लखनऊ: पूर्व सहकर्मी ने एसएसबी के जवानों समेत 10 लोगों को शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने पर मुनाफे का झांसा देकर 92.48 लाख रुपये ठग लिए। आरोपित ने निवेश करने पर प्रतिमाह 10 प्रतिशत मुनाफ का झांसा दिया था। पीड़ितों का आरोप है कि सैकड़ों लोगों की ट्रेडिंग में निवेश का झांसा दे वह रुपये लेकर दुबई भाग गया। मोहनलालगंज पुलिस ने सात लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
बिंदीवा स्थित एसएसबी केंद्र में तैनात सिपाही वीरेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि करीब तीन साल पहले आरोपित पूर्व एसएसबी कर्मी गुरमीत सिंह ने संपर्क कर झांसा दिया कि उसने स्टाइल-ओ एंटरप्राइजेज, स्टाइल-ओ क्वाइन और शैली नाम से कंपनी शुरू की है। उसके साथी तारा चंद ने शाबू ट्रेडर्स नाम की कंपनी शुरू की है। आरोपितों ने एसएसबी और अन्य अर्धसैनिक बलों में सेवारत कर्मियों को टारगेट किया।
आरोपित ने व्हॉस्टऐप, जूम ऐप और टेलीग्राम के जरिए संपर्क कर कंपनी में निवेश के लिए समझाया। आश्वासन दिया कि प्रतिमाह 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिमाह मुनाफा मिलेगा। आश्वासन दिया था कि जरूरत पड़ने पर मूलधन व मुनाफे में 10 प्रतिशत काटकर वापस करने की बात कही थी। आरोपितों ने दावा किया कि कारोबार विदेश तक फैला है। कंपनी ने रियल एस्टेट में भी काम कर रही है। पीड़ित ने चताया कि गुरमीत कर्मचारियों को फर्म की फ्रेंचाइजी देने का टारगेट देता था। कंपनी में अधिक निवेश करवाने वाले को महंगे गिफ्ट व कार तक शुरुआत में दी गई थी।
लोन लेकर रुपये निवेश किएपीड़ित जवानों ने 2023 से 2025 तक 92,48,839 रुपये का निवेश किए। पीड़ित के मुताबिक उन्होंने व उनके साथियों ने लोन लेकर रुपये निवेश किए थे। कुछ लोगों ने जमीन बेचकर आरोपित को निवेश के लिए रुपये दिए थे। पीडित को दावा है कि 4000 जवान व अन्य लोगों के रुपये आरोपितों ने हड़प लिए हैं। पीड़ितों को रुपये की जरूरत पड़ी तो पता चला कि गुरमीत सिंह दुबई में रह रहा है। तहरीर के आधार पर मोहनलालगंज पुलिस ने जम्मू कश्मीर निवासी आरोपित गुरमीत सिंह, तारा चंद, नरेश चौधरी, मुस्कान चौधरी, सुनील चौधरी, विशाल चौधरी और गुरजीत सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
फर्जी वेबसाइट भी बनाईपीडितों के मुताबिक आरोपित ने सेफप्लॉन के नाम से एक वेबसाइट बनाई। सभी निवेशकों की उस वेबसाइट की आईडी बनाकर दी गई। वेबसाइट पर पीड़ितों को निवेश किए गए रुपये, मुनाफा व अन्य योजनाएं दिखती थीं। वेबसाइट बंद होने पर आरोपित ने तर्क दिया कि भारत में कारोबार करना मुश्किल है। सरकार ने कई खाते फ्रीज कर दिए हैं। आरोपित ने यूएसडी स्टैंक नाम से दूसरी वेबसाइट से फर्जीवाड़ा शुरू किया।
ई-पाउंड क्रिप्टो करेंसी बनाईपीड़ित ने चताया कि कंपनी ने यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी की जगह ई-पाउंड क्रिप्टो करेंसी तैयार की, उसका वॉलेट भी तैयार करवाया गया। ई-पाउंड को सेल या होल्ड करने के बारे में जानकारी दी गई। ट्रस्ट वॉलेट ऐप इंस्टॉल करवाकर खेल किया। पीड़ितों ने बताया कि गुरमीत सिंह ने अधिक धन कमाने का लालच देकर कई जवानों की नौकरी छुड़वा दी। उन जवानों की मदद से अर्धसैनिक बलों और अन्य केंद्रीय पुलिस बलों के बीच अपनी पैठ बनाई।
राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़ा है जीजापीड़ित वीरेंद्र ने बताया कि गुरमीत का जीजा राकेश चौधरी जम्मू में फर्जीवाड़े का कारोबार कर रहा है। साल 2024 में जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में हीरानगर विधानसभा सीट से राकेश कांग्रेस प्रत्याशी था। वह चुनाव हार गया था। जीजा को चुनाव लड़ाने के लिए जूम मीटिंग के जरिए बड़े स्तर पर रुपये की फंडिंग करवाई थी।
