नई दिल्ली: देश में पहली बार किसी रेल या मेट्रो ट्रेन की पटरियों पर सोलर पैनल लगाए गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम ( एनसीआरटीसी ) ने दुहाई स्थित नमो भारत डिपो में ‘सोलर ऑन ट्रैक’ नामक अनूठा प्रोजेक्ट शुरू किया है। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत दुहाई डिपो के पिट व्हील ट्रैक पर 70 मीटर लंबे क्षेत्र में 550 वाट पीक क्षमता के 28 सोलर पैनल लगाए गए हैं।
इनकी कुल संयंत्र क्षमता 15.4 किलोवाट पीक है। इससे हर साल करीब 17,500 किलोवाट बिजली पैदा होगी और 16 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। एनसीआरटीसी के अनुसार यह पहल अप्रयुक्त ट्रैक स्पेस का सही उपयोग करते हुए नमो भारत प्रणाली को ‘नेट जीरो एनर्जी’ की दिशा में ले जाएगी। निगम का लक्ष्य है कि उसकी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 70% हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त किया जाए।
इन तरीकों से भी पैदा हो रही एनर्जीएनसीआरटीसी अपनी सौर नीति के तहत स्टेशनों, डिपो और भवनों की छतों पर 15 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा उत्पादन की योजना पर काम कर रहा है। इसमें से 5.5 मेगावाट सौर ऊर्जा पहले से ही पैदा की जा रही है। इसके साथ ही नमो भारत कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकें भी लागू की जा रही हैं, जिससे ट्रेन ब्रेकिंग के दौरान उत्पन्न गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सके।
एनसीआरटीसी का ऐतिहासिक कदमएनसीआरटीसी की ‘सोलर ऑन ट्रैक’ पहल राष्ट्रीय सौर मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है। साथ ही इसे दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में स्वच्छ, हरित और सतत परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस दौरान एनसीआरटीसी ने कहा कि यह पहल न केवल क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन की दिशा में इनावेशन है, बल्कि यह ‘सतत शहरी परिवहन’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
इनकी कुल संयंत्र क्षमता 15.4 किलोवाट पीक है। इससे हर साल करीब 17,500 किलोवाट बिजली पैदा होगी और 16 टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। एनसीआरटीसी के अनुसार यह पहल अप्रयुक्त ट्रैक स्पेस का सही उपयोग करते हुए नमो भारत प्रणाली को ‘नेट जीरो एनर्जी’ की दिशा में ले जाएगी। निगम का लक्ष्य है कि उसकी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 70% हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों से प्राप्त किया जाए।
इन तरीकों से भी पैदा हो रही एनर्जीएनसीआरटीसी अपनी सौर नीति के तहत स्टेशनों, डिपो और भवनों की छतों पर 15 मेगावाट पीक इन-हाउस सौर ऊर्जा उत्पादन की योजना पर काम कर रहा है। इसमें से 5.5 मेगावाट सौर ऊर्जा पहले से ही पैदा की जा रही है। इसके साथ ही नमो भारत कॉरिडोर पर वर्षा जल संचयन, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और रीजनरेटिव ब्रेकिंग सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकें भी लागू की जा रही हैं, जिससे ट्रेन ब्रेकिंग के दौरान उत्पन्न गतिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जा सके।
एनसीआरटीसी का ऐतिहासिक कदमएनसीआरटीसी की ‘सोलर ऑन ट्रैक’ पहल राष्ट्रीय सौर मिशन के उद्देश्यों के अनुरूप है। साथ ही इसे दिल्ली-एनसीआर सहित देशभर में स्वच्छ, हरित और सतत परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। इस दौरान एनसीआरटीसी ने कहा कि यह पहल न केवल क्लीन एनर्जी प्रोडक्शन की दिशा में इनावेशन है, बल्कि यह ‘सतत शहरी परिवहन’ के विजन को साकार करने की दिशा में एक और मजबूत कदम है।
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