नई दिल्ली: भारत सरकार ने पाकिस्तान को अफगानिस्तान के साथ सीमा पर तनाव बढ़ाने और निर्दोषों पर आतंकवाद फैलाने के लिए कड़ी फटकार लगाई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान की संप्रभुता से चिढ़ा हुआ है और बिना किसी डर के सीमा पार आतंकवाद फैला रहा है। भारत अफगानिस्तान की स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का पूरा समर्थन करता है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता का उपयोग कर रहा है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को लगता है कि उसे दंड से मुक्ति के साथ सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने का अधिकार है।'
भारत अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध...
उन्होंने कहा, 'इसके पड़ोसी इसे अस्वीकार्य मानते हैं। जहां तक भारत का सवाल है हम अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'
भारत सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है जब तुर्की में हुई शांति वार्ता की विफलता के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते बिगड़ गए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। 11 अक्टूबर की रात को तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले का आरोप लगाया था, जिसे इस्लामाबाद ने नकारा नहीं है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने तालिबान को दी चेतावनी
बुधवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की धरती पर कोई और आतंकी हमला हुआ तो वे अफगानिस्तान के अंदर सैन्य कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने कहा, "हम हमला करेंगे, हम निश्चित रूप से करेंगे। अगर उनकी धरती का इस्तेमाल होता है और वे हमारी धरती का उल्लंघन करते हैं, तो अगर हमें जवाबी कार्रवाई के लिए अफगानिस्तान में गहराई तक जाना पड़ा, तो हम निश्चित रूप से जाएंगे।" आसिफ ने तालिबान के बयानों को "जहरीला" और "चालाक और बिखरे हुए मानसिकता" वाला बताया।
तुर्की और कतर की मध्यस्थता में हुई यह शांति वार्ता सीमा पार आतंकवाद को रोकने और सैन्य टकराव को कम करने के उद्देश्य से हुई थी। इस्तांबुल में चार दिन चली यह बातचीत किसी भी समझौते या तनाव कम करने की योजना के बिना समाप्त हो गई। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तारार ने पुष्टि की कि चर्चाओं से 'कोई भी व्यावहारिक समाधान नहीं निकल सका।'
क्या है पाकिस्तान का आरोप?
पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान आतंकवादियों को पनाह दे रहा है, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना और नागरिकों पर कई हमले किए हैं। वहीं, तालिबान इन आरोपों से इनकार करता है और पाकिस्तान पर सीमा पार हमलों से अफगान संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाता है। भारत हमेशा से एक स्वतंत्र और संप्रभु अफगानिस्तान का समर्थन करता रहा है और उसने इस क्षेत्र में सीमा पार आतंकवाद की बार-बार आलोचना की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पाकिस्तान इस बात से नाराज है कि अफगानिस्तान अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता का उपयोग कर रहा है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तान को लगता है कि उसे दंड से मुक्ति के साथ सीमा पार आतंकवाद को अंजाम देने का अधिकार है।'
भारत अफगानिस्तान की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध...
उन्होंने कहा, 'इसके पड़ोसी इसे अस्वीकार्य मानते हैं। जहां तक भारत का सवाल है हम अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।'
#WATCH दिल्ली | विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "पाकिस्तान अफगानिस्तान द्वारा अपने क्षेत्रों पर संप्रभुता के प्रयोग करने से क्रुद्ध है। पाकिस्तान सोचता है कि उसका अधिकार है कि वो सीमा पार आतंकवाद करता रहेगा और दंड मुक्ति के साथ करता रहेगा। जहां तक भारत का सवाल है… pic.twitter.com/5OphJOVRpq
— ANI_HindiNews (@AHindinews) October 30, 2025
भारत सरकार का यह बयान ऐसे समय आया है जब तुर्की में हुई शांति वार्ता की विफलता के बाद पाकिस्तान और अफगानिस्तान के रिश्ते बिगड़ गए हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव बढ़ गया है और एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। 11 अक्टूबर की रात को तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले का आरोप लगाया था, जिसे इस्लामाबाद ने नकारा नहीं है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने तालिबान को दी चेतावनी
बुधवार को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने तालिबान को चेतावनी दी कि अगर पाकिस्तान की धरती पर कोई और आतंकी हमला हुआ तो वे अफगानिस्तान के अंदर सैन्य कार्रवाई करने से नहीं हिचकिचाएंगे। उन्होंने कहा, "हम हमला करेंगे, हम निश्चित रूप से करेंगे। अगर उनकी धरती का इस्तेमाल होता है और वे हमारी धरती का उल्लंघन करते हैं, तो अगर हमें जवाबी कार्रवाई के लिए अफगानिस्तान में गहराई तक जाना पड़ा, तो हम निश्चित रूप से जाएंगे।" आसिफ ने तालिबान के बयानों को "जहरीला" और "चालाक और बिखरे हुए मानसिकता" वाला बताया।
तुर्की और कतर की मध्यस्थता में हुई यह शांति वार्ता सीमा पार आतंकवाद को रोकने और सैन्य टकराव को कम करने के उद्देश्य से हुई थी। इस्तांबुल में चार दिन चली यह बातचीत किसी भी समझौते या तनाव कम करने की योजना के बिना समाप्त हो गई। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तारार ने पुष्टि की कि चर्चाओं से 'कोई भी व्यावहारिक समाधान नहीं निकल सका।'
क्या है पाकिस्तान का आरोप?
पाकिस्तान का आरोप है कि तालिबान आतंकवादियों को पनाह दे रहा है, जिन्होंने पाकिस्तानी सेना और नागरिकों पर कई हमले किए हैं। वहीं, तालिबान इन आरोपों से इनकार करता है और पाकिस्तान पर सीमा पार हमलों से अफगान संप्रभुता का उल्लंघन करने का आरोप लगाता है। भारत हमेशा से एक स्वतंत्र और संप्रभु अफगानिस्तान का समर्थन करता रहा है और उसने इस क्षेत्र में सीमा पार आतंकवाद की बार-बार आलोचना की है।
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