नई दिल्ली : जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी इकॉनमी है और दुनिया में अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर है। जर्मनी उन देशों में शामिल है जहां शराब की खपत सबसे ज्यादा है। साल 1902 में जर्मनी के तत्कालीन शासक विल्हेम द्वितीय ने स्पार्कलिंग वाइन पर टैक्स लगाया था जो आज भी जारी है। इस देश में स्पार्कलिंग वाइन को Schaumweine कहते हैं और इस पर लगने वाले टैक्स को Sektsteuer कहा जाता है। इस टैक्स का मकसद विल्हेम द्वितीय के वॉर फ्लीट को फाइनेंस करना था।
123 साल बाद भी यह टैक्स जारी है। साल 2022 में इस टैक्स से सरकारी खजाने में 385 मिलियन डॉलर आए थे। स्पार्कलिंग वाइन की हर बोतल पर 1.02 यूरो टैक्स लगता है। जर्मनी में स्पार्कलिंग वाइन का लंबा इतिहास रहा है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में देश में स्पार्कलिंग हाउसेज की स्थापना हो चुकी थी। इनमें से कई लोगों ने विदेशों में जाकर शेंपेन बनाने का तरीका सीखा था। जॉर्ज क्रिश्चियन केसलर ने 1826 में Sektkellerei Kessler की स्थापना की थी जो जर्मनी में सबसे पुरानी स्पार्कलिंग वाइन प्रॉड्यूसर थी।
स्पार्कलिंग वाइन की खपत
जर्मनी में स्पार्कलिंग वाइन की प्रति व्यक्ति खपत कई साल से 3.2 लीटर बनी हुई है। हालांकि वाइन की खपत में गिरावट देखने को आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी में 16 साल से अधिक आयु के लोगों में प्रति व्यक्ति वाइन की खपत 22.6 लीटर थी। 2023 में यह 24.5 लीटर प्रति व्यक्ति थी जो 2024 में घटकर 20.1 लीटर रह गई। माना जा रहा है कि डेमोग्राफिक चेंज और उपभोक्ताओं की बदलती आदतों के कारण ऐसा हो रहा है। नई पीढ़ी अल्कोहल का यूज कम कर रही है।
123 साल बाद भी यह टैक्स जारी है। साल 2022 में इस टैक्स से सरकारी खजाने में 385 मिलियन डॉलर आए थे। स्पार्कलिंग वाइन की हर बोतल पर 1.02 यूरो टैक्स लगता है। जर्मनी में स्पार्कलिंग वाइन का लंबा इतिहास रहा है। 19वीं शताब्दी की शुरुआत में देश में स्पार्कलिंग हाउसेज की स्थापना हो चुकी थी। इनमें से कई लोगों ने विदेशों में जाकर शेंपेन बनाने का तरीका सीखा था। जॉर्ज क्रिश्चियन केसलर ने 1826 में Sektkellerei Kessler की स्थापना की थी जो जर्मनी में सबसे पुरानी स्पार्कलिंग वाइन प्रॉड्यूसर थी।
स्पार्कलिंग वाइन की खपत
जर्मनी में स्पार्कलिंग वाइन की प्रति व्यक्ति खपत कई साल से 3.2 लीटर बनी हुई है। हालांकि वाइन की खपत में गिरावट देखने को आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जर्मनी में 16 साल से अधिक आयु के लोगों में प्रति व्यक्ति वाइन की खपत 22.6 लीटर थी। 2023 में यह 24.5 लीटर प्रति व्यक्ति थी जो 2024 में घटकर 20.1 लीटर रह गई। माना जा रहा है कि डेमोग्राफिक चेंज और उपभोक्ताओं की बदलती आदतों के कारण ऐसा हो रहा है। नई पीढ़ी अल्कोहल का यूज कम कर रही है।
You may also like

जयपुर में निर्माणाधीन मल्टी स्टोरी बिल्डिंग की दीवार गिरी, तीन मजदूर मलबे में दबे, एक को बचाया गया, पढ़ें अपडेट्स

फेफड़े छलनी कर रहा दिल्ली का पॉल्यूशन, दम घुटने से पहले खाएं Dr. की बताई 5 चीजें, निकलेगा फेफड़ों का कचरा

धर्मेंद्र की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर, अस्पताल में भर्ती

भारत-साउथ अफ्रीका के बीच टेस्ट इतिहास की सिर्फ 4 पारियां, जिनमें बने 600 से ज्यादा रन

Copper Return: सोना-चांदी भूल जाइए... यह मेटल बनेगी कुबेर का खजाना, एक्सपर्ट ने बताया अगले 10 साल में क्यों बदलेगा सीन




