केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाए हैं। वित्त मंत्रालय ने आयोग के लिए 35 पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो यह संकेत देता है कि सरकार जल्द ही वेतन आयोग की संरचना और कार्यों को औपचारिक रूप दे सकती है। इससे लगभग 1.5 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ मिलने की संभावना है।
आयोग के लिए 35 पदों पर नियुक्ति
वित्त मंत्रालय द्वारा 7 अप्रैल को जारी एक परिपत्र के अनुसार, 5वें वेतन आयोग के लिए 3 पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी, जो प्रतिनियुक्ति के आधार पर होंगी। इन अधिकारियों का कार्यकाल आयोग के गठन की तारीख से प्रभावी होगा।
परिपत्र में बताया गया है कि ये नियुक्तियां कर्मचारी और प्रशिक्षण विभाग (DOPT) के दिशानिर्देशों के अनुसार की जाएंगी। संबंधित विभागों से योग्य अधिकारियों के नाम मांगे गए हैं।
8वें वेतन आयोग के संभावित मुद्दे
8वें वेतन आयोग में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं। इसमें फिटमेंट कारक में वृद्धि सबसे प्रमुख है। वर्तमान में फिटमेंट कारक 2.57 है, जिसे 2.85 तक बढ़ाने की संभावना है। इससे सभी सरकारी कर्मचारियों और पेंशनरों का मूल वेतन बढ़ेगा।
इसके अतिरिक्त, मौजूदा महंगाई भत्ते को नए मूल वेतन में समाहित किया जा सकता है, जो महंगाई भत्ते और अन्य भत्तों की गणना करेगा। एचआरए और टीए में भी सुधार की संभावना है।
वेतन वृद्धि की संभावनाएं
यदि किसी सरकारी कर्मचारी का मूल वेतन 5 लाख रुपये है और वह दिल्ली में कार्यरत है (जहां एचआरए 5% है), तो अनुमानित गणना इस प्रकार हो सकती है:
- बुनियादी वेतन × फिटमेंट कारक (2.85) = रु। 1,42,500
- + एचआरए (1,3) = 1,3,3 (अनुमानित कुल वेतन)
ये आंकड़े केवल उदाहरण के लिए हैं, सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक गणना जारी नहीं की है।
आयोग का कार्यान्वयन
7वें वेतन आयोग को 1 जनवरी, 2016 से लागू किया गया था और परंपरा के अनुसार, पेरोल हर 10 साल में लागू होता है। इस संदर्भ में, 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू किया जा सकता है।
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