नई दिल्ली: यूएसए क्रिकेट (USAC) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए, अपनी कानूनी लड़ाई की सुनवाई से ठीक पहले खुद को दिवालिया घोषित कर दिया है। यह खबर चौंकाने वाली है क्योंकि यह पहली बार हुआ है जब क्रिकेट की अंतरराष्ट्रीय संस्था यानी कि ICC से जुड़े किसी बोर्ड ने ऐसा किया हो। USAC के इस ऐलान के बाद कोर्ट में होने वाली सुनवाई तुरंत रोक दी गई।
बड़ी क्रिकेट लीग चलाने वाली कंपनी से झगड़ा
USAC का यह मामला अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज (ACE) नाम की कंपनी से जुड़ा है। ACE अमेरिका की बड़ी टी20 क्रिकेट लीग मेजर लीग क्रिकेट (MLC) की मालिक है। ये दोनों संस्थाएं मई 2019 से मिलकर काम कर रही थीं, लेकिन USAC ने इस साल की शुरुआत में यह साझेदारी खत्म कर दी। USAC का आरोप था कि ACE ने खिलाड़ियों और स्टाफ को पैसे देने जैसे अपने वादे पूरे नहीं किए। वहीं ACE ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि USAC ने गलत तरीके से समझौता तोड़ा है, जिसके लिए उन्होंने USAC पर मुकदमा कर दिया था।
ACE के एक प्रवक्ता ने USAC के इस कदम पर गुस्सा जताते हुए कहा कि, 'USAC कोर्ट की सुनवाई शुरू होने से पहले ही घबरा गया... यह सिर्फ बोर्ड में बैठे लोगों की अपनी राजनीति और निजी फायदे के लिए उठाया गया कदम है, जिसका क्रिकेट या खिलाड़ियों से कोई लेना-देना नहीं है।'
खिलाड़ियों की सैलरी पर संकट
USAC के दिवालिया होने के आवेदन के बाद अब राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के वेतन का मामला भी कोर्ट के हाथ में चला गया है। इसका मतलब है कि खिलाड़ियों को पैसे मिलने में देरी हो सकती है या उनके काम के कॉन्ट्रैक्ट्स में भी बदलाव आ सकता है।
इससे पहले, ICC और अमेरिकी ओलंपिक कमेटी ने भी USAC बोर्ड से इस्तीफा देने और सुधार करने को कहा था ताकि उन्हें ICC से पैसा मिलना फिर से शुरू हो सके, लेकिन बोर्ड ने बात नहीं मानी थी। कुछ लोग मान रहे हैं कि यह दिवालियापन की घोषणा ICC पर दबाव बनाने की एक चाल भी हो सकती है।
बड़ी क्रिकेट लीग चलाने वाली कंपनी से झगड़ा
USAC का यह मामला अमेरिकन क्रिकेट एंटरप्राइजेज (ACE) नाम की कंपनी से जुड़ा है। ACE अमेरिका की बड़ी टी20 क्रिकेट लीग मेजर लीग क्रिकेट (MLC) की मालिक है। ये दोनों संस्थाएं मई 2019 से मिलकर काम कर रही थीं, लेकिन USAC ने इस साल की शुरुआत में यह साझेदारी खत्म कर दी। USAC का आरोप था कि ACE ने खिलाड़ियों और स्टाफ को पैसे देने जैसे अपने वादे पूरे नहीं किए। वहीं ACE ने इन आरोपों को गलत बताया और कहा कि USAC ने गलत तरीके से समझौता तोड़ा है, जिसके लिए उन्होंने USAC पर मुकदमा कर दिया था।
ACE के एक प्रवक्ता ने USAC के इस कदम पर गुस्सा जताते हुए कहा कि, 'USAC कोर्ट की सुनवाई शुरू होने से पहले ही घबरा गया... यह सिर्फ बोर्ड में बैठे लोगों की अपनी राजनीति और निजी फायदे के लिए उठाया गया कदम है, जिसका क्रिकेट या खिलाड़ियों से कोई लेना-देना नहीं है।'
खिलाड़ियों की सैलरी पर संकट
USAC के दिवालिया होने के आवेदन के बाद अब राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों के वेतन का मामला भी कोर्ट के हाथ में चला गया है। इसका मतलब है कि खिलाड़ियों को पैसे मिलने में देरी हो सकती है या उनके काम के कॉन्ट्रैक्ट्स में भी बदलाव आ सकता है।
इससे पहले, ICC और अमेरिकी ओलंपिक कमेटी ने भी USAC बोर्ड से इस्तीफा देने और सुधार करने को कहा था ताकि उन्हें ICC से पैसा मिलना फिर से शुरू हो सके, लेकिन बोर्ड ने बात नहीं मानी थी। कुछ लोग मान रहे हैं कि यह दिवालियापन की घोषणा ICC पर दबाव बनाने की एक चाल भी हो सकती है।
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