फरीदाबाद: दिल्ली के लाल किला बम धमाके की जांच में पता चला कि जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद ने बड़े पैमाने पर खूनी खेल की साजिश रची थी। फरीदाबाद में 2900 किलो विस्फोटक और हथियारों के जखीरे की बरामदगी ने बड़े खतरे को टाल दिया। सुरक्षा एजेंसियों ने यह कार्रवाई कश्मीरी डॉक्टर मुज़म्मिल शकील की गिरफ्तारी के बाद की। इसके बाद फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी भी अचानक चर्चा में आ गई, जहां मुज़म्मिल मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाता था। सुरक्षा एजेंसियां अब यह जांच कर रही हैं कि क्या मुजम्मिल ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी की लैब का इस्तेमाल आरडीएक्स बनाने के लिए किया जाना था।
देशभर में चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी से पता चला कि आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गज़वत-उल-हिंद ने आतंक का नया मॉड्यूल तैयार किया है। आतंकी हमलों के नए मॉड्यूल में पढ़े-लिखे प्रफेशनल और छात्रों को शामिल किया गया है। ये सभी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर भारत में दहशहगर्दी की घटनाओं को अंजाम देने को तैयार हैं। टेक्नोलॉजी में महारत हासिल करने के कारण ऐसे लोगों के जरिये बड़े धमाके करना आसान है, जिसमें चूक की गुंजाइश कम ही होती है।
मुजम्मिल शकील के पास मिला था 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट
फरीदाबाद में 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट रखने वाला मुजम्मिल शकील भी डॉक्टर है, जिसे 30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया था। मुज़म्मिल की गिरफ्तारी से पहले यूपी के सहारनपुर से पुलवामा के एक और डॉक्टर अदील मजीद राठर को हिरासत में लिया था। उससे पूछताछ के बाद जांच एजेंसियों को फरीदाबाद के धौज तक पहुंचने में मदद मिली, जहां मुज़म्मिल के विस्फोटकों का गोदाम बना रखा था। उसके पास से एक क्रिंकोव असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 83 जिंदा गोलियां, एक पिस्टल और बम बनाने का सामान मिला। उसके किराये के कमरे से 12 सूटकेस और एक बाल्टी में भरा विस्फोटक, 20 टाइमर, बैटरियां, रिमोट कंट्रोल, 5 किलोग्राम भारी धातु और एक वॉकी-टॉकी सेट भी बरामद हुआ।
इमरजेंसी डिपार्टमेंट को भी संभालता था मुजम्मिल
पुलवामा का रहने वाले मुजम्मिल फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के साथ इमरजेंसी डिपार्टमेंट को भी संभालता था। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि जांच एजेंसियों ने मुज़म्मिल से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या अल-फलाह यूनिवर्सिटी की प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल RDX जैसे उन्नत विस्फोटक बनाने के लिए किया जाना था। एजेंसियों का मानना है कि देश में छिपे पढ़े-लिखे आतंकियों को गुप्त तरीके से फंडिंग हो रही थी, इसकी भी जांच की जा रही है।
पुलिस ने कैसे ध्वस्त किया आतंकी मॉड्यूल
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के कान 19 अक्टूबर को तब खड़े हुए थे, जब श्रीनगर के कुछ इलाकों में जैश ए मुहम्मद के नाम से धमकी भरे पोस्टर लगे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक इससे जैश और अंसार गज़वत-उल-हिंद से जुड़ा एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल ध्वस्त हुआ है। गिरफ्तार आतंकियों में नौगाम के आरिफ निसार डार उर्फ साहिल और यासिर-उल-अशरफ, नौगाम के मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, शोपियां के मौलवी इरफान अहमद, गंदरबल के ज़मीर अहमद अहंगर, पुलवामा के कोइल के डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनाई और कुलगाम के डॉ. अदील मजीद राठर शामिल हैं। श्रीनगर, अनंतनाग, गंदरबल और शोपियां के अलावा फरीदाबाद और सहारनपुर में भी तलाशी अभियान चलाए गए। अब गृह मंत्रालय ने इसकी जांच एनआईए को सौंप दी है।
