्पताल पहुँचे। डॉक्टरों ने भी लक्ष्मी को मृत घोषित कर दिया। परिवार ने अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू कर दी। वे शव को पुरी के श्मशान घाट ले आए। वे रीति-रिवाजों के अनुसार उसका अंतिम संस्कार करने वाले थे। उसके शरीर को चिता पर रखा गया और अग्नि प्रज्वलित की जाने वाली थी। उसी क्षण, उसका शरीर फिर से जीवित हो गया और साँस लेने लगा। इस घटना के बाद श्मशान घाट में सभी स्तब्ध रह गए।
उसकी साँस लेने की प्रक्रिया बंद हो गई थी। इसलिए हमने सोचा कि वह मर गई है। डॉक्टरों की जाँच के बाद, हम शव को पुरी ले गए। अंतिम संस्कार से पहले, हमने लक्ष्मी की छाती में हलचल देखी। वह फिर से साँस ले रही थी। उसे तुरंत पास के पुरी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने तुरंत उसकी जाँच की और कहा कि वह जीवित है। लक्ष्मी की बेटी ने कहा, वर्तमान में उसकी हालत स्थिर है।
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