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युद्ध के बिना हार! पाकिस्तानी सेना को बड़ा झटका; बलूच विद्रोहियों ने मंगोचर पर कब्ज़ा किया

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इस्लामाबाद/नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले ने जहां पहले ही भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी है, वहीं अब पाकिस्तान को एक और बड़ा झटका लगा है। बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मंगोचर शहर पर कब्ज़ा कर लिया है और बताया गया है कि इस झड़प में पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है।

एक वीडियो भी वायरल हुआ है जिसमें बलूच विद्रोही सरकारी कार्यालयों और सैन्य शिविरों पर हमला करते हुए पूरे शहर पर अपना प्रभाव स्थापित करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंध तनावपूर्ण हो गए हैं, और भारत की ओर से संभावित कार्रवाई के डर से पाकिस्तान ने अपनी पश्चिमी सीमा पर बड़ी सैन्य गतिविधियां शुरू कर दी हैं।

मंगोचर में खूनी संघर्ष: पाकिस्तानी सेना पर जानलेवा हमला

बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने मंगोचर में पाकिस्तानी सेना के शिविर पर सीधा हमला किया। हमले के बाद इलाके में भारी गोलीबारी और विस्फोट हुए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में स्पष्ट रूप से सरकारी भवनों पर विद्रोहियों का नियंत्रण दिख रहा है।

बताया जा रहा है कि इस हमले में कई पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं और यह भी माना जा रहा है कि विद्रोहियों ने सेना के हथियारों पर कब्जा कर लिया है। बीएलए के दावे के अनुसार, उन्होंने 50 सुरक्षाकर्मियों की हत्या की है और 214 बंधकों की निर्मम हत्या की है। हालाँकि, पाकिस्तानी सरकार इन आंकड़ों से इनकार करती है और दावा करती है कि केवल 18 सैनिक और 33 नागरिक मारे गए।

पहलगाम हमले के बाद तनाव पाकिस्तान के लिए सिरदर्द बना

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में पहलगाम के निकट बैसरन मैदान पर आतंकवादियों के हमले में एक स्थानीय गाइड समेत 26 लोग मारे गए थे। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ‘रेसिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली है। हालाँकि, कुछ दिनों बाद उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि यह हमला पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के हिंदू विरोधी बयान के ठीक एक हफ्ते बाद हुआ है, यही वजह है कि भारत ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।

बलूचिस्तान में प्रकोप, आंतरिक अस्थिरता के संकेत

पिछले कुछ महीनों में बलूचिस्तान में उग्रवादी घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है। 26 अप्रैल को एक आईईडी विस्फोट में 10 अर्धसैनिक बल के जवान मारे गए, जिसकी जिम्मेदारी बीएलए ने ली। अगले कदम के रूप में अब मंगोचर में सेना के खिलाफ सीधी लड़ाई शुरू कर दी गई है। इस घटना ने पाकिस्तानी सरकार की चौंकाने वाली कमजोरी को उजागर कर दिया है। पाकिस्तान के लिए यह बहुत शर्म की बात है कि देश के पश्चिमी भाग में सेना इतने बड़े पैमाने पर पराजित हो गई है, तथा शहरों पर विद्रोहियों का कब्जा हो गया है।

भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच गंभीर स्थिति

मंगोचर की घटनाओं और पहलगाम हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक और सैन्य तनाव को बढ़ा दिया है। जबकि पाकिस्तान ने संभावित भारतीय कार्रवाई की आशंका में सीमा पर गतिविधियां शुरू कर दी हैं, वहीं बलूचिस्तान में आंतरिक उग्रवाद ने पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं पर बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा कर दिया है।

पाकिस्तानी सेना वस्तुतः युद्ध शुरू होने से पहले ही बलूचिस्तान में हार चुकी है, और इससे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस्लामाबाद की स्थिति और कमजोर हो गई है। बलूचिस्तान में उग्रवाद और पहलगाम हमले ने दक्षिण एशिया में एक बार फिर संघर्ष भड़कने का खतरा पैदा कर दिया है। अब पूरी दुनिया का ध्यान भारत-पाकिस्तान संबंधों और बलूच विद्रोहियों के अगले कदमों पर केंद्रित है।

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