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जयपुर, 24 अगस्त (Udaipur Kiran News). Rajasthan के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं. कोटा और बूंदी जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया है, जबकि बारां, झालावाड़, टोंक, भीलवाड़ा, अजमेर, नागौर और पाली में ऑरेंज अलर्ट, और शेष जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है. हालात गंभीर होते देख सेना और अन्य राहत एजेंसियों की मदद ली जा रही है.

राजधानी जयपुर में शनिवार सुबह से हो रही बारिश ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी. शहर की मुख्य सड़कों पर जलभराव और गड्ढों के कारण यातायात बाधित हुआ है. पॉश कॉलोनियों में भी पानी भरने और सीवर जाम होने से जनजीवन प्रभावित हुआ. हालांकि बारिश से तापमान में 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिली है.

हाड़ौती क्षेत्र में स्थिति अधिक खराब है. कोटा और बूंदी में जलभराव और नदियों के उफान के चलते कई गांव प्रभावित हैं. लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सेना को राहत कार्यों में लगाया गया है. कोटा में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और टोंक के देवली में जयपुर-कोटा हाईवे पर पानी भरने से यातायात रोकना पड़ा. बूंदी के लबान इलाके में रेलवे ट्रैक की मिट्टी बहने से कई ट्रेनों को पास के स्टेशनों पर रोकना पड़ा.

बांधों के गेट खोलने से नदियों का जलस्तर और बढ़ा

लगातार बारिश के चलते राज्य के प्रमुख बांधों से पानी की निकासी की जा रही है:

  • बीसलपुर बांध: 72,120 क्यूसेक

  • कोटा बैराज: 12,344 क्यूसेक

  • करौली का पांचना बांध: 17,496 क्यूसेक

  • ईसरदा: 14,780 क्यूसेक

  • कालीसिंध: 8,161 क्यूसेक

इनसे निकलने वाले पानी के कारण नदियों का जलस्तर और बढ़ गया, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा और गहराया है.

हादसों की भी खबरें
  • अलवर के रामगढ़ में मकान ढहने से 7 लोग दब गए, जिनमें एक बच्ची की हालत गंभीर है.

  • करौली के बुगड़ार गांव में पुलिया पार करते समय एक युवक बह गया.

  • दौसा के लालसोट में राजकीय संस्कृत स्कूल की छत की पट्टियां गिर गईं, गनीमत रही कि कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ.

जनप्रतिनिधियों की सक्रियता

बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने बूंदी के केशोरायपाटन क्षेत्र में दौरा कर जायजा लिया. कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीणा और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने सवाई माधोपुर जिले में राहत कार्यों की निगरानी की.

तेज बारिश के कारण शिक्षण गतिविधियां भी प्रभावित हुईं. कोटा और बूंदी जिलों में 24 अगस्त को प्रस्तावित RSCIT परीक्षा स्थगित करनी पड़ी. बूंदी के 6 और कोटा के 1 परीक्षा केंद्र पर परीक्षा निरस्त की गई.

भारी वर्षा का आंकड़ा

मौसम विभाग के अनुसार 23 अगस्त को सबसे अधिक वर्षा बूंदी जिले के केशोरायपाटन में दर्ज की गई, जहां 502 मिमी बारिश हुई. अन्य जिलों में वर्षा इस प्रकार रही:

  • करौली: 41.5 मिमी

  • दौसा: 33.5 मिमी

  • प्रतापगढ़: 7.5 मिमी

  • अजमेर: 10.8 मिमी

  • भीलवाड़ा: 17 मिमी

  • कोटा: 18 मिमी

  • बीकानेर: 6.8 मिमी

  • जयपुर: 29.5 मिमी

  • चूरू: 2.7 मिमी

  • गंगानगर: 1.9 मिमी

  • डूंगरपुर: 1.5 मिमी

बाड़मेर, जैसलमेर, जोधपुर और जालौर में बारिश ना के बराबर रही.

1 जून से 22 अगस्त तक Rajasthan में औसतन 336.5 मिमी बारिश दर्ज होती है, जबकि इस वर्ष अब तक 476.8 मिमी वर्षा हो चुकी है, यानी 42% अधिक वर्षा दर्ज की गई है.

मौसम विभाग की चेतावनी

मौसम विज्ञान केंद्र जयपुर के निदेशक राधेश्याम शर्मा के अनुसार, मध्यप्रदेश-Rajasthan सीमा पर बना साइक्लोनिक सर्कुलेशन अब पूर्वी Rajasthan और दक्षिण-पश्चिमी Uttar Pradesh की ओर बढ़ गया है. मानसून ट्रफ लाइन गंगानगर, चूरू, ग्वालियर, सतना और डालटनगंज होते हुए बंगाल की खाड़ी तक सक्रिय है, जिसके चलते भारी बारिश का दौर लगातार जारी है.

अगले 24 घंटे में कोटा और बूंदी में और अधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है. साथ ही बारां, झालावाड़, टोंक, अजमेर, नागौर और पाली में भी भारी वर्षा की संभावना जताई गई है.

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