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भारत के हमले से चीन के डिफेंस स्टॉक्स धड़ाम, JF-17 फाइटर जेट बनाने वाली कंपनी के शेयर में 9% की गिरावट

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नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान ने चीन के हथियारों का इस्तेमाल किया। अब दोनों देशों के बीच सीजफायर हो चुका है। करीब चार दिन तक चले इस संघर्ष में भारतीय सेना का पाकिस्तान के हर हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया। हमले के दौरान चीन के डिफेंस स्टॉक रॉकेट हो गए थे, लेकिन अब इनका दम निकल गया है। चीन के डिफेंस स्टॉक्स मंगलवार को 9 फीसदी तक गिर गए।भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध रुकने के बाद चीन की बड़ी रक्षा कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है। 13 मई को हैंग सेंग चाइना ए एयरोस्पेस एंड डिफेंस इंडेक्स 3% नीचे कारोबार कर रहा था। एवीआईसी चेंगदू (AVIC Chengdu) के शेयर 9.31% और झूजोउ होंगडा (Zhuzhou Hongda) के शेयर 6.42% तक गिर गए। एवीआईसी चेंगदू कंपनी JF-17 थंडर और J-10C फाइटर जेट बनाती है। वहीं झूजोउ कंपनी PL-15 मिसाइल बनाती है। क्यों आई गिरावट?चीन के डिफेंस स्टॉक्स में गिरावट का सबसे बड़ा कारण चीनी हथियारों का फुस्स निकलना है। दरअसल, पाकिस्तान ने इस संघर्ष में चीन में बने हथियारों का इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने संसद में कहा था कि भारत के लड़ाकू विमानों से लड़ने के लिए चीन में बने J-10C विमानों का इस्तेमाल किया गया था।भारत के जवाबी हमले में चीन में बने हथियार टिक नहीं पाए। भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान के साथ संघर्ष में PL-15 मिसाइल को मार गिराया था। इस घटना के बाद चीन की मिसाइल टेक्नोलॉजी की असलियत पर सवाल उठने लगे हैं। शायद इसी वजह से निवेशकों का भरोसा झूजोउ होंगडा कंपनी से कम हो गया और इसके शेयर में गिरावट आ गई। चीन के कितने हथियार?SIPRI के आंकड़ों के अनुसार, चीन 2020-24 में पाकिस्तान को हथियार बेचने वाला सबसे बड़ा देश था। पाकिस्तान के 81% हथियार चीन से आए थे। नीदरलैंड 5.5% के साथ दूसरे और तुर्की 3.8% के साथ तीसरे स्थान पर था। पाकिस्तान ने भारत के साथ लड़ाई में तुर्की के ड्रोन का भी इस्तेमाल किया था। इसमें भी आई गिरावटचीन की कई डिफेंस कंपनियों के शेयर में मंगलवार को गिरावट आई। एवीआईसी एयरोस्पेस के हांगकांग में लिस्टेड शेयरों में भी 2% से ज्यादा की गिरावट आई। यह कंपनी सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर बनाती है।
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