New Delhi, 3 नवंबर . असमानता महामारी से लड़ने के राष्ट्रीय और वैश्विक प्रयासों को कमजोर कर रही है, जिससे बीमारियां ज्यादा नुकसान पहुंचा रही हैं और जानलेवा साबित हो रही हैं. यूएनएड्स की Monday को जारी एक ग्लोबल रिपोर्ट इस ओर ध्यान दिलाती है.
दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्रियों, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स और राजनेताओं की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे असमानता महामारी से निपटने के आड़े आ रही है और उन्हें ज्यादा कमजोर बना रही है. रिपोर्ट यूएनएड्स के ग्लोबल काउंसिल ऑन इनइक्वलिटी, एड्स और पैनडेमिक ने प्रकाशित की है.
इसमें बताया गया है कि देशों के अंदर और देशों के बीच उच्च स्तर की असमानता महामारी को लंबे समय तक टिकाए रख रही है.
दूसरी ओर, महामारी भी असमानता को बढ़ावा दे रही है, जिससे एक ऐसा चक्र बन रहा है जो न केवल कोविड-19, बल्कि एड्स, इबोला, इन्फ्लूएंजा, एमपॉक्स और अन्य बीमारियों में भी देखा गया है.
रिपोर्ट सुझाव देती है कि दुनिया को अब भविष्य में ऐसी किसी भी महामारी से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए. इसमें महामारी आने से पहले असमानता को दूर करने का आह्वान किया गया है ताकि दुनिया को अगली वैश्विक बीमारी के संकट से मौजूदा तैयारियों के प्रयासों की तुलना में ज्यादा प्रभावी ढंग से बचाया जा सके.
यूएनएड्स की कार्यकारी निदेशक और संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव विनी ब्यानिमा ने कहा, “यह रिपोर्ट दिखाती है कि नेताओं को उन असमानताओं से निपटने की तत्काल आवश्यकता क्यों है जो महामारी को बढ़ावा देती हैं, और यह उन्हें दिखाती है कि वे ऐसा कैसे कर सकते हैं. देशों के अंदर और देशों के बीच असमानताओं को कम करने से सभी के लिए बेहतर, निष्पक्ष और सुरक्षित जीवन संभव होगा.”
ये नए निष्कर्ष ऐसे समय में आए हैं जब जी20 के स्वास्थ्य मंत्री एवियन फ्लू और एमपॉक्स के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए और बढ़ते प्रकोप की रिपोर्ट्स के बीच मिलने की तैयारी कर रहे हैं, और जब एचआईवी रोकथाम के लिए ड्रग नियंत्रक नई दवाओं को मंजूरी दे रहे हैं.
रिपोर्ट में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया गया है जो राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर महामारी के सामाजिक और आर्थिक असमानता-महामारी चक्र को तोड़ने में सक्षम हो.
इसने वैश्विक ढांचे में वित्तीय बाधाओं को दूर करने का भी आग्रह किया ताकि सभी देशों को महामारी को बढ़ावा देने वाली असमानताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त वित्तीय मदद मिल सके.
रिपोर्ट में कहा गया है, “स्थानीय और क्षेत्रीय उत्पादन के साथ-साथ अनुसंधान और विकास के एक नए शासन का निर्माण करें जो पैनडेमिक्स को रोकने के लिए आवश्यक सार्वजनिक वस्तुओं के रूप में प्रौद्योगिकी के बंटवारे को सुनिश्चित करने में सक्षम हो.”
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इक्विटी के निदेशक प्रोफेसर सर माइकल मार्मोट ने कहा, “सबूत बिल्कुल साफ हैं. अगर हम असमानताओं को कम करते हैं – जिसमें अच्छे घर, उचित काम, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं – तो हम महामारी के जोखिम को उसकी जड़ से कम करते हैं. असमानता से निपटने के लिए कार्रवाई करना ‘अच्छा होगा’ वाली बात नहीं है; वो महामारी से पहले तैयारी और उससे निपटने के लिए आवश्यक हैं.”
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केआर/
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