नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सीआरपीएफ की 41वीं बटालियन (पहले 72वीं बटालियन) में तैनात सिपाही मुनीर अहमद के बारे में भी एक खुलासा हुआ है। आरोप है कि जवान मुनीर ने अपने विभाग से एनओसी मिले बिना ही पाकिस्तान की नागरिक मीनल खान से निकाह रचा लिया था। इसका पता भी उस वक्त लगा जब भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया। जिसके तहत मुनीर मीनल को वाघा बॉर्डर पर छोड़ने गया था। जहां इस पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। जम्मू कश्मीर हाई कोर्ट में हो रही सुनवाईअब मामला जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है। हाई कोर्ट ने 29 अप्रैल को मीनल के पाकिस्तान जाने पर 14 मई तक अगली सुनवाई पर स्टे लगा दिया है। सीआरपीएफ के अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में प्रथम दृष्टया उनके जवान मुनीर अहमद पर अनुशासनात्मक कार्रवाई बनती है। चूंकि, सिपाही मुनीर ने सबसे पहले 18 अक्टूबर, 2023 को सीआरपीएफ में अपने कमांडेंट को लेटर लिखकर पाकिस्तानी नागरिक लड़की से शादी करने की अनुमति मांगी थी। मामला विभाग में विचाराधीन चल रहा था। इसके बावजूद बाद में पता लगा कि सिपाही मुनीर ने विभाग से उसकी शादी के लिए परमिशन दिए बिना ही शादी कर ली थी।मामले में पता लगा कि मुनीर ने मीनल से यह शादी विडियो कॉल के माध्यम से 24 मई 2024 में कर ली थी। 28 फरवरी 2024 को मीनल पाकिस्तान से टूरिस्ट वीजा पर भारत आई थी। जहां शादी के बाद वह जम्मू में सिपाही मुनीर के घर पर रह रही है। उसका वीजा 22 मार्च 2025 तक ही वैध था। आरोप है कि सिपाही मुनीर ने बिना एनओसी मिले पाकिस्तानी लड़की से निकाह किया, फिर उसका वीजा खत्म होने के बाद भी वह उसे अवैध रूप से भारत में रख रहा था। 'जवान के खिलाफ ऐक्शन होगा'इस मामले में सीआरपीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनबीटी को बताया कि चूंकि जवान ने नियम तोड़े और सचाई छिपाई। लिहाजा उसके खिलाफ ऐक्शन तो जरूर होगा। इसके लिए कार्रवाई शुरू कर दी गई है। बताया जाता है कि ऐसे मामले में जवान को ना केवल नौकरी से निकाला जा सकता है, बल्कि उसके खिलाफ देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने के आरोप में भी कार्रवाई की जा सकती है। 'सचाई छिपाते हुए गुमराह किया'जवान की पत्नी मीनल खान का वीजा 22 मार्च 2025 को खत्म हो चुका था। जवान ने यह बात भी विभाग से छिपाई। साथ ही उसने विभाग से इस तथ्य को भी छिपाया कि उसकी पत्नी ने लॉन्ग टर्म वीजा के लिए अप्लाई किया है। इस बारे में सीआरपीएफ की एक रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऐसा लगता है कि सिपाही मुनीर ने कोर्ट को भी सचाई छिपाते हुए गुमराह किया है।
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