कॉलेज एआई क्लब स्टूडेंट के भविष्य में मील का पत्थर बन सकता है। यह नया ट्रेंड आपको कॉलेज का स्टार बनाने के साथ-साथ बेहतर करियर बनाने में मदद कर सकता है। क्योंकि एआई के दौर में यह क्लब आपको नए एआई टूल्स और टेक्नोलॉजी सीखने का मौका देंगे।
कॉलेज में कई सारी एक्टिविटी सिर्फ इसलिए कराई जाती हैं ताकि स्टूडेंट्स पढ़ाई से इतर अपनी पर्सनालिटी की खासियतों को पहचान पाएं। दुनिया को देखने का नजरिया भी इस तरह से तय हो पाता है। एआई से जुड़े प्रोजेक्ट या दूसरी एक्टिविटीज यही काम करती हैं। अगर आप करियर ग्रोथ के लिए एआई का इस्तेमाल सीखना चाहते हैं तो NBT Upskills AI की वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
एआई एक्टिविटी पर सारे स्टूडेंट से मिलकर काम कराना है तो एआई क्लब बनाना अच्छा रहेगा। इस क्लब में एआई से जुड़ी जानकारी शेयर करें। फिर छात्र एआई के फायदों को अपनाने और नुकसान से दूर रहने का अर्थ भी समझ पाएंगे। इस क्लब को बनाने की शुरुआत करने से पहले कुछ खास बातें समझ लीजिए।
कॉलेज एआई क्लब के क्या फायदे है?
प्लानिंग और सर्वेएआई क्लब बनाने से पहले इसके मकसद को लेकर बात की जानी चाहिए। इसके लिए आपको खुद से एक सवाल पूछना होगा कि इस क्लब से आपको चाहिए क्या? स्किल डेवलेपमेंट, प्रोजेक्ट वर्क, प्रतियोगिताएं या फिर सिर्फ स्कूल एक्टिविटी। इसके लिए स्टूडेंट्स के बीच सर्वे भी किया जा सकता है। इस तरह से बच्चों की रूचि पता चल जाएगी तो टॉपिक्स को लेकर भी कोई शक नहीं रहेगा। फिर आप क्लब की आगे की प्लानिंग भी कर पाएंगे।
फैकल्टी की मददकॉलेज की फैकल्टी मेम्बर अगर आपके इस काम से जुड़ेंगे तो आपको फायदा काफी होगा। वह आपकी कई मायनों में मदद करेंगे जैसे किसी बड़े निर्णय में सही या गलत तय करना या फिर प्रिंसिपल से किसी भी मुद्दे को लेकर परमिशन लेना।
प्रपोजल बनाएंक्लब क्या काम करेगा इसे लेकर एक प्रपोजल बनाएं। इसमें क्लब का ध्येय, स्ट्रक्चर, एक्टिविटी, बजट और कॉलेज के साथ यह कैसे काम करेगा? जैसी बातें लिखी जानी चाहिए। पूरा प्रपोजल इस तरह से साफ हो जाएगा।
एप्रूवल के बिना कुछ नहींऑफिशियल एप्रूवल लेने के लिए अपना प्रपोजल बनाएं। इस प्रपोजल को दिखाकर ही आपके क्लब को रजिस्टर किया जा सकेगा। इस दौरान आप एक नियमों वाली लिस्ट भी बना सकते हैं। इस लिस्ट में क्या करना है क्या नहीं, जैसे अनुशासन के नियम लिखे जाने चाहिए।
फाउंडेशन की तैयारीआपको इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। इसका मतलब है कि आपको ऑनलाइन प्रेजेन्स तय करनी होगी। जैसे वेबसाइट, सोशल मीडिया, कम्युनिकेशन चैनल और कंप्यूटर लैब्स का एक्सेस।
लर्निंग प्लान भी बनाइएसारे स्टूडेंट जो भी एआई से सीखेंगे, उसके लिए आपको लर्निंग प्लान भी बनाना होगा। इसमें यह तय होगा कि एआई के कौन से हिस्से को क्लब में कवर किया जाएगा और कौन से हिस्से को नहीं, जैसे मशीन लर्निंग या कम्प्यूटर विजन।
एक्टिविटी की प्लानिंगहैंड्स ऑन प्रोजेक्ट, कोडिंग एक्टिविटी और गेस्ट स्पीकर को इनवाइट करने जैसी एक्टिविटी की प्लानिंग आपको पहले से करनी होंगी। इसके लिए इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स से उनके अनुभव पूछे जा सकते हैं। वह आपको बेस्ट रिजल्ट देने वाली मजेदार एक्टिविटी जरूर बता देंगे।
सभी को बताना भी हैडिजाइन फ्लायर्स, स्कूल एनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के साथ सारे स्टूडेंट्स को अपने क्लब के बारे में बताओ।
स्टूडेंट को होंगे आकर्षितस्टूडेंट्स को अपने क्लब के बारे में बताने के लिए रोबोटिक्स या डेमो-डे भी ऑर्गनाइज किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर भी क्लब का प्रमोशन किया जा सकता है।
कॉलेज में कई सारी एक्टिविटी सिर्फ इसलिए कराई जाती हैं ताकि स्टूडेंट्स पढ़ाई से इतर अपनी पर्सनालिटी की खासियतों को पहचान पाएं। दुनिया को देखने का नजरिया भी इस तरह से तय हो पाता है। एआई से जुड़े प्रोजेक्ट या दूसरी एक्टिविटीज यही काम करती हैं। अगर आप करियर ग्रोथ के लिए एआई का इस्तेमाल सीखना चाहते हैं तो NBT Upskills AI की वर्कशॉप ज्वॉइन कर सकते हैं।
एआई एक्टिविटी पर सारे स्टूडेंट से मिलकर काम कराना है तो एआई क्लब बनाना अच्छा रहेगा। इस क्लब में एआई से जुड़ी जानकारी शेयर करें। फिर छात्र एआई के फायदों को अपनाने और नुकसान से दूर रहने का अर्थ भी समझ पाएंगे। इस क्लब को बनाने की शुरुआत करने से पहले कुछ खास बातें समझ लीजिए।
कॉलेज एआई क्लब के क्या फायदे है?
