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आगरा थाने में मारपीट: पुरुष पुलिसकर्मियों ने हाथ पकड़े, महिला दरोगा ने धक्का दिया, गालियां... सरजू ने लगाए आरोप

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आगरा: उत्तर प्रदेश के आगरा में एक महिला के थाने में केस की प्रगति जानने जाने के बाद मारपीट का मामला सामने आया है। पीड़िता ने इस मामले में वीडियो जारी कर पुलिसकर्मियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वहीं, पुलिस की ओर से भी थाने में महिला की मारपीट का वीडियो जारी किया गया है। अब इस पूरे मामले ने चर्चा गहरा दी है। हालांकि, इस सबके बीच वह मुद्दा दबता दिख रहा है, जिसके इतना ड्रामा हुआ। दरअसल, महिला अपने केस की प्रगति जानने थाना पहुंची थी। वहां उसे पता चला कि पुलिस ने गुपचुप तरीके से केस को बंद कर दिया। इस मामले के सामने आने के बाद पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े हो गए हैं।



क्या है पूरा मामला?आगरा जिले ट्रांसयमुना थाने में महिला और पुलिसकर्मियों के बीच वारदात का मामला है। दरअसल, कालिंदी विहार निवासी सरजू यादव थाने का आई थी। उनके घर चोरी हुई थी। इस मामले में उन्होंने थाने में केस दर्ज कराया गया था। केस की प्रगति रिपोर्ट लेने वह थाने पहुंची थी। पुलिस ने पहले ही इस मामले को गुपचुप तरीके से खत्म कर दिया था। मामले की जानकारी जब सरजू को हुई तो उन्होंने इस पर सवाल करना शुरू कर दिया। इसी मामले में दोनों पक्षों में भिड़ंत हो गई। महिला ने वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने मोबाइल छीन लिया।



माहौल गर्माते ही एक महिला दरोगा मौके पर पहुंची। देखते ही देखते सरजू यादव और महिला दरोगा के बीच मारपीट होने लगी। आरोप है कि पुलिस ने कमरा बंद करके महिला को पीटा। आरोप है कि थाने में पुरुष पुलिसकर्मियों ने उनके हाथ पकड़े थे। अब यह मामला सोशल मीडिया पर खासा गरमा गया है।



वीडियो किया वायरलपीड़िता ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर इंसाफ की गुहार लगाई है। कालिंदी विहार निवासी सरजू यादव ने बताया कि उनका कमला नगर में बुटीक है। 15 सितंबर 2024 को घर में छोड़ी हुई थी। इस मामले में केस दर्ज कराया था। केस में आगे क्या हुआ? यह पता करने उन्हें थाने जाना पड़ता था। मंगलवार सुबह 11:30 बजे वह थाने पहुंची। एसओ रोहित गुर्जर से मिलीं। उनसे पूछा कि घर पर जो डकैती पड़ी थी, मामले में पुलिस की अब तक क्या कार्रवाई हुई है?



एसओ को घटना की जानकारी नहीं थी। पूर्व इंस्पेक्टर भानु प्रताप से जानकारी ली। उन्होंने बताया कि घटना नहीं खुली। अंतिम रिपोर्ट लगा दी गई है। मामले के जांचकर्ता दरोगा राजकुमार गोस्वामी थे। वह पिछले दिनों निलंबित किए गए थे। एसओ ने उन्हें मामले की जानकारी के लिए फोन मिलाया। संयोग से वह थाने में थे। वे एसओ कमरे में आ गए। महिला को देखते ही भड़क गए।



जांचकर्ता दरोगा कहने लगे कि इस महिला ने उनकी पूर्व में शिकायत कर दी थी। उन्होंने सरजू यादव को बहुत बदतमीज बता दिया। सरयू यादव ने कहा कि यह सुनकर उन्हें बुरा लगा। उसने भी गुस्से में कह दिया कि यह दरोगा निलंबित होने के ही लायक था। इसके बाद उन्होंने अपना मोबाइल निकाल कर वीडियो बनाना शुरू कर दिया।



मोबाइल छीनने की कोशिशसरजू यादव का कहना है कि एसओ ने उनसे मोबाइल छीलने का प्रयास किया। इसके बाद सरजू ने कार्यालय से बाहर निकालने की कोशिश की। इसी दौरान महिला दरोगा मनीषा वहां आ गई। आरोप है कि मनीषा ने सरजू को धक्का दे दिया। मोबाइल छीन कर उन्हें थप्पड़ मारे। इसके बाद सरजू भी गुस्से में आ गई। उसकी महिला दरोगा से हाथापाई हो गई।



सरजू यादव का आरोप है कि इसके बाद पुलिस ने कमरा बंद कर उसे बेरहमी से पीटा। पुरुष पुलिसकर्मियों ने उसके हाथ पीछे करके पकड़ लिए। इसके बाद पुलिस वालों ने उसे चांटे मारे। मां-बहन की गंदी गालियां दी। शांति भंग में उसका चालान किया। देर शाम वह एसीपी कोर्ट से छूटी। देर रात थाने की पुलिस ने उनका मोबाइल वापस किया।



घटना पर उठे कई सवालथाने में मारपीट की घटना पर कई सवाल उठने लगे हैं सबसे बड़ा सवाल यह है कि सरजू यादव और महिला दरोगा में मारपीट हुई तो पुलिस ने मुकदमा क्यों नहीं दर्ज किया? सोशल मीडिया पर वायरल हुए ये वीडियो घटना से संबंधित थे। इस पूरी घटना पर पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने कहा है कि थाना ट्रांस यमुना में हुई घटना की जांच एडीसीपी प्रोटोकॉल पूनम सिरोही को दी गई है। एडीसीपी महिला से भी बातचीत करेंगे।



पुलिस आयुक्त ने कहा कि मामले में थाना पुलिस जो बताएगी, उसे ही पूरा सच नहीं माना जाएगा। पुलिस पर लगे आरोपों में सच्चाई है तो पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। आगरा पुलिस पर अब सवाल उठ रहा है कि आखिर चोरी की वारदात मामले को बंद कैसे किया गया?

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