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दुनिया की खबरें: इमरान खान ने पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखा और लीबिया तट के पास 50 प्रवासियों की मौत

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पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर उनसे उच्च न्यायालय के कथित पक्षपात, 2024 के चुनाव में धांधली और अन्य मुद्दों को लेकर शिकायत की है। बृहस्पतिवार को मीडिया में यह खबर आयी।

उच्चतम न्यायालय में खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी के सांसद लतीफ खोसा ने प्रधान न्यायाधीश याह्या अफरीदी को यह पत्र सौंपा।

‘डॉन’ अखबार ने खबर दी है कि 16 सितंबर को लिखे गए पत्र में मुख्य न्यायाधीश अफरीदी से आग्रह किया गया है कि वह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को कुछ ‘महत्वपूर्ण याचिकाओं’ की सुनवाई के लिए समय तय करने का निर्देश दें जो सुनवाई के लिए ‘अनिश्चितता के भंवर में लटक’ रही हैं।

खान ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में इस न्यायालय के कथित “संदिग्ध आचरण” के बारे में भी लिखा। उन्होंने पत्र में दावा किया है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सरफराज डोगर “26वें संशोधन के कारण अपने पद पर” हैं और उन्होंने अल-कादिर ट्रस्ट याचिकाओं और तोशाखाना पुनरीक्षण याचिकाओं के उचित निपटान में “जानबूझकर इनकार” किया।

खान ने आरोप लगाया, ‘‘उन्होंने (न्यायमूर्ति डोगर ने) निष्पक्षता को पूरी तरह त्याग दिया है और इस्लामाबाद उच्च न्यायालय को मेरे और मुझसे जुड़े लोगों के खिलाफ अन्यायपूर्ण और अत्याचारी अभियान का सूत्रधार बना दिया है।’’

क्रिकेट से राजनीति में आये खान (72) कई मामलों में दो साल से ज़्यादा समय से जेल में हैं। वह इस समय रावलपिंडी की आडियाला जेल में बंद हैं। इस साल के आरंभ में अल-कादिर ट्रस्ट मामलों में खान एवं उनकी पत्नी को दोषी ठहराए जाने के बाद उनकी पत्नी बुशरा बीबी भी जेल में पहुंच गयीं।

खान ने यह भी दावा किया कि उनकी पार्टी पीटीआई ने पिछले साल के आम चुनाव में ‘‘क्रूर हथकंडों, सभी मुखर आवाजों के दमन और मुझे जेल में होने के बावजूद’ ‘भारी जीत’ हासिल की।

उन्होंने लिखा, ‘‘फिर भी, जनता का जनादेश रातोंरात चुरा लिया गया, लोकतंत्र को एक तमाशा और संविधान को बलि का बकरा बना दिया गया। राष्ट्रमंडल 2024 की लीक हुई रिपोर्ट में भी इस (दावे) पर मुहर लगायी गयी है।’’

लीबिया तट के पास नौका डूबी, 50 प्रवासियों की मौत

सूडान के शरणार्थियों को ले जा रही एक नाव रविवार को लीबिया के तट पर आग लगने के कारण डूब गई, जिससे कम से कम 50 लोग मारे गए। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) ने यह जानकारी दी।

आईओएम ने बृहस्पतिवार को बताया कि नाव पूर्वी लीबिया में तोब्रुक तट से लगभग 60 किलोमीटर दूर डूब गई। नाव यूनान जा रही थी।

आईओएम ने इस सप्ताह की शुरुआत में ‘एक्स’ पर बताया था कि इस नाव में 75 सूडानी शरणार्थी सवार थे, जिनमें से केवल 24 को बचाया जा सका।

फिर गाजा छोड़कर जाने को मजबूर हुए फलस्तीनी परिवार की निराशा बढ़ी

नेमान अबू जराद और उनके परिवार के सदस्यों पर थकान, निराशा और गुस्सा हावी होता जा रहा है। और हो भी क्यों न, गाजा पट्टी में हिंसा के चलते उन्हें 11वीं बार अपना बसा-बसाया घर-बार छोड़ने के लिए मजबूर जो होना पड़ा है।

नेमान कहते हैं, “हम फिर से यातना के दौर में लौट गए हैं। हम बार-बार विस्थापित नहीं हो रहे हैं, हम घुट-घुटकर मर रहे हैं।”

इजराइल की बढ़ती बमबारी और जमीनी कार्रवाई शुरू करने की तैयारियों के बीच नेमान का परिवार पिछले हफ्ते अपनी कीमती वस्तुएं लेकर गाजा शहर से दक्षिण में खान यूनिस चला गया।

खान यूनिस में परिवार एक बंजर भूमि पर तंबू लगाकर रहने लगा है। हालांकि, परिवार को पता नहीं है कि आने वाले दिनों में उसे खाना-पानी नसीब हो पाएगा भी या नहीं।

