पश्चिम बंगाल संयुक्त प्रवेश परीक्षा बोर्ड (WBJEEB) ने 27 अप्रैल, 2025 को आयोजित WBJEE 2025 के परिणाम अभी तक जारी नहीं किए हैं, जिससे एक लाख से ज़्यादा इंजीनियरिंग और फ़ार्मेसी के उम्मीदवार अधर में लटके हुए हैं। ओबीसी आरक्षण को लेकर कानूनी विवाद से जुड़ी इस देरी ने पश्चिम बंगाल NEET UG 2025 काउंसलिंग प्रक्रिया को भी रोक दिया है, जिससे छात्रों की निराशा और बढ़ गई है।
18 अगस्त को, WBJEEB ने एससी, एसटी और ओबीसी उम्मीदवारों को 21 अगस्त, 2025 तक wbjeeb.nic.in पर जाति प्रमाण पत्र अपलोड करने का निर्देश दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 2010 से पहले की 66 कक्षाओं के लिए 7% ओबीसी कोटे के साथ एक नई मेरिट सूची तैयार करने का आदेश दिया था। इससे पहले 7 अगस्त तक ओबीसी प्रमाण पत्र अपलोड करने का आह्वान किया गया था, लेकिन बोर्ड के खिलाफ अदालत के पूर्व निर्देशों का कथित रूप से पालन न करने के लिए अवमानना कार्यवाही के कारण यह प्रक्रिया बाधित हो गई थी।
चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने 18 अगस्त को घोषणा की कि 85% राज्य कोटे वाली MBBS और BDS सीटों के लिए NEET UG काउंसलिंग “अगले आदेश तक स्थगित” है, जिससे 11,178 पात्र उम्मीदवार प्रभावित होंगे। कोई कारण नहीं बताया गया, लेकिन OBC आरक्षण का मुद्दा संदिग्ध है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (WBMCC) ने राउंड 1 चॉइस फिलिंग के लिए एक अनंतिम मेरिट सूची जारी की थी, जिसे अब रोक दिया गया है।
इस देरी का असर प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय में दाखिले के लिए PUBDET 2025 के नतीजों और WBCAP व JEXPO की मेरिट सूचियों के साथ-साथ JENPAS UG और JELET जैसी परीक्षाओं पर भी पड़ेगा। X पर चिंता जता रहे छात्रों को शैक्षणिक नुकसान का डर है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने समाधान न होने पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की धमकी दी है। चल रही कानूनी खींचतान व्यवस्थागत मुद्दों को रेखांकित करती है, जिससे पश्चिम बंगाल के छात्र स्पष्टता के लिए चिंतित हैं।
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