New Delhi, 12 अक्टूबर . Prime Minister Narendra Modi द्वारा शुरू की गई ‘धन-धान्य कृषि योजना’ और ‘दलहन आत्मनिर्भर मिशन’ किसानों के लिए बड़ी उम्मीद लेकर आई है. इस अवसर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विस्तार से योजनाओं, किसानों की समस्याओं और Government की भविष्य की रणनीतियों पर न्यूज एजेंसी के साथ खास बातचीत की. प्रस्तुत है कृषि मंत्री के साथ हुई बातचीत के प्रमुख अंश.
सवाल- Prime Minister मोदी ने हाल ही में धन-धान्य कृषि योजना और दलहन आत्मनिर्भर मिशन शुरू किया है. ये योजनाएं किसानों के लिए कितनी बड़ी सौगात साबित होंगी?
जवाब- ये योजनाएं किसानों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं. देश के कुछ जिले हैं जहां प्रति हेक्टेयर उत्पादन काफी अच्छा है, लेकिन कई जिले ऐसे भी हैं जहां उत्पादन बहुत कम है. हमने उन्हीं कम उत्पादकता वाले, पिछड़े और सिंचाई की सुविधाओं से वंचित जिलों को चुना है. वहां पर 11 विभागों की 36 योजनाएं मिलकर काम करेंगी. इससे न केवल किसानों की उत्पादकता बढ़ेगी, बल्कि देश का कुल उत्पादन भी बढ़ेगा.
इसके अलावा, दलहन के मामले में भी हम आत्मनिर्भरता चाहते हैं. आज India गेहूं और चावल में आत्मनिर्भर है, लेकिन दालों में अभी भी विदेशों पर निर्भरता है. दलहन का उत्पादन बढ़ाने के लिए Prime Minister ने एक विशेष अभियान शुरू किया है. 2030-31 तक हम दलहन में पूर्ण आत्मनिर्भरता हासिल करना चाहते हैं, जिससे किसान और देश दोनों को लाभ होगा.
सवाल- दलहन में आत्मनिर्भरता की जरूरत क्यों महसूस हुई? इसका मुख्य कारण क्या है?
सवाब- इसका एक मुख्य कारण है कि देश की बड़ी आबादी शाकाहारी है और प्रोटीन के लिए दालों पर निर्भर है. दूसरी बात यह है कि India में समृद्धि बढ़ रही है, तो दालों की खपत भी बढ़ रही है. लोग दाल के बिना भोजन नहीं करते. तीसरी महत्वपूर्ण बात यह है कि कृषि में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) जरूरी है. यदि हम लगातार गेहूं और चावल की खेती करेंगे तो मिट्टी की उर्वरता कम हो जाएगी, लेकिन दालें नाइट्रोजन फिक्स करती हैं और मिट्टी को स्वस्थ रखती हैं. इसलिए दलहन की खेती बढ़ाना जरूरी है.
सवाल- हाल ही में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का आपने दौरा किया था. किसानों को क्या राहत मिली? Government की क्या भूमिका रही?
जवाब- हम किसानों के बीच ही थे, उनके घरों में गए, उनके साथ पानी में खड़े रहे. Prime Minister ने पंजाब को 1,600 करोड़ रुपए का राहत पैकेज दिया है. मैं खुद 14 अक्टूबर को पंजाब जा रहा हूं. बाढ़ में जो मकान ध्वस्त हुए हैं, उनके लिए Prime Minister आवास योजना के तहत फंड उपलब्ध कराए जाएंगे.
इसके अलावा, सिल्ट जमा हो जाने की समस्या को हटाने के लिए भी योजनाएं लागू की जा रही हैं. ये काम राज्य Government के सहयोग से किए जा रहे हैं क्योंकि हमारे देश का प्रशासनिक ढांचा संघीय है. हम किसान की तकलीफ दूर करने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं.
सवाल- अधिकारी और मंत्री खेतों में जाकर किसानों के साथ संवाद करते हैं. इस काम के लिए क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब- जो लोग इस सेवा का भाग्य पाते हैं, वे देश और किसानों की सेवा करते हैं. चाहे मंत्री हों, अधिकारी हों या Chief Minister , हम सबका धर्म है किसानों की सेवा करना. खेतों में जाकर समस्या समझना जरूरी है, फाइलों में बैठकर खेती नहीं समझी जा सकती. हमें दिन-रात मेहनत करनी होगी क्योंकि देश की 46 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है.
सवाल- 2014 से अब तक कृषि उत्पादन में कितनी बढ़ोतरी हुई है और भविष्य की योजनाएं क्या हैं?
जवाब- हमने गेहूं और चावल का उत्पादन इतना बढ़ा दिया है कि अब हमारे पास भंडारण की जगह भी कम पड़ रही है. हम निर्यात भी कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य India की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है, साथ ही India को विश्व का ‘फूड बास्केट’ बनाना है. निरंतर हम कृषि उत्पादन को बढ़ाने की दिशा में काम कर रहे हैं.
