भारत में जादू टोना और तंत्र मंत्र के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं, और इन पर अक्सर आलोचना भी होती है। फिर भी, लोग इन पर विश्वास करते हैं और इनसे जुड़ी गतिविधियों को छुपाकर करते हैं। इस लेख में हम उन शहरों के बारे में चर्चा करेंगे, जहां काले जादू का प्रचलन अधिक है। अगली बार जब आप इन स्थानों पर जाएं, तो सावधानी बरतें।
भारत के ये 5 शहर काले जादू के लिए प्रसिद्ध हैं:
कुशाभद्रा नदी, उड़ीसा: इस नदी के आसपास कई हड्डियां और खोपड़ियां पाई जाती हैं, जो काले जादू के कारण हैं। अगली बार जब आप इस नदी के पास जाएं, तो सावधानी बरतें।
मणिकर्णिका घाट, वाराणसी: वाराणसी, जो एक पवित्र स्थल है, को भी काले जादू का केंद्र माना जाता है। यहां अघोरी बाबा रहते हैं और लाशों का सेवन करते हैं, जिससे उनकी शक्तियां बढ़ती हैं। मणिकर्णिका घाट पर काला जादू गुप्त रूप से किया जाता है।
निमतला घाट, कोलकाता: यह स्थान मृतकों के अंतिम संस्कार का स्थल है, जहां अघोरी बाबा आधी रात को आते हैं। यहां काले जादू की गतिविधियां होती हैं, जो सुनने में अजीब लगती हैं, लेकिन यह सच है।
इन स्थानों से सावधानी बरतें:
मायोंग विलेज, असम: यह गांव काले जादू के लिए प्रसिद्ध है। यहां के लोग मानते हैं कि काले जादू के कारण लोग गायब हो जाते हैं या उनकी मृत्यु हो जाती है। इस गांव में कई कहानियां प्रचलित हैं, जिसमें लोग जानवरों में बदलने की भी बातें शामिल हैं।
सुल्तान शाही, हैदराबाद: हैदराबाद में काले जादू की परंपराएं प्रचलित हैं। यहां कई बाबा काले जादू का अभ्यास करते हैं और इसके लिए पैसे या बलि की मांग करते हैं। चित्रिका, मुगलपुरा और शालिबंद जैसे स्थानों पर काले जादू की गतिविधियां होती हैं।
सावधानी बरतें
भारत के ये 5 शहर काले जादू के लिए जाने जाते हैं, लेकिन देश में और भी कई स्थान हैं जहां यह प्रथा प्रचलित है। हमेशा सतर्क रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
नोट:
यह लेख सामान्य जानकारी और इंटरनेट पर उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। इसका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं हो सकता है। हमारा उद्देश्य नकारात्मक चीजों को बढ़ावा देना नहीं है।
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