New Delhi, 17 अगस्त . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि सिर पर संविधान रखकर नाचने वालों ने संविधान को कुचला था. उन्होंने खुलासा किया कि पहले दिल्ली में एक ऐसा कानून लागू था, जो बिना सूचना के काम पर न आने वाले सफाईकर्मियों को जेल भेजने की अनुमति देता था.
दिल्ली के रोहिणी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “जो लोग सिर पर संविधान रखकर नाचते हैं, वह संविधान को कैसे कुचलते थे, वह बाबासाहेब की भावनाओं को कैसे दगा देते थे, वह सच्चाई बताने जा रहा है. सफाईकर्मी भाई-बहनों के लिए दिल्ली में पहले खतरनाक कानून था. दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन एक्ट में एक बात लिखी थी, यदि कोई सफाई मित्र बिना बताए काम पर नहीं आता तो उसे एक महीने के लिए जेल में डाला जा सकता था. खुद सोचिए, सफाई कर्मियों को ये लोग क्या समझते थे. एक छोटी सी गलती के कारण क्या आप उन्हें जेल में डाल देंगे?”
पीएम मोदी ने कहा, “आज जो सामाजिक न्याय की बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, उन्होंने ऐसे कई कानून देश में बनाए रखे हुए थे. यह मोदी है, जो इस तरह के गलत कानूनों को खोज-खोजकर खत्म कर रहा है. हमारी सरकार ने ऐसे सैकड़ों कानूनों को समाप्त किया है और यह अभियान लगातार जारी है.”
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में शासन सुधारों पर बल देते हुए कहा कि हमारे लिए रिफॉर्म का मतलब सुशासन का विस्तार है. इसलिए हम रिफॉर्म पर बल दे रहे हैं. आने वाले समय में हम बड़े-बड़े रिफॉर्म करने वाले हैं, ताकि जीवन और बिजनेस सब कुछ आसान हो.
उन्होंने बताया कि इस दिशा में अगला बड़ा कदम जीएसटी सुधार का है. प्रधानमंत्री ने कहा, “जीएसटी रिफॉर्म होने जा रहा है. इस दिवाली डबल बोनस देशवासियों को मिलने वाला है. हमने इसका प्रारूप राज्यों को भेज दिया है. उम्मीद करता हूं कि सभी राज्य इसमें सहयोग करेंगे और जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे, ताकि दिवाली और शानदार बन सके.”
उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का प्रयास जीएसटी को आसान बनाना और टैक्स दरों को रिवाइज करना है.
–
डीसीएच/
You may also like
बवोट चोरी का सपना पूरा नहीं होने देंगे : राहुल
ये हैं देश के सबसे बड़े वकील! एक-एक सुनवाई कीˈ फीस भरने में बिक जाते हैं घर-द्वार। जानिए हैरान करने वाले कुछ नाम
धमतरी : शहर के अधिकांश अटल आवास जर्जर, तीन आवासों की दीवार ढही
शिक्षा विभाग में अभियंता का कार्य देख रहे शिक्षक और कृषि अधिकारी होंगे मुक्त
मुख्यमंत्री के चुनावी हलफनामे के जांच की जरूरत: बेनीवाल