सवाल- नकली खाद और घटिया बीजों को लेकर Government की क्या रणनीति है?
जवाब- नकली खाद, घटिया बीज और कीटनाशक किसानों के साथ धोखा है. इसे हम बड़ा पाप मानते हैं. इसलिए Government ने ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है. फैक्ट्री सीलिंग से लेकर बड़े पैमाने पर छापेमारी की जा रही है. यह अभियान लगातार जारी रहेगा क्योंकि किसानों के हितों की रक्षा हमारी प्राथमिकता है.
सवाल- क्या एफपीओ (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन) का लाभ किसानों तक पहुंच पा रहा है?
जवाब- बिल्कुल. आज 52 लाख से ज्यादा किसान एफपीओ से जुड़े हैं. लगभग 1,100 एफपीओ बन चुके हैं. इनका टर्नओवर 15,000 करोड़ रुपए से अधिक है. एफपीओ किसानों को बेहतर दाम दिलाने और उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. हम इसे और ज्यादा किसानों तक पहुंचाना चाहते हैं.
सवाल- Government दलहन कैसे खरीदेगी और राज्यों की भूमिका क्या होगी?
जवाब- कृषि की जमीन तो राज्यों की है, इसलिए राज्यों की भूमिका सबसे अहम है. केंद्र ने गेहूं, चावल के लिए एमएसपी के तहत खरीद सुनिश्चित की है. अब उड़द, मसूर, अरहर जैसी दालों की भी खरीद एमएसपी पर की जाएगी, खासकर उन किसानों से जिन्होंने रजिस्ट्रेशन कराया है. एमएसपी भी पिछले वर्षों में कई गुना बढ़ाया गया है. राज्यों को इस प्रक्रिया में सक्रिय होना होगा.
सवाल- अमेरिकी टैरिफ का मुकाबला करने के लिए India कितना सक्षम है?
जवाब- Prime Minister मोदी ने साफ कह दिया है कि हम किसानों के हितों से कोई समझौता नहीं करेंगे. राष्ट्रहित सर्वोपरि है.
सवाल- क्या India की कृषि मार्केट में अमेरिका की एंट्री संभव है?
जवाब- कोई भी फैसला किसानों के हितों को ध्यान में रखकर ही होगा. हमारे छोटे किसान हमारी प्राथमिकता हैं. उनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है.
सवाल- दिल्ली एनसीआर में पराली जलाने की समस्या काफी गंभीर है. Government ने इस मुद्दे को कैसे संभाला है?
जवाब- पराली जलाना सही नहीं है. हम किसानों को पराली खेत में मिलाकर खाद बनाने और डायरेक्ट सीडिंग के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं. राज्य Governmentों के साथ मिलकर कस्टम मशीनें उपलब्ध करा रहे हैं ताकि किसान पराली जलाने से बचें और उसका सही उपयोग करें.
सवाल – स्वदेशी उत्पादों के प्रयोग को आप कैसे बढ़ावा दे रहे हैं?
जवाब- आत्मनिर्भर India के लिए स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग जरूरी है. मैं खुद भी जनता को स्वदेशी अपनाने की सलाह देता हूं. ‘जोहो’ जैसे प्लेटफॉर्म पर भी आना स्वदेशी का ही प्रतीक है.
सवाल- Madhya Pradesh में ओबीसी आरक्षण को लेकर विवाद है. आपकी क्या राय है?
जवाब- वहां की Government ने अपने पक्ष को रखा है.
सवाल- राहुल गांधी के विदेश यात्रा पर क्या कहेंगे?
जवाब- वे देश में कम रहते हैं और विदेशों में ज्यादा. उन्हें India की संस्कृति और मूल्यों से लगाव नहीं दिखता. अपने देश की आलोचना करना सही नहीं है.
सवाल- बिहार चुनाव को लेकर आपकी क्या उम्मीदें हैं?
जवाब- बिहार में मखाना बोर्ड के गठन से लेकर आम आदमी की जिंदगी बदलने तक का काम बहुत अच्छे तरीके से हुआ है. बिहार में फिर से डबल इंजन की Government बनेगी.
सवाल- बंगाल में BJP MPों पर हुए हमलों को लेकर क्या कहेंगे?
जवाब- बंगाल की स्थिति चिंताजनक है. मैं फिलहाल President शासन पर टिप्पणी नहीं करूंगा.
सवाल- Prime Minister Narendra Modi के 24 वर्षों के Political सेवा पर आपकी क्या राय है?
जवाब- Prime Minister मोदी का जीवन पूरी तरह देश की सेवा के लिए समर्पित है. 24 साल से वे निरंतर देश और राज्य की सेवा कर रहे हैं. उनके जैसा नेता मिलना India के लिए सौभाग्य की बात है.
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वीकेयू/एएस
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