देशभर में चार डॉक्टरों की गिरफ्तारी से पता चला कि आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गज़वत-उल-हिंद ने आतंक का नया मॉड्यूल तैयार किया है। आतंकी हमलों के नए मॉड्यूल में पढ़े-लिखे प्रफेशनल और छात्रों को शामिल किया गया है। ये सभी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं के इशारे पर भारत में दहशहगर्दी की घटनाओं को अंजाम देने को तैयार हैं। टेक्नोलॉजी में महारत हासिल करने के कारण ऐसे लोगों के जरिये बड़े धमाके करना आसान है, जिसमें चूक की गुंजाइश कम ही होती है।
मुजम्मिल शकील के पास मिला था 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट
फरीदाबाद में 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट रखने वाला मुजम्मिल शकील भी डॉक्टर है, जिसे 30 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर से गिरफ्तार किया था। मुज़म्मिल की गिरफ्तारी से पहले यूपी के सहारनपुर से पुलवामा के एक और डॉक्टर अदील मजीद राठर को हिरासत में लिया था। उससे पूछताछ के बाद जांच एजेंसियों को फरीदाबाद के धौज तक पहुंचने में मदद मिली, जहां मुज़म्मिल के विस्फोटकों का गोदाम बना रखा था। उसके पास से एक क्रिंकोव असॉल्ट राइफल, तीन मैगजीन, 83 जिंदा गोलियां, एक पिस्टल और बम बनाने का सामान मिला। उसके किराये के कमरे से 12 सूटकेस और एक बाल्टी में भरा विस्फोटक, 20 टाइमर, बैटरियां, रिमोट कंट्रोल, 5 किलोग्राम भारी धातु और एक वॉकी-टॉकी सेट भी बरामद हुआ।
इमरजेंसी डिपार्टमेंट को भी संभालता था मुजम्मिल
पुलवामा का रहने वाले मुजम्मिल फरीदाबाद के अल-फलाह यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के साथ इमरजेंसी डिपार्टमेंट को भी संभालता था। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता यशपाल ने बताया कि जांच एजेंसियों ने मुज़म्मिल से जुड़े कई लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या अल-फलाह यूनिवर्सिटी की प्रयोगशालाओं का इस्तेमाल RDX जैसे उन्नत विस्फोटक बनाने के लिए किया जाना था। एजेंसियों का मानना है कि देश में छिपे पढ़े-लिखे आतंकियों को गुप्त तरीके से फंडिंग हो रही थी, इसकी भी जांच की जा रही है।
पुलिस ने कैसे ध्वस्त किया आतंकी मॉड्यूल
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुलिस के कान 19 अक्टूबर को तब खड़े हुए थे, जब श्रीनगर के कुछ इलाकों में जैश ए मुहम्मद के नाम से धमकी भरे पोस्टर लगे थे। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक इससे जैश और अंसार गज़वत-उल-हिंद से जुड़ा एक अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल ध्वस्त हुआ है। गिरफ्तार आतंकियों में नौगाम के आरिफ निसार डार उर्फ साहिल और यासिर-उल-अशरफ, नौगाम के मकसूद अहमद डार उर्फ शाहिद, शोपियां के मौलवी इरफान अहमद, गंदरबल के ज़मीर अहमद अहंगर, पुलवामा के कोइल के डॉ. मुज़म्मिल अहमद गनाई और कुलगाम के डॉ. अदील मजीद राठर शामिल हैं। श्रीनगर, अनंतनाग, गंदरबल और शोपियां के अलावा फरीदाबाद और सहारनपुर में भी तलाशी अभियान चलाए गए। अब गृह मंत्रालय ने इसकी जांच एनआईए को सौंप दी है।
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