नई दिल्ली: नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी यानी NIA ने दिल्ली ब्लास्ट की जांच शुरू कर दी है। जांच एजेंसी अपना एक-एक कदम बेहद सोच समझकर उठा रही है। एक तरफ लाल किले के नजदीक हुए धमाके की जांच कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ अलग-अलग राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर आतंकी मॉड्यूल के खिलाफ धरपकड़ अभियान भी चला रही है। फरीदाबाद से लेकर जम्मू-कश्मीर तक इस समय गिरफ्तारी से लेकर लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने का काम चल रहा है। एक-एक सबूत को इकट्ठा कर आतंकियों के पूरे प्लान को समझा और परखा जा रहा है। लेकिन इस बीच NIA ने एक और बड़ा काम किया है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच के लिए एक डेडिकेटेड जांच टीम का गठन कर दिया है। ये टीम पुलिस अधीक्षक (SP) से लेकर उससे ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काम करेगी। गृह मंत्रालय ने यह काम आतंकी संबंध को ध्यान में रखते हुए किया है। ये पूरा घटनाक्रम खास इसलिए भी है, क्योंकि एक दिन पहले ही औपचारिक तौर पर मामला एनआईए को ट्रांसफर किया गया था और एजेंसी ने केस दर्ज कर तुरंत मामले की डिटेल जांच शुरू कर दी।
टॉप अधिकारियों के साथ अमित शाह की मीटिंगदरअसल, एक दिन पहले यानी चांदनी चौक ब्लास्ट के अगले दिन (11 नवंबर) गृह मंत्री अमित शाह ने जांच एजेंसी और दिल्ली की सिक्योरिटी से जुड़ी सभी सिक्योरिटी फोर्सेस के टॉप अधिकारियों को मीटिंग के बुलाया। इस मीटिंग में हर पहलू को लेकर बातचीत हुई। चर्चा इतनी विस्तार में हुई कि अधिकारियों के साथ अमित शाह ने पूरे सवा घंटे तक बात की। बैठक के बाद जांच को लेकर घटनाक्रम बदलने शुरू हो गए। गृह मंत्रालय ने जांच NIA को सौंपने का फैसला ले लिया और शाम के समय ही दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी और आगे की जांच NIA के हवाले कर दी गई।
डॉ. शाहीन के पिता ने मीडियो को क्या बताया?
क्या हुआ था चांदनी चौक में हमले वाली शाम?दरअसल, आम दिनों की तरह लाल किले के सामने उस दिन (10 नवंबर) सब कुछ सामान्य था। लोगों की भीड़ लगी हुई थी और सभी या तो घूमने के लिए वहां पहुंचे थे या कुछ खरीदारी कर रहे थे। इस दौरान ही एक I-20 कार लाल किले से करीब 500 मीटर दूर चांदनी चौक की पार्किंग की तरफ बढ़ रही थी। इस दौरान शाम के करीब 6.55 बजे अचानक कार में जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के लोगों को लगा जैसे भूकंप आ गया है। भीड़ यहां-वहां भागने लगी। आसपास मांस के लोथड़े बिखरे पड़े थे। तब से लेकर अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। 20 के करीब लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली कार ब्लास्ट की जांच के लिए एक डेडिकेटेड जांच टीम का गठन कर दिया है। ये टीम पुलिस अधीक्षक (SP) से लेकर उससे ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों की निगरानी में काम करेगी। गृह मंत्रालय ने यह काम आतंकी संबंध को ध्यान में रखते हुए किया है। ये पूरा घटनाक्रम खास इसलिए भी है, क्योंकि एक दिन पहले ही औपचारिक तौर पर मामला एनआईए को ट्रांसफर किया गया था और एजेंसी ने केस दर्ज कर तुरंत मामले की डिटेल जांच शुरू कर दी।
टॉप अधिकारियों के साथ अमित शाह की मीटिंगदरअसल, एक दिन पहले यानी चांदनी चौक ब्लास्ट के अगले दिन (11 नवंबर) गृह मंत्री अमित शाह ने जांच एजेंसी और दिल्ली की सिक्योरिटी से जुड़ी सभी सिक्योरिटी फोर्सेस के टॉप अधिकारियों को मीटिंग के बुलाया। इस मीटिंग में हर पहलू को लेकर बातचीत हुई। चर्चा इतनी विस्तार में हुई कि अधिकारियों के साथ अमित शाह ने पूरे सवा घंटे तक बात की। बैठक के बाद जांच को लेकर घटनाक्रम बदलने शुरू हो गए। गृह मंत्रालय ने जांच NIA को सौंपने का फैसला ले लिया और शाम के समय ही दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंप दी और आगे की जांच NIA के हवाले कर दी गई।
डॉ. शाहीन के पिता ने मीडियो को क्या बताया?
#WATCH | Delhi car blast | Lucknow, UP: Father of Shaheen, one of the suspects, says, "My house has been searched. They found nothing. I will not tell anything anymore, even if you bring a court order... I dont want to say anything..." (11.11) pic.twitter.com/9griU0LEzJ
— ANI (@ANI) November 12, 2025
क्या हुआ था चांदनी चौक में हमले वाली शाम?दरअसल, आम दिनों की तरह लाल किले के सामने उस दिन (10 नवंबर) सब कुछ सामान्य था। लोगों की भीड़ लगी हुई थी और सभी या तो घूमने के लिए वहां पहुंचे थे या कुछ खरीदारी कर रहे थे। इस दौरान ही एक I-20 कार लाल किले से करीब 500 मीटर दूर चांदनी चौक की पार्किंग की तरफ बढ़ रही थी। इस दौरान शाम के करीब 6.55 बजे अचानक कार में जोरदार धमाका हुआ। धमाका इतना तेज था कि आसपास के लोगों को लगा जैसे भूकंप आ गया है। भीड़ यहां-वहां भागने लगी। आसपास मांस के लोथड़े बिखरे पड़े थे। तब से लेकर अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। 20 के करीब लोग घायल हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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