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केंद्रीय कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर: शुरू हुई मीटिंग्स, ₹26,000-₹30,000 तक बढ़ सकती है सैलरी, जानें कौन से फैक्टर्स बनेंगे गेम-चेंजर?

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नई दिल्ली, 9 अगस्त 2025: केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (Central Government Employees) के बीच लंबे समय से जिस 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) की चर्चा है, उससे जुड़ी मीटिंग्स का दौर अब शुरू हो चुका है, जिससे कर्मचारियों में उम्मीद की लहर दौड़ गई है। हालांकि, अभी किसी भी अंतिम निर्णय पर पहुंचना जल्दबाजी होगी, लेकिन यह पहला कदम भविष्य में होने वाले बड़े बदलावों की ओर इशारा कर रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि 1 जनवरी 2026 से नया वेतनमान लागू हो सकता है, और इसमें केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में ₹26,000 से ₹30,000 तक का इज़ाफ़ा देखने को मिल सकता है।लेकिन, इस 'पगार' के इजाफे का असली आधार क्या होगा? कर्मचारी संगठनों और सरकार के बीच होने वाली चर्चाओं में कौन से कारक (Factors) महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे, यह जानना सभी कर्मचारियों के लिए आवश्यक है।8वें वेतन आयोग से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें जो कर्मचारियों के लिए हैं 'मायने रखती हैं':फिटमेंट फैक्टर (Fitment Factor) पर सहमति:क्या है ये? फिटमेंट फैक्टर वह गुणांक (Multiplier) है, जिससे कर्मचारियों के मौजूदा मूल वेतन (Basic Pay) को गुणा करके नया मूल वेतन तय किया जाता है। 7वें वेतन आयोग में इसे 2.57 गुना रखा गया था।कर्मचारियों की मांग: कर्मचारी संगठन फिटमेंट फैक्टर को बढ़ाकर 3.68 करने की मांग कर रहे हैं, ताकि सैलरी में ज़्यादह इजाफा हो सके। वहीं, सरकार अपनी ओर से इसका कोई नया प्रस्ताव या संशोधन पेश कर सकती है। इसी पर बैठकों में अहम चर्चा होगी।महंगाई भत्ता (DA) का विलय और उसका कैलकुलेशन:महंगाई की मार: कर्मचारियों का वेतन सिर्फ मूल वेतन पर ही नहीं, बल्कि महंगाई भत्ते (Dearness Allowance) पर भी निर्भर करता है। DA, जीवन यापन की बढ़ती लागत (Cost of Living) के अनुसार मूल वेतन का एक प्रतिशत होता है।DA का वर्तमान स्तर: चूंकि DA एक निश्चित स्तर (जैसे 50%) तक पहुंचने पर मर्ज (Merger) होने का प्रावधान होता है, इसलिए 8वें वेतन आयोग में DA के मौजूदा स्तर को मूल वेतन में किस प्रकार एकीकृत किया जाएगा, यह एक महत्वपूर्ण विषय होगा। कर्मचारी चाहते हैं कि DA को वर्तमान स्लैब से आगे ले जाया जाए और भविष्य में इसके लिए एक नई और न्यायसंगत कैलकुलेशन प्रक्रिया लागू हो।भत्ते (Allowances) की समीक्षा:क्या होंगे बदलाव? 7वें वेतन आयोग के तहत कई भत्ते (जैसे HRA - हाउस रेंट अलाउंस, ट्रांसपोर्ट अलाउंस, स्पेशल अलाउंस) तय किए गए थे। 8वें वेतन आयोग में इन सभी भत्तों की समीक्षा की जाएगी।कर्मचारियों की उम्मीद: महंगाई और काम की प्रकृति को देखते हुए, कर्मचारियों को उम्मीद है कि इन भत्तों में वृद्धि हो या उनके कैलकुलेशन का आधार अधिक व्यावहारिक बनाया जाए।पेंशन (Pension) और ग्रेच्युटी (Gratuity) में सुधार:सेवानिवृत्त कर्मचारियों का मुद्दा: वेतन आयोग सिर्फ मौजूदा कर्मचारियों के लिए ही नहीं, बल्कि सेवानिवृत्त हो चुके कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी पर भी अपने सुझाव देता है।पुरानी मांगें: कई कर्मचारी संगठन लंबे समय से वन-रैंक-वन-पेंशन (OROP) जैसे मुद्दों को और बेहतर तरीके से लागू करने और पेंशन फॉर्मूले में सुधार की मांग कर रहे हैं। 8वें वेतन आयोग में इस पर भी ध्यान दिया जा सकता है।न्यूनतम वेतन (Minimum Pay) का निर्धारण:एक नई शुरुआत: सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन तय करना होगा। फिटमेंट फैक्टर के साथ-साथ, न्यूनतम वेतन का निर्धारण यह तय करेगा कि किसी भी केंद्रीय सरकारी कर्मचारी की शुरुआती सैलरी कितनी होगी।₹26,000 - ₹30,000 का अनुमान: इसी न्यूनतम वेतन के आधार पर, यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार के अगले वेतन ढांचे में शुरुआती सैलरी ₹26,000 से ₹30,000 प्रति माह तक जा सकती है।आगे क्या?मीटिंग्स का पहला दौर आमतौर पर इन मुद्दों पर प्रारंभिक चर्चा और राय-सुझाव इकट्ठा करने का एक अवसर होता है। इसमें केंद्रीय कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों, विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों और वित्तीय विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। इन चर्चाओं के बाद ही रिपोर्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू होगी।केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी पुख्ता ऐलान के लिए आधिकारिक घोषणाओं का इंतजार करें और झूठी अफवाहों से बचें। 8वें वेतन आयोग का गठन और नई सिफारिशों का कार्यान्वयन एक लंबी प्रक्रिया है, जिसमें कई दौर की बातचीत और सरकारी मंज़ूरी शामिल होती है।
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