इनसे हुआ फ्रॉड
बिंदीवा स्थित एसएसबी केंद्र में तैनात सिपाही वीरेंद्र सिंह ने पुलिस को बताया कि करीब तीन साल पहले आरोपित पूर्व एसएसबी कर्मी गुरमीत सिंह ने संपर्क कर झांसा दिया कि उसने स्टाइल-ओ एंटरप्राइजेज, स्टाइल-ओ क्वाइन और शैली नाम से कंपनी शुरू की है। उसके साथी तारा चंद ने शाबू ट्रेडर्स नाम की कंपनी शुरू की है। आरोपितों ने एसएसबी और अन्य अर्धसैनिक बलों में सेवारत कर्मियों को टारगेट किया।
आरोपित ने व्हॉस्टऐप, जूम ऐप और टेलीग्राम के जरिए संपर्क कर कंपनी में निवेश के लिए समझाया। आश्वासन दिया कि प्रतिमाह 7.5 प्रतिशत से 10 प्रतिमाह मुनाफा मिलेगा। आश्वासन दिया था कि जरूरत पड़ने पर मूलधन व मुनाफे में 10 प्रतिशत काटकर वापस करने की बात कही थी। आरोपितों ने दावा किया कि कारोबार विदेश तक फैला है। कंपनी ने रियल एस्टेट में भी काम कर रही है। पीड़ित ने चताया कि गुरमीत कर्मचारियों को फर्म की फ्रेंचाइजी देने का टारगेट देता था। कंपनी में अधिक निवेश करवाने वाले को महंगे गिफ्ट व कार तक शुरुआत में दी गई थी।
लोन लेकर रुपये निवेश किएपीड़ित जवानों ने 2023 से 2025 तक 92,48,839 रुपये का निवेश किए। पीड़ित के मुताबिक उन्होंने व उनके साथियों ने लोन लेकर रुपये निवेश किए थे। कुछ लोगों ने जमीन बेचकर आरोपित को निवेश के लिए रुपये दिए थे। पीडित को दावा है कि 4000 जवान व अन्य लोगों के रुपये आरोपितों ने हड़प लिए हैं। पीड़ितों को रुपये की जरूरत पड़ी तो पता चला कि गुरमीत सिंह दुबई में रह रहा है। तहरीर के आधार पर मोहनलालगंज पुलिस ने जम्मू कश्मीर निवासी आरोपित गुरमीत सिंह, तारा चंद, नरेश चौधरी, मुस्कान चौधरी, सुनील चौधरी, विशाल चौधरी और गुरजीत सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
फर्जी वेबसाइट भी बनाईपीडितों के मुताबिक आरोपित ने सेफप्लॉन के नाम से एक वेबसाइट बनाई। सभी निवेशकों की उस वेबसाइट की आईडी बनाकर दी गई। वेबसाइट पर पीड़ितों को निवेश किए गए रुपये, मुनाफा व अन्य योजनाएं दिखती थीं। वेबसाइट बंद होने पर आरोपित ने तर्क दिया कि भारत में कारोबार करना मुश्किल है। सरकार ने कई खाते फ्रीज कर दिए हैं। आरोपित ने यूएसडी स्टैंक नाम से दूसरी वेबसाइट से फर्जीवाड़ा शुरू किया।
ई-पाउंड क्रिप्टो करेंसी बनाईपीड़ित ने चताया कि कंपनी ने यूएसडीटी क्रिप्टो करेंसी की जगह ई-पाउंड क्रिप्टो करेंसी तैयार की, उसका वॉलेट भी तैयार करवाया गया। ई-पाउंड को सेल या होल्ड करने के बारे में जानकारी दी गई। ट्रस्ट वॉलेट ऐप इंस्टॉल करवाकर खेल किया। पीड़ितों ने बताया कि गुरमीत सिंह ने अधिक धन कमाने का लालच देकर कई जवानों की नौकरी छुड़वा दी। उन जवानों की मदद से अर्धसैनिक बलों और अन्य केंद्रीय पुलिस बलों के बीच अपनी पैठ बनाई।
राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़ा है जीजापीड़ित वीरेंद्र ने बताया कि गुरमीत का जीजा राकेश चौधरी जम्मू में फर्जीवाड़े का कारोबार कर रहा है। साल 2024 में जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में हीरानगर विधानसभा सीट से राकेश कांग्रेस प्रत्याशी था। वह चुनाव हार गया था। जीजा को चुनाव लड़ाने के लिए जूम मीटिंग के जरिए बड़े स्तर पर रुपये की फंडिंग करवाई थी।
इनसे हुआ फ्रॉड
- दतिया निवासी आशीष कुमार पांडेय से 4 लाख रुपये।
- जम्मू-कश्मीर निवासी एएसआई राजकुमार से 4 लाख।
- जिल गाजीपुर निवासी संदीप सिंह से 14 लाख रुपये।
- राजस्थान निवासी मनोज कुमार यादव से 4 लाख रुपये।
- पीजीआई निवासी अकिरा पांडेय 4.95 लाख रुपये।
- पीजीआई निवासी ज्ञान चद 5 लाख रुपये।
- सैफई मेडिकल कॉलेज के सौरभ से 12.41 लाख रुपये।
- मैनपुरी निवासी वीरेंद्र सिंह से 22 लाख रुपये।
- जयपुर निक्ली संतोष कुमार यादव से 9,92,339 रुपये।
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