सात अक्टूबर 2023 को इजराइल पर हमास के हमले के बाद दोनों पक्षों में छिड़ी लड़ाई के चलते उत्तरी गाजा में अपना पुश्तैनी घर छोड़ने के लिए मजबूर हुआ नेमान का परिवार लगभग दो साल से विस्थापन का दंश झेल रहा है।

इजराइल के लगातार अलग-अलग क्षेत्रों को निशाना बनाने के कारण नेमान के परिवार के पास अन्य लाखों फलस्तीनी परिवारों की तरह समय-समय पर अपना ठिकाना बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।

नेमान के मुताबिक, जनवरी में इजराइल और हमास के बीच हुए अस्थाई युद्ध-विराम के दौरान उसका परिवार उत्तर गाजा में अपने घर लौटा था, जो इजराइली हमलों के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था, लेकिन अपनी जगह पर खड़ा था। हालांकि, दो महीने के भीतर इजराइल ने फिर से हमले शुरू कर दिए, जिससे परिवार को दूसरा ठिकाना तलाशना पड़ा।

अफगानिस्तान के कई और प्रांतों में इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध

अफगानिस्तान में लोगों को “अनैतिक आचरण से बचाने के लिए” तालिबान की ओर से फाइबर-ऑप्टिक इंटरनेट सेवाओं पर लगाया गया पूर्ण प्रतिबंध कई और प्रांतों में प्रभावी हो गया है।

अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी बलों की पूर्ण वापसी के बाद सत्ता की कमान संभालने वाले तालिबान ने पहली बार इस तरह का प्रतिबंध लागू किया है। इससे सरकारी कार्यालय, निजी क्षेत्र के दफ्तर, सार्वजनिक प्रतिष्ठान और घर वाई-फाई इंटरनेट सेवा से वंचित हो गए हैं।

हालांकि, देश में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं अभी भी चालू हैं। अधिकारियों का कहना है कि “जरूरत पूरी करने के लिए” विकल्प तलाशे जा रहे हैं।

उत्तरी बल्ख प्रांत ने मंगलवार को वाई-फाई इंटरनेट सेवाएं बंद होने की पुष्टि की, जबकि देश के अन्य हिस्सों में भी गंभीर व्यवधान की खबरें हैं। बृहस्पतिवार को पूर्वी और उत्तरी क्षेत्रों के अधिकारियों ने बताया कि बगलान, बदख्शान, कुंदुज, नंगरहार और तखर प्रांत में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई हैं।

ट्रंप की ब्रिटेन की दूसरी राजकीय यात्रा के दौरान विरोध प्रदर्शन

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का बुधवार को विंडसर कैसल में शाही स्वागत किया गया, लेकिन साथ ही कैसल के बाहर कई प्रदर्शनकारियों ने उनकी अभूतपूर्व दूसरी राजकीय यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन किया।

कई हजार लोगों ने ट्रंप की यात्रा का विरोध करने के लिए मध्य लंदन में मार्च किया। ट्रंप का अपनी इस यात्रा के दौरान ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय द्वारा उनके सम्मान में आयोजित एक भव्य भोज में शामिल होने के साथ ही प्रधानमंत्री कीअर स्टॉर्मर के साथ एक बैठक करने का भी कार्यक्रम है।

‘स्टॉप ट्रंप यूके कोएलिशन’ द्वारा आयोजित प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारियों ने "नस्लवाद को ना, ट्रंप को ना" लिखे बैनर लिया हुआ था। प्रदर्शनकारी संसद की ओर जाने वाली रीजेंट स्ट्रीट की ओर बढ़े।

लंदन के पुलिस बल ने 1,600 कर्मियों को तैनात किया था क्योंकि उन्हें लगभग 50 विभिन्न समूहों के सदस्यों के आने की आशंका थी, जिनमें जलवायु, नस्लवाद विरोधी और फलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता शामिल थे।

ट्रंप और उनकी पत्नी मेलानिया हेलीकॉप्टर से विंडसर कैसल पहुंचे, जहां चार्ल्स तृतीय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और इस दौरान सैन्य बैंड ने अमेरिका और ब्रिटेन के राष्ट्रगान बजाये।

कैसल के बाहर, कई लोगों ने पूरे दिन विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि बड़ी संख्या में पुलिस बल की उपस्थिति और घटना को कवर करने वाले अंतरराष्ट्रीय समाचार दल की तुलना में उनकी संख्या कम थी।

विंडसर में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से एक को आपातकालीन कर्मचारी पर हमला करने और धमकी देने के आरोप में तथा दूसरे को सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन और हमले के संदेह में गिरफ्तार किया गया।

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