गुरुनानक के जीवन में कई ऐसे प्रसंग हैं जो हमें सुख और सफलता के रहस्यों से अवगत कराते हैं। यदि हम इन शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें, तो कठिनाइयों से बच सकते हैं। आज हम आपको गुरु नानक की एक प्रेरणादायक कहानी सुनाते हैं।
एक बार एक किसान ने बालक गुरुनानक से कहा कि वह तीर्थ यात्रा पर जाना चाहता है और चार दिन बाद लौटेगा। उसने कहा कि जब तक वह वापस नहीं आता, गुरुनानक को उसके खेत की देखभाल करनी होगी। किसान ने वादा किया कि लौटने पर वह उसे एक बोरी अनाज देगा, जबकि उसके खेत में केवल 10 बोरी अनाज था। बालक गुरुनानक ने उसकी बात मान ली।
अगले दिन, जब बालक गुरुनानक खेत की देखभाल कर रहे थे, अचानक चिड़ियों का एक झुंड वहां आ गया। इस पर उन्हें किसान की फसल की चिंता हुई। उन्होंने भगवान से प्रार्थना की कि चिड़ियों को कुछ न हो और किसान का अनाज कम न हो। इतना कहकर उन्होंने ध्यान लगाया।
जब किसान तीर्थ यात्रा से लौटे, तो उन्होंने देखा कि चिड़ियों ने फसल को नुकसान पहुंचाया है। वह क्रोधित हो गए और गुरुनानक से पूछा कि क्या उन्हें यह नहीं दिखाई दे रहा। गुरुनानक ने उन्हें आश्वासन दिया कि भगवान उनकी फसल को सुरक्षित रखेंगे और उन्हें 10 बोरी अनाज मिलेगा।
जब किसान ने फसल काटी, तो उसे 10 बोरी के बजाय 11 बोरी अनाज मिला। इस पर किसान गुरु नानक के चरणों में गिर पड़ा और कहा कि आप महान हैं।
कहानी से सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जिनका भगवान पर अटूट विश्वास होता है, उनके साथ कभी गलत नहीं होता।
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