- करियर के लिए कॉलेज लाइफ काफी अहम होती है। यही वो समय होता है जहां लिया गया फैसला भविष्य में तरक्की की राह तय करता है। कॉलेज एआई क्लब भी उन्हीं में एक है। आइए जानते हैं इसके क्या फायदे हो सकते हैं-
- नए एआई टूल्स और टेक्नोलॉजी सीखने का मौका मिलेगा।
- लीडरशीप, मैनेजमेंट और पब्लिक स्पीकिंग जैसी स्किल्स आसानी से सीख सकेंगे।
- प्रोजेक्ट्स और हैथकॉन से एआई एक्सपीरियंस बढ़ेगा।
- एआई क्लब के जरिए बनने वाले नेटवर्क करियर ग्रोथ में मददगार साबित हो सकते हैं।
- रिसर्च और स्टार्टअप आइडियाज पर करने के लिए अच्छा प्लेटफॉर्म है।
- एआई एक्सपर्ट और दूसरे कॉलेजों के कोलैबोरेशन से आपके कॉलेज की प्रतिष्ठा बढ़ेगी।
प्लानिंग और सर्वेएआई क्लब बनाने से पहले इसके मकसद को लेकर बात की जानी चाहिए। इसके लिए आपको खुद से एक सवाल पूछना होगा कि इस क्लब से आपको चाहिए क्या? स्किल डेवलेपमेंट, प्रोजेक्ट वर्क, प्रतियोगिताएं या फिर सिर्फ स्कूल एक्टिविटी। इसके लिए स्टूडेंट्स के बीच सर्वे भी किया जा सकता है। इस तरह से बच्चों की रूचि पता चल जाएगी तो टॉपिक्स को लेकर भी कोई शक नहीं रहेगा। फिर आप क्लब की आगे की प्लानिंग भी कर पाएंगे।
फैकल्टी की मददकॉलेज की फैकल्टी मेम्बर अगर आपके इस काम से जुड़ेंगे तो आपको फायदा काफी होगा। वह आपकी कई मायनों में मदद करेंगे जैसे किसी बड़े निर्णय में सही या गलत तय करना या फिर प्रिंसिपल से किसी भी मुद्दे को लेकर परमिशन लेना।
प्रपोजल बनाएंक्लब क्या काम करेगा इसे लेकर एक प्रपोजल बनाएं। इसमें क्लब का ध्येय, स्ट्रक्चर, एक्टिविटी, बजट और कॉलेज के साथ यह कैसे काम करेगा? जैसी बातें लिखी जानी चाहिए। पूरा प्रपोजल इस तरह से साफ हो जाएगा।
एप्रूवल के बिना कुछ नहींऑफिशियल एप्रूवल लेने के लिए अपना प्रपोजल बनाएं। इस प्रपोजल को दिखाकर ही आपके क्लब को रजिस्टर किया जा सकेगा। इस दौरान आप एक नियमों वाली लिस्ट भी बना सकते हैं। इस लिस्ट में क्या करना है क्या नहीं, जैसे अनुशासन के नियम लिखे जाने चाहिए।
फाउंडेशन की तैयारीआपको इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना होगा। इसका मतलब है कि आपको ऑनलाइन प्रेजेन्स तय करनी होगी। जैसे वेबसाइट, सोशल मीडिया, कम्युनिकेशन चैनल और कंप्यूटर लैब्स का एक्सेस।
लर्निंग प्लान भी बनाइएसारे स्टूडेंट जो भी एआई से सीखेंगे, उसके लिए आपको लर्निंग प्लान भी बनाना होगा। इसमें यह तय होगा कि एआई के कौन से हिस्से को क्लब में कवर किया जाएगा और कौन से हिस्से को नहीं, जैसे मशीन लर्निंग या कम्प्यूटर विजन।
एक्टिविटी की प्लानिंगहैंड्स ऑन प्रोजेक्ट, कोडिंग एक्टिविटी और गेस्ट स्पीकर को इनवाइट करने जैसी एक्टिविटी की प्लानिंग आपको पहले से करनी होंगी। इसके लिए इंडस्ट्री प्रोफेशनल्स से उनके अनुभव पूछे जा सकते हैं। वह आपको बेस्ट रिजल्ट देने वाली मजेदार एक्टिविटी जरूर बता देंगे।
सभी को बताना भी हैडिजाइन फ्लायर्स, स्कूल एनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के साथ सारे स्टूडेंट्स को अपने क्लब के बारे में बताओ।
स्टूडेंट को होंगे आकर्षितस्टूडेंट्स को अपने क्लब के बारे में बताने के लिए रोबोटिक्स या डेमो-डे भी ऑर्गनाइज किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर भी क्लब का प्रमोशन किया जा सकता है।
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