Mumbai , 12 सितंबर . महिमा चौधरी एक जानी-मानी भारतीय फिल्म अभिनेत्री और मॉडल हैं. उन्होंने 1997 में सुभाष घई की फिल्म ‘परदेस’ से बॉलीवुड में डेब्यू किया था, जिसमें उनके अभिनय और मासूमियत ने दर्शकों का दिल जीत लिया. इस फिल्म के लिए उन्हें फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू अवार्ड भी मिला.
महिमा का जन्म 13 सितंबर 1973 को दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल में हुआ था. फिल्मों में आने से पहले वे मॉडलिंग और विज्ञापनों में काम कर चुकी थीं. अपने करियर में उन्होंने ‘दिल क्या करे’, ‘दाग: द फायर’, ‘कुरुक्षेत्र’, ‘लज्जा’, और ‘धड़कन’ जैसी फिल्मों में यादगार भूमिकाएं निभाईं.
अपनी सादगी और शानदार अभिनय के लिए पहचानी जाने वाली महिमा चौधरी बॉलीवुड की उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं, जिन्होंने 90 और 2000 के शुरुआती दौर में इंडस्ट्री में एक अलग पहचान बनाई.
पहली फिल्म से डेब्यू करने के लिए महिमा चौधरी को अपना नाम बदलना पड़ा था. महिमा का असली नाम रितु चौधरी है. रितु चौधरी से उनको महिमा चौधरी क्यों बनाना पड़ा, यह एक दिलचस्प किस्सा है. हालांकि, पहले तो उन्हें नाम बदलने में कोई परहेज नहीं हुआ, लेकिन बाद में अभिनेत्री को इसका मलाल भी हुआ. इसे उन्होंने अपने एक इंटरव्यू में जाहिर किया.
दरअसल, फिल्म ‘परदेस’ के लिए सुभाष घई को नया चेहरा चाहिए था. सैकड़ों लड़कियों के ऑडिशन करने के बाद कोई पसंद नहीं आया. तब एक पार्टी में उनकी नजर रितु चौधरी पर पड़ी. पहली बार में उन्होंने फिल्म का ऑफर रितु को दे दिया.
जब उन्हें सुभाष घई की फिल्म ‘परदेस’ में मुख्य भूमिका के लिए चुना गया, तब सुभाष घई ने उनसे अपना नाम बदलने के लिए कहा. सुभाष घई का एक गहरा अंधविश्वास था कि जिन अभिनेत्रियों के नाम ‘एम’ अक्षर से शुरू होते हैं, उनके साथ निर्देशक की फिल्में हिट होती हैं. उनसे पहले वो माधुरी दीक्षित और मीनाक्षी शेषाद्रि जैसी अभिनेत्रियों के साथ कई ब्लॉकबस्टर फिल्में बना चुके थे.
इस अंधविश्वास को मानते हुए, उन्होंने रितु को अपना नाम बदलकर ‘महिमा’ रखने का सुझाव दिया. अपनी पहली फिल्म में सफलता की उम्मीद में रितु ने इस बात को मान लिया. उनका यह फैसला उनके करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ. फिल्म ‘परदेस’ एक बड़ी हिट रही और महिमा रातों रात एक सुपरस्टार बन गईं.
हालांकि, बाद में एक इंटरव्यू में महिमा चौधरी ने इस नाम परिवर्तन के बारे में खुलकर बात की. उन्होंने बताया कि अपने करियर के लिए अपना नाम बदलना उनके लिए एक मुश्किल फैसला था. वह कहती हैं कि कई सालों तक उन्हें ‘महिमा’ के नाम से जाना गया, लेकिन बाद में उन्होंने महसूस किया कि उन्हें अपने असली नाम ‘रितु’ से ज्यादा जुड़ाव है.
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जेपी/जीकेटी
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