दरअसल, लड़की ने भीड़भाड़ वाली मेट्रो में एक अंकल को सिर्फ ‘थैंक्यू’ कहा था... और यही उसके सफर का सबसे बड़ा डरावना मोड़ बन गया। रेडिट पर शेयर की गई इस आपबीती को लोग क्राइम शो की स्क्रिप्ट से तुलना कर रहे हैं।
जब अंकल को बोल दिया थैंक्यू
यह पूरी कहानी रेडिट पर @gurlpolice नाम के हैंडल से पोस्ट की गई। उन्होंने "मैं दोबारा कभी ‘थैंक्यू’ कहने से पहले 2 बार सोचूंगी?" शीर्षक के साथ बताया- मैं कॉलेज से लौट रही थी और मेट्रो में एंट्री के पास खड़ी थी क्योंकि ट्रेन बदलनी थी। तभी एक स्टेशन पर 6 फीट के कुछ लड़के चढ़े और मेट्रो और भी भीड़भाड़ वाली हो गई। मेरी हाइट बस 5’2 है, तो अंदाजा लगा सकते हैं... एक लड़के की पीठ लगभग मेरी नाक से टकराने वाली थी। उसने पीछे हटकर अपने दोस्त से आराम से बातें करना शुरू कर दिया। हां, बदतमीजी थी लेकिन डरने वाली बात नहीं थी। सोचा झेल लो, वैसे भी दो स्टेशन बाद उतरने वाले थे।
वह आगे लिखती हैं- अब एंट्री होती है अंकल जी की। उम्र होगी कोई 40 साल। वो मेरे पीछे खड़े थे और बार-बार उस लड़के की पीठ धकेल रहे थे, जैसे मुझे “प्रोटेक्ट” कर रहे हों। मुझे उनकी हरकत मदद से ज्यादा अजीब लगी, फिर भी सोचा थैंक्यू बोल दूं, ताकि अगली बार अगर किसी लड़की को सच में मदद चाहिए तो वो कदम पीछे न खींचें।
मैंने धन्यवाद कहा और जैसे ही उतरी, अंकल जी भी उतर गए। बस फिर तो मेरी स्पीड वॉकिंग शुरू और उनका बराबर-बराबर चलना भी। चलते-चलते उन्होंने जेब से आईडी कार्ड्स का बंडल निकाला, बोले कि ये उनकी “स्टूडेंट्स” हैं। खुद को राइटर/जर्नलिस्ट भी बताया। मैं डर के मारे ढंग से देख भी नहीं पाई।
जब मांगने लगे मोबाइल नंबर
अंत में उन्होंने बताया- फिर पूछने लगे - कहां रहती हो? (मैंने झूठा स्टेशन बताया)। फिर पूछा- आप कॉलेज स्टूडेंट हो न? मैंने 'हां' कह दिया। फिर वो बोले- रोज इसी टाइम यहीं से आती-जाती हो? मैंने तुरंत - नहीं कहा। और फिर सबसे क्रिंजी लाइन - अपना नंबर दो, कॉल पर बातें करेंगे, जैसे दोस्त करते हैं।
मतलब भाई.... मदद करना अलग बात है लेकिन 40 साल के अंकल 22 साल की लड़की से ऐसे दोस्ती करने के बहाने नंबर मांगे, ये तो सीधा red flag है। सच कहूं, मुझे अच्छे लोग बहुत पसंद हैं जो किसी औरत या लड़की के लिए खड़े होते हैं, पर ये अनुभव मदद से ज्यादा डरावना बन गया। और हां, Crime Patrol देखना तो अच्छा लगता है, लेकिन उसमें लीड रोल करना बिल्कुल नहीं।
लोगों ने क्या कहा?

इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर काफी अटेंशन मिल रही है। तमाम यूजर्स ने इस पर प्रतिक्रिया भी दी। एक ने लिखा- हर दिन लड़कियों के नए ट्रॉमा सुनता हूं, अब समझ आता है कि वो नजरें चुराना क्यों चाहती हैं। वहीं दूसरे ने कहा- भाई, यह सच में डरावना है।
जबकि कुछ ने कहा कि बड़े-बुजुर्ग इसलिए कहते हैं कि किसी से कुछ बोलो ही नहीं... अपने काम से काम रखो। एक अन्य यूजर ने इसे वैसे वह इतने सारे आईडी कार्ड के साथ कर क्या रहे थे। वैसे यह पोस्ट पढ़कर आपके जहन में क्या आ रहा है? कमेंट में बताइए।
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