लखनऊ: दुधवा और कतर्निया टाइगर रिजर्व घूमने के लिए पर्यटकों को अब ज्यादा कीमत चुकानी होगी। दुधवा बाघ संरक्षण फाउंडेशन की शुक्रवार को हुई बैठक में एंट्री फीस और सफारी सहित कुछ दरें बढ़ाने का निर्णय लिया गया। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण सक्सेना की अध्यक्षता में हुई फाउंडेशन की बैठक में दरें बढ़ाने के साथ ही सुविधाओं के विस्तार पर भी चर्चा हुई।
दुधवा टाइगर रिजर्व में हुई इस बैठक में प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने निर्देश दिए कि दुधवा पर्यटन क्षेत्र के विकास के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। वहां सेमिनार का आयोजन किया जाए, वन्य जीव आधारित फिल्में दिखाई जाएं।
एंट्री फीस अब ₹250
बैठक में दुधवाटाइगर रिजर्व के उप निदेशक जगदीश आस ने दुधवा टाइगर रिजर्व में एंट्री फीस, सफारी सहित विभिन्न दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। एंट्री फीस ₹200 से बढ़ाकर ₹250, गैडा दर्शन शुल्क ₹150 से बढ़ाकर ₹200. सामान्य कैमरा शुल्क ₹100 से बढ़ाकर ₹200 करने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर फाउंडेशन के सदस्यों ने सहमति जताई। इस निर्णय को सर्व सम्मति से स्वीकार कर लिया गया।
दुधवा टाइगर रिजर्व में हुई इस बैठक में प्रमुख सचिव अनिल कुमार ने निर्देश दिए कि दुधवा पर्यटन क्षेत्र के विकास के सभी उपाय सुनिश्चित किए जाएं। वहां सेमिनार का आयोजन किया जाए, वन्य जीव आधारित फिल्में दिखाई जाएं।
एंट्री फीस अब ₹250
बैठक में दुधवाटाइगर रिजर्व के उप निदेशक जगदीश आस ने दुधवा टाइगर रिजर्व में एंट्री फीस, सफारी सहित विभिन्न दरें बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया। एंट्री फीस ₹200 से बढ़ाकर ₹250, गैडा दर्शन शुल्क ₹150 से बढ़ाकर ₹200. सामान्य कैमरा शुल्क ₹100 से बढ़ाकर ₹200 करने का प्रस्ताव रखा गया। इस पर फाउंडेशन के सदस्यों ने सहमति जताई। इस निर्णय को सर्व सम्मति से स्वीकार कर लिया गया।
You may also like

ICC ने किया Womens World Cup 2025 के लिए प्राइज मनी का ऐलान, भारत और अफ्रीका के अलावा, ऑस्ट्रेलिया भी होगी मालामाल

देश में 2013 के बाद नहीं हुआ कोई बड़ा आतंकी हमला... अजीत डोभाल का बड़ा बयान

तो इसलिए Amazon ने एक झटके में निकाले 14,000 कर्मचारी, CEO ने बताया असली कारण

घर के कूड़ेदान में मिले करोड़ों रुपए के शेयर सर्टिफिकेट, हक़ को लेकर बाप बेटे पहुंचे कोर्ट, स्वर्गवासी दादा ने खरीदे थे शेयर....

भारत की राजधानी का बदलेगा नाम! जान लीजिए इंद्रप्रस्थ का इतिहास, दिल्ली कब और कैसे बनी देश की राजधानी?




