शिलांग, 30 सितंबर . मेघालय के Chief Minister कॉनराड संगमा ने स्पष्ट किया है कि इस महीने की शुरुआत में जिन चार एनपीपी विधायकों को राज्य मंत्रिमंडल से हटाया गया था, उन्हें इस संबंध में एक पत्र भेजा गया था और वे सभी इसे प्राप्त कर चुके हैं.
वहीं, अम्पारीन लिंगदोह, जिन्हें New Delhi में एक कार्यक्रम के दौरान मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी, के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए Chief Minister संगमा ने कहा कि 12 सितंबर की रात करीब 8 बजे उन्होंने एनपीपी के सभी चार मंत्रियों को उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर किए जाने के फैसले के बारे में एक पत्र भेजा था.
सीएम ने कहा, ”पत्र भेजा गया था और उन्हें वह मिला है. मुझे उम्मीद है कि जब उन्हें Chief Minister का पत्र मिलेगा, तो वे इसे पढ़ेंगे.”
संगमा ने पुष्टि करते हुए कहा कि एनपीपी मंत्री को पत्र मिले थे और प्रक्रिया का पालन किया गया था.
सीएम संगमा ने कहा कि यह कहना कि काबिल और अनुभवी नेताओं को हटाया गया, यह धारणा तर्कसंगत नहीं है. उन्होंने कहा कि उन्होंने क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, अनुभव, वरिष्ठता और युवाओं के बीच समायोजन करके एक संतुलित मंत्रिमंडल बनाने की कोशिश की है.
उन्होंने कहा कि कुछ वर्तमान मंत्री बहुत अधिक अनुभव रखते हैं और सार्वजनिक जीवन में लंबे समय से सक्रिय हैं.
Chief Minister ने बताया कि उन्हें मंत्रिमंडल पुनर्गठन करते वक्त राज्य के री भोई, नॉर्थ गारो हिल्स और पश्चिम खासी हिल्स जैसे इलाकों की उम्मीदों और आकांक्षाओं का भी ध्यान रखना पड़ा. इसलिए यह परिवर्तन करते समय उन्होंने प्रदेश की विविधता और जनता की अपेक्षाओं को संतुलित करने की जिम्मेदारी समझी.
सीएम संगमा ने कहा कि उनके लिए यह फैसला लेना इतना आसान नहीं था, लेकिन उन्होंने सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि सीएम कुर्सी के साथ बड़ी जिम्मेदारी भी आती है और हमारा कर्तव्य है कि हम जनता की भलाई के लिए काम करें.
–
पीआईएम/एबीएम
You may also like
समाज के सहयोग से संघ शताब्दी यात्रा सुगम बनी
बिहार के कैमूर जिले में मां मुडेश्वरी मंदिर में दी जाती है रक्त विहिन बली
राजगढ़ः लापरवाही बरतने पर तत्कालीन पंचायत सचिव निलंबित, अधिकारियों की रोकी वेतनवृद्वि
प्रेमानंद जी महाराज का संदेश: प्रसाद का महत्व और जीवन की सच्चाई
अनूपपुर: जन शिकायत पर कलेक्टर ने की तत्काल कार्यवाही, सीएमएचओ को लगा 5 हजार जुर्माना