सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर में रविवार (21 सितंबर) को आयोजित एक मिलन कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री और हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने अपनी राजनीतिक स्थिति और योजनाओं पर खुलकर बात रखी.
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में उनकी पार्टी की भागीदारी केवल चार विधायकों की है, जिस कारण उनकी बातें सदन में गंभीरता से नहीं सुनी जातीं. मांझी ने साफ कहा- “अकेला चना भार नहीं फोड़ता.”
मांझी ने आगामी बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर अपनी रणनीति भी साझा की. उन्होंने कहा कि वे इस बार लगातार लोगों के बीच जा रहे हैं ताकि 2025 के चुनाव में उनकी पार्टी से कम से कम 20 विधायक चुनकर आएं.
तभी वे गरीब और वंचित वर्ग के लिए अपनी पुरानी अधूरी योजनाओं को पूरा करा पाएंगे.
मांझी ने नीतीश कुमार पर लगाया ये गंभीर आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने अपने कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि जब वे बिहार के सीएम थे तो भूमि सुधार विभाग को आदेश दिया गया था कि राज्य की 16-17 लाख एकड़ सरकारी जमीन में से करीब 13 लाख एकड़ भूमिहीनों में बांटी जाए. कैंप लगाकर यह काम तेजी से शुरू भी हुआ, लेकिन उनके पद छोड़ने के बाद योजना अधूरी रह गई. उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने इस योजना पर काम जरूर शुरू किया, मगर आज तक वह पूरी तरह लागू नहीं हो पाई.
दो कमरों का घर बने- जीतन राम मांझी
केंद्रीय मंत्री ने आवास योजनाओं पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि इंदिरा आवास और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिस प्रकार का नक्शा तय किया गया है, उसमें एक ही कमरे का प्रावधान है. मांझी ने नाराजगी जताते हुए कहा – “क्या लोग जानवर हैं कि मां-बाप, बेटा-पतोहू, बेटी-दामाद सब एक ही कमरे में रहें? यह व्यवस्था बिल्कुल गलत है.”
उन्होंने सरकार से मांग की कि कम से कम 5 डिसमिल जमीन पर दो कमरों का घर बने, जिसमें शौचालय और बिजली की सुविधा भी हो.
किसी को गाली देना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है- मांझी
इस दौरान मांझी ने हाल ही में आरजेडी की सभा में प्रधानमंत्री की मां को गाली दिए जाने की घटना पर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने इसे “अत्यंत घृणित” बताया और कहा कि किसी को गाली देना भारतीय संस्कृति के खिलाफ है. ऐसे व्यक्ति को आदमी कहना भी उचित नहीं.
एनडीए में नहीं है किसी भी प्रकार का कोई विवाद
सीट बंटवारे को लेकर पूछे गए सवाल पर मांझी ने कहा कि अभी एनडीए में इस पर कोई चर्चा नहीं हुई है. संभव है कि दशहरे के बाद इस विषय पर विमर्श हो. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए में किसी प्रकार का विवाद नहीं है और सभी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. मांझी ने कहा – “जिसके पास जिताऊ सीट होगी, उसे ही टिकट मिलेगा और सब मिलकर उसे जिताएंगे.” इस तरह मांझी का यह दौरा उनकी राजनीतिक रणनीति, अधूरी योजनाओं और भविष्य की तैयारियों का संदेश लेकर आया.
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