Saral Kisan 8th Pay Commission: जनवरी 2024 में आधिकारिक तौर पर घोषणा होने के बाद 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) के गठन की उम्मीद जताई जा रही है। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की सैलरी भत्ते और पेंशन की समीक्षा करना है। इससे 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों और रिटायर्ड व्यक्तियों को राहत मिलने की संभावना है। लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न यह है कि क्या फिटमेंट फैक्टर 2.86 गुना बढ़ी सैलरी से वर्तमान में बढ़ती महंगाई का सामना हो पाएगा?
पिछले वेतन आयोगों से क्या सीखा गया?
अब तक हर 10 साल में एक नया वेतन आयोग लागू किया गया है। 2006 में 6वां और 2016 में 7वां वेतन आयोग आया था। उस समय न्यूनतम बेसिक सैलरी को 2750 रुपये से बढ़ाकर 7000 रुपये और फिर 18000 रुपये किया गया था। हर बार कर्मचारियों की सैलरी और भत्तों में अच्छा इजाफा हुआ।
महंगाई आज क्यों एक बड़ी चुनौती बन गई है?
पिछले 8 वर्षों में देश की आर्थिक स्थिति काफी बदल चुकी है।
मकान किराया: दिल्ली जयपुर भोपाल और लखनऊ जैसे शहरों में रेंट 40-60% तक बढ़ गया है।
शिक्षा: प्राइवेट स्कूलों की फीस में पिछले 10 वर्षों में 80% तक का इजाफा हुआ है।
ईंधन: पेट्रोल की कीमतें 65 रुपये से 100 रुपये के पार पहुंच चुकी हैं।
स्वास्थ्य पर खर्च: CGHS कवर के बावजूद महीने में 3000 रुपये से 10000 रुपये तक का खर्च आ रहा है।
फूड प्रोडक्ट: गेहूं चावल तेल और सब्जियों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
सैलरी में कितनी बढ़ोतरी हो सकती है?
खबरों के अनुसार 8वां वेतन आयोग फिटमेंट फैक्टर को 2.28 से 2.86 गुना तक निर्धारित कर सकता है। यदि इसे 2.86 माना जाए तो किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी अगर वर्तमान में 20000 रुपये है तो वह बढ़कर 57200 रुपये हो सकती है। यानी कुल 186% की बढ़ोतरी संभव है।
8वां वेतन आयोग कब लागू होगा?
सरकार ने अभी तक कोई आधिकारिक तिथि नहीं बताई है लेकिन भत्ता पेंशन और सैलरी स्ट्रक्चर पर 2025 में अंतिम फैसला होने की उम्मीद है। साथ ही कर्मचारी यह जानना चाहते हैं कि क्या फिटमेंट फैक्टर सभी स्तरों पर समान होगा ताकि सैलरी सिस्टम अधिक न्यायपूर्ण हो सके।
NC-JCM के सचिव शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों की तरफ से Terms of Reference को जल्द ही मंजूरी मिलने की उम्मीद है। फिलहाल लाखों कर्मचारी महंगाई के दौर में कुछ ठोस राहत पाने के लिए आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं।
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