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केंद्र में जाने के बाद भी क्या नहीं छूट रहा मध्यप्रदेश का मोह, शिवराज की पदयात्रा के मायने क्या हैं

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विदिशा: एमपी के पूर्व सीएम और वर्तमान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ढाई दशक बाद फिर पदयात्रा शुरू की है। सियासी गलियारों में इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। शिवराज सिंह एमपी की जनता से लगातार जुड़े हुए रहना चाहते हैं। बता दें कि उन्होंने यह पदयात्रा मध्य प्रदेश के सीहोर से शुरू की। इस विकसित भारत संकल्प पदयात्रा का उद्देश्य लोगों को विकसित भारत के बारे में बताना और उन्हें गांव के विकास में भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। इस पदयात्रा में उनकी पत्नी, बेटा और बहू भी शामिल हुए। यहां से शुरू हुई यात्राशिवराज सिंह चौहान ने रविवार को सीहोर के लाड़कुई-भादाकुई गांव से अपनी पदयात्रा शुरू की। उन्होंने वहां किसानों से बातचीत की। लोगों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया और वे अपने परिवार के साथ खूब नाचे। उनकी पत्नी साधना सिंह, बेटे कार्तिकेय और बहू अमानत भी पदयात्रा में शामिल हुए। शिवराज सिंह चौहान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत की ताकत सबने देखी है। यह नया भारत है। हमने कह दिया है कि हम किसी को छेड़ेंगे नहीं, लेकिन अगर किसी ने छेड़ा तो छोड़ेंगे भी नहीं। ऐसा भारत सबके सामने सीना तानकर खड़ा करना है। पदयात्रा के मायनेशिवराज सिंह चौहान की इस पदयात्रा का मकसद लोगों को विकसित भारत के सपने से जोड़ना है। वे चाहते हैं कि लोग अपने गांव के विकास में सक्रिय रूप से भाग लें। उनका मानना है कि जब गांव विकसित होंगे, तभी भारत विकसित होगा। वे लोगों को प्रेरित करने के लिए खुद पैदल चल रहे हैं। ताकि लोग भी अपने गांव के लिए कुछ करने के लिए आगे आएं। वे चाहते हैं कि हर कोई विकसित भारत के इस संकल्प में अपना योगदान दे। इसे लेकर उन्होंने कहा कि अच्छे विकास के लिए गांव में सफाई, पानी की व्यवस्था, आंगनवाड़ी, स्कूल, महिला सशक्तिकरण और बेहतर रोजगार को प्राथमिकता देनी होगी।
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