धरती पर जीवन का एक अटल सत्य है कि हर जीवित प्राणी को एक दिन इस संसार को छोड़ना होगा। यह प्रकृति का नियम है, और इससे कोई भी व्यक्ति बच नहीं सकता। जैसे गर्भवती महिला को पहले से ही यह आभास हो जाता है कि उसका बच्चा जल्द ही जन्म लेने वाला है, उसी तरह मृत्यु के करीब आने पर भी कई रहस्यमय संकेत प्रकट होते हैं। ये संकेत दर्शाते हैं कि मृत्यु निकट है और यमराज आपके चारों ओर मंडरा रहे हैं। शास्त्रों और पुराणों में इन संकेतों का उल्लेख किया गया है, और आज हम इन्हीं विशेष लक्षणों पर चर्चा करेंगे।
पहला संकेत: परछाई का गायब होना
यदि किसी व्यक्ति को अचानक पानी, शीशे या तेल जैसी सतहों पर अपनी परछाई दिखाई देना बंद हो जाए, तो यह मृत्यु का एक महत्वपूर्ण संकेत