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ग्रेटर नोएडा: दलित युवक के मर्डर केस में 2 और अरेस्ट, सरकारी नौकरी की मांग, सपा-कांग्रेस ने सरकार को घेरा

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ग्रेटर नोएडा: रबूपुरा में पिछले दिनों पिटाई से दलित युवक की मौत मामले में विपक्ष ने सरकार पर सवाल खड़े किए हैं। इस बीच दो और आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पहली गिरफ्तारी रबूपुरा निवासी रचित की हुई। वह यमुना एक्सप्रेसवे से फरार होने की फिराक में था। दूसरे आरोपी अंकित को यमुना सिटी के सेक्टर-18 से गिरफ्तार किया गया। इससे पहले युवराज मीणा और जीतू मीणा को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, पुलिस ने सपा के एक नेता को गांव जाने से रोक दिया और भड़काऊ भाषण पर टोका, जिस पर उन्होंने माफी मांगी।

15 अक्टूबर को सुमित कुमार और अनिकेत को कुछ लोगों ने लाठी-डंडों से पीटा था। 24 अक्टूबर को अनिकेत की इलाज के दौरान मौत हो गई। कार्रवाई की मांग करते हुए अनिकेत के घरवालों ने शुक्रवार को प्रदर्शन किया था। जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ से पीड़ित परिवार की बात कराई थी। सीएम योगी के निर्देश के बाद पुलिस हरकत में आई।

सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता की मांगशनिवार को दलित समाज के लोगों ने मृतक अनिकेत की मां रेखा को सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता के लिए जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह से मुलाकात की। पूर्व सभासद चंद्रशेखर ने बताया कि मृतक के परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। अनिकेत के तीन छोटे भाई-बहन हैं। पिता सतीश बीमार रहते हैं। विधायक ने उन्हें मुख्यमंत्री से मिलकर हरसंभव मदद का भरोसा दिया है। विधायक ने शनिवार को जेवर आए सीएम से भी इस पर बात की।

बुलडोजर एक्शन को लेकर टिप्पणीसपा जिला उपाध्यक्ष विपिन नागर ने सोशल मीडिया पर आरोपियों की जाति को लेकर कमेंट किया और बचाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि अगर आरोपी कोई पिछड़ा दलित या मुसलमान होता और पीड़ित ठाकुर होता तो अब तक उनके घर पर बुलडोजर चल जाता। सपा नेता राहुल अवाना ने मामले में जेवर विधायक को घेरा है। उनका कहना है कि दिवाली से एक दिन पहले ही पीड़ित परिवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ में एक लाख रुपये की आर्थिक मदद दी थी। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. शमा मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया पर सवाल उठाए हैं।
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