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यूपी में श्रम कानूनों से खत्म होंगे आपराधिक प्रावधान, जुर्माने पर जोर, सीएम योगी ने किया बड़ा ऐलान

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लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रम कानूनों को लेकर बड़ी घोषणा की है। दरअसल, सीएम योगी ने गुरुवार को अपने सरकारी आवास पर श्रम कानून विभाग की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने श्रम सुधारों को लेकर बड़ा ऐलान किया। सीएम योगी ने कहा कि अब यूपी में श्रम कानून उल्लंघन पर जेल की बजाय जुर्माना को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उद्योगों के सुचारू संचालन के साथ ही श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।



मुख्यमंत्री ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियों को श्रमिकों का शोषण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रत्येक श्रमिक को उसका पूरा वेतन मिलेगा और किसी भी अतिरिक्त खर्च की जिम्मेदारी सरकार खुद उठाएगी। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि यूपी देश का पहला राज्य होगा जहां उद्योग और व्यापार से जुड़े 13 राज्य अधिनियमों में लगभग 99 फीसदी आपराधिक प्रावधानों को हटाकर उन्हें गैर-आपराधिक श्रेणी में बदला जाएगा।



महिलाओं के अधिक अवसर पर चर्चाश्रम कानूनों के सरलीकरण पर चर्चा के दौरान फैक्ट्री लाइसेंस की अवधि बढ़ाने, दुकानों और प्रतिष्ठानों से जुड़े नियमों में व्यावहारिक बदलाव करने पर चर्चा की गई। इसके साथ ही महिलाओं को अधिक अवसर उपलब्ध कराने के प्रस्ताव पेश हुए। सीएम योगी ने कहा कि निरीक्षण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए स्व-सत्यापन और थर्ड पार्टी ऑडिट की प्रणाली लागू की जाएगी।



निवेश मित्र का आएगा नया वर्जनसीएम योगी ने निवेश मित्र 3.0 की रूपरेखा प्रस्तुत की। यह नया वर्जन होगा। इसके तहत आवेदन और अनुमोदन प्रक्रिया पूरी तरह डिजिटल होगी। इसमें कॉमन एप्लिकेशन फॉर्म, पैन-आधारित पहचान, स्मार्ट डैशबोर्ड, बहुभाषी सहायता और एआई चैटबॉट जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि निवेशकों की शिकायतों का समयबद्ध समाधान सुनिश्चित हो और नया संस्करण जल्द लॉन्च किया जाए, ताकि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को नई मजबूती मिले।

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