पटना: बिहार में विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान हो चुका है। वोटिंग दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को होगी और मतगणना 14 नवंबर को होगी। इसके साथ चुनाव के नतीजे सामने आ जाएंगे। चुनाव में पार्टियां जनता को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रही हैं। लेकिन जनता के मन में सबसे बड़े मुद्दे बेरोजगारी और भ्रष्टाचार हैं। आईएएनस-मार्टिज (IANS-Matrize) के सर्वे के मुताबिक ये दोनों मुद्दे बिहार के विधानसभा चुनाव में सबसे अहम हैं। इसके अलावा राज्य की खराब शिक्षा व्यवस्था भी लोगों के लिए चिंता का विषय है। नौ फीसदी लोगों का मानना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जनता की राय बनाने और वोट तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे, ऐसा है।
IANS-Matrize सर्वे में सामने आया है कि 24 फीसदी लोग बेरोजगारी को बिहार चुनावों का सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। वहीं 10 फीसदी लोगों के लिए भ्रष्टाचार सबसे महत्वपूर्ण है। सिर्फ 3 फीसदी लोग शराबबंदी को एक मुद्दा मानते हैं। 5 फीसदी लोगों का कहना है कि कानून-व्यवस्था चुनाव के नतीजे तय करेगी, जबकि 7 फीसदी लोगों के लिए बढ़ती महंगाई एक अहम मुद्दा है।
शिक्षा व्यवस्था को 8 फीसदी लोगों ने मुद्दा बताया
सर्वे में यह भी पता चला है कि 2 फीसदी लोग खराब स्वास्थ्य सेवाओं को, 8 फीसदी शिक्षा व्यवस्था को और 4 फीसदी कृषि और खेती को वोटिंग के लिए अहम मुद्दे मानते हैं। केवल 1 फीसदी लोगों ने बाढ़ को, 4 फीसदी ने पलायन को, 2 फीसदी ने राज्य के विकास को और 3 फीसदी ने शराबबंदी को मुख्य चुनावी मुद्दा बताया।
इस सर्वे के तहत बिहार में हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर भी लोगों की राय जानी। 54 फीसदी लोगों ने चुनाव आयोग की इस पहल की तारीफ की, जबकि 17 फीसदी लोगों ने इसे जरूरी बताया। 13 फीसदी लोगों का मानना था कि यह सत्ताधारी गठबंधन को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था, और 16 फीसदी लोगों ने कोई राय नहीं दी।
बिहार चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
सर्वे के अनुसार, एनडीए गठबंधन बिहार में सरकार बनाने की राह पर है। एनडीए को 243 में से 150 से 160 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन गठबंधन को 70 से 85 सीटें मिल सकती हैं।
(इनपुट आईएएनएस से)
IANS-Matrize सर्वे में सामने आया है कि 24 फीसदी लोग बेरोजगारी को बिहार चुनावों का सबसे बड़ा मुद्दा मानते हैं। वहीं 10 फीसदी लोगों के लिए भ्रष्टाचार सबसे महत्वपूर्ण है। सिर्फ 3 फीसदी लोग शराबबंदी को एक मुद्दा मानते हैं। 5 फीसदी लोगों का कहना है कि कानून-व्यवस्था चुनाव के नतीजे तय करेगी, जबकि 7 फीसदी लोगों के लिए बढ़ती महंगाई एक अहम मुद्दा है।
शिक्षा व्यवस्था को 8 फीसदी लोगों ने मुद्दा बताया
सर्वे में यह भी पता चला है कि 2 फीसदी लोग खराब स्वास्थ्य सेवाओं को, 8 फीसदी शिक्षा व्यवस्था को और 4 फीसदी कृषि और खेती को वोटिंग के लिए अहम मुद्दे मानते हैं। केवल 1 फीसदी लोगों ने बाढ़ को, 4 फीसदी ने पलायन को, 2 फीसदी ने राज्य के विकास को और 3 फीसदी ने शराबबंदी को मुख्य चुनावी मुद्दा बताया।
इस सर्वे के तहत बिहार में हुए स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) पर भी लोगों की राय जानी। 54 फीसदी लोगों ने चुनाव आयोग की इस पहल की तारीफ की, जबकि 17 फीसदी लोगों ने इसे जरूरी बताया। 13 फीसदी लोगों का मानना था कि यह सत्ताधारी गठबंधन को चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए किया गया था, और 16 फीसदी लोगों ने कोई राय नहीं दी।
बिहार चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे
चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है। बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 121 सीटों पर 6 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
सर्वे के अनुसार, एनडीए गठबंधन बिहार में सरकार बनाने की राह पर है। एनडीए को 243 में से 150 से 160 सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि महागठबंधन गठबंधन को 70 से 85 सीटें मिल सकती हैं।
(इनपुट आईएएनएस से)
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