नई दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण और बड़े सुधार को अपनाने का फैसला किया है। इसके अंतर्गत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को अनुमति प्रदान की है। इसके साथ ही प्रोक्योरमेंट का बजट लगभग एक लाख करोड़ रुपए तय किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को रक्षा मंत्रालय की राजस्व खरीद प्रक्रिया को सरल, सक्षम और सुव्यवस्थित बनाने की दिशा में यह बड़ा सुधारात्मक कदम उठाया। उन्होंने इसके लिए नए ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ को मंजूरी दी।
रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस सुधारात्मक कदम से भारतीय रक्षा सेवाओं की जरूरतें तेजी और दक्षता से पूरी होंगी। इतना ही नहीं, बल्कि एक ओर जहां सैन्य बलों के लिए आवश्यक खरीद में तेजी आएगी, वहीं आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी बल मिलेगा। साथ ही, भारतीय उद्योग, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को रक्षा क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे, जिससे नवाचार और घरेलू रक्षा उत्पादन को गति मिलेगी।
डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल की विशेषताएं
रक्षा मंत्री के कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ की कई प्रमुख विशेषताएं हैं। इसमें एक व्यापक बजट की व्यवस्था है। बजट आवंटन की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 के लिए रेवेन्यू प्रोक्योरमेंट का बजट लगभग एक लाख करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। सरकार के इस फैसले से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और अधिक बल मिलेगा।
सैन्य उपकरणों की खरीद में तेजी आएगी
रक्षा मंत्रालय का यह मैनुअल सैन्य सेवाओं की रेवेन्यू खरीद को तेज करेगा और भारतीय उद्योग, विशेषकर स्टार्टअप्स व एमएसएमई को सक्षम बनाने हेतु प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा। इससे नवाचार और उद्यम को बढ़ावा मिलेगा। उद्योगों की वर्किंग कैपिटल से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए समर्थनकारी वित्तीय विकल्प और अनावश्यक दंड में छूट दी गई है।
इसके साथ ही अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। नए मैनुअल में उद्योग, शिक्षा संस्थानों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक उपक्रमों को महत्व दिया गया है। इन संस्थानों द्वारा किए जाने वाले अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के साथ सामंजस्य पर भी ध्यान दिया गया
रक्षा क्षेत्र से संबंधित विशिष्ट चुनौतियों और उद्योगों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें वित्त मंत्रालय के साथ सामंजस्य पर भी ध्यान दिया गया है। यह नया डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रोक्योरमेंट मैनुअल फॉर गुड्स के अनुरूप है, जिससे सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
रक्षा मंत्रालय का मानना है कि इस सुधारात्मक कदम से भारतीय रक्षा सेवाओं की जरूरतें तेजी और दक्षता से पूरी होंगी। इतना ही नहीं, बल्कि एक ओर जहां सैन्य बलों के लिए आवश्यक खरीद में तेजी आएगी, वहीं आत्मनिर्भर भारत के विजन को भी बल मिलेगा। साथ ही, भारतीय उद्योग, स्टार्टअप्स और एमएसएमई को रक्षा क्षेत्र में नए अवसर प्राप्त होंगे, जिससे नवाचार और घरेलू रक्षा उत्पादन को गति मिलेगी।
डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल की विशेषताएं
रक्षा मंत्री के कार्यालय द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार ‘डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025’ की कई प्रमुख विशेषताएं हैं। इसमें एक व्यापक बजट की व्यवस्था है। बजट आवंटन की बात करें तो वित्त वर्ष 2025 के लिए रेवेन्यू प्रोक्योरमेंट का बजट लगभग एक लाख करोड़ रुपए निर्धारित किया गया है। सरकार के इस फैसले से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को और अधिक बल मिलेगा।
सैन्य उपकरणों की खरीद में तेजी आएगी
रक्षा मंत्रालय का यह मैनुअल सैन्य सेवाओं की रेवेन्यू खरीद को तेज करेगा और भारतीय उद्योग, विशेषकर स्टार्टअप्स व एमएसएमई को सक्षम बनाने हेतु प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा। इससे नवाचार और उद्यम को बढ़ावा मिलेगा। उद्योगों की वर्किंग कैपिटल से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए समर्थनकारी वित्तीय विकल्प और अनावश्यक दंड में छूट दी गई है।
इसके साथ ही अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। नए मैनुअल में उद्योग, शिक्षा संस्थानों और रक्षा क्षेत्र से जुड़े सार्वजनिक उपक्रमों को महत्व दिया गया है। इन संस्थानों द्वारा किए जाने वाले अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहन देने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
वित्त मंत्रालय के साथ सामंजस्य पर भी ध्यान दिया गया
रक्षा क्षेत्र से संबंधित विशिष्ट चुनौतियों और उद्योगों के लिए लेवल प्लेइंग फील्ड सुनिश्चित करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें वित्त मंत्रालय के साथ सामंजस्य पर भी ध्यान दिया गया है। यह नया डिफेन्स प्रोक्योरमेंट मैनुअल 2025, वित्त मंत्रालय द्वारा जारी प्रोक्योरमेंट मैनुअल फॉर गुड्स के अनुरूप है, जिससे सरकारी खरीद प्रक्रियाओं में एकरूपता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
You may also like
भाभी को हुआ प्यार,` देवर से बोली- बाबू इनको मार दोगे क्या? ले लो 50 हजार, फिर पति मिला…
इन 6 लोगों के` लिए औषघी से कम नहीं है बड़ी दूधी घास का सेवन जानें फायदे और इस्तेमाल का तरीका..
चुटकी भर नमक है` चमत्कारी बना देगा आपको करोड़पति जानिए कैसे? क्लिक करके जाने पूरी खबर
बच्चे की शरारत: स्मार्टफोन से 1.4 लाख का सामान ऑर्डर
बेटी ने देख लिया` मां का अश्लील VIDEO, क्राइम पेट्रोल देख सीखी बचने के तरीके, फिर दृश्यम देख पति का…