एक बार, गौतम बुद्ध ने अपने अनुयायियों को संबोधित किया। इस दौरान, लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उनके पास आते थे और संतुष्ट होकर लौटते थे। एक गरीब व्यक्ति ने देखा कि सभी लोग खुश और समृद्ध हैं, जिससे वह बहुत चकित हुआ।
कुछ समय बाद, वह गरीब व्यक्ति अपनी समस्या लेकर बुद्ध के पास गया, प्रणाम किया और बोला, 'भगवान, इस गांव में सभी लोग खुशहाल हैं, लेकिन मैं ही गरीब क्यों हूं?'
दूसरों की मदद करने का महत्व
गौतम बुद्ध ने उत्तर दिया, 'तुम गरीब हो क्योंकि तुमने किसी को कुछ नहीं दिया।' गरीब व्यक्ति ने कहा, 'भगवान, मेरे पास देने के लिए कुछ नहीं है।'
बुद्ध ने कहा, 'ईश्वर ने तुम्हें मुस्कान दी है, जिससे तुम दूसरों में आशा जगा सकते हो। तुम मीठी बातें कर सकते हो और दोनों हाथों से मदद कर सकते हो। ये सब तुम्हारे पास हैं, तो तुम कैसे गरीब हो? निर्धनता केवल मन का भ्रम है। इसे अपने मन से निकाल दो।'
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