पानीपत के सेक्टर-29 थाने में एक महिला ने अपने ट्रांसपोर्टर पति पर गर्भपात, अवैध संबंध, और दहेज प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। जांच के दौरान सभी आरोप झूठे पाए गए। महिला ने यह भी कहा था कि ससुराल में टॉयलेट की कमी के कारण उसके रिश्ते में खटास आई, लेकिन यह भी जांच में गलत साबित हुआ। दो साल आठ महीने बाद, पुलिस ने मामला खारिज कर दिया और महिला के खिलाफ 182 के तहत कार्रवाई की।
महिला ने अपनी शादी 3 फरवरी 2013 को झज्जर के सोमबीर से की थी। उसने आरोप लगाया कि शादी में उसके पिता ने 30 लाख रुपये खर्च किए और 15 तोले सोना दिया। आरोप था कि ससुराल वालों ने बारात से पहले 15 लाख रुपये लिए और बाद में उसे कम दहेज लाने पर प्रताड़ित किया।
महिला ने यह भी कहा कि उसके पति के भाभी के साथ अवैध संबंध हैं, जिससे उसे प्रताड़ित किया गया। गर्भवती होने पर उसे गर्भपात की दवाई दी गई, जिसके बाद उसने 30 लाख रुपये की मांग की।
महिला ने ससुरालियों पर 28.60 लाख रुपये की राशि लेने का आरोप लगाया, जो वापस नहीं की गई। इसके अलावा, उसने ससुर पर छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया। पुलिस ने पति, सास, ससुर, जेठ और जेठानी के खिलाफ मामला दर्ज किया।
डीएसपी वीरेंद्र सैनी ने मामले की जांच की और पाया कि सभी आरोप झूठे थे। महिला ने दहेज प्रताड़ना के कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए।
महिला ने गृहमंत्री अनिल विज से भी शिकायत की, लेकिन जांच में वह झूठी साबित हुई। सोमबीर के वकील ने बताया कि उसकी पत्नी ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर कनाडा भागने की कोशिश की। उसे दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया और अब वह जमानत पर बाहर है।
सोमबीर के वकील ने कहा कि उसने अपने ससुराल वालों को तीन करोड़ रुपये दिए थे और जब उसने पैसे वापस मांगे, तो ससुराल वालों ने उसे झूठे आरोपों में फंसाने की कोशिश की। सेक्टर-29 थाना प्रभारी ने पुष्टि की कि महिला की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया था, लेकिन सभी आरोप बेबुनियाद पाए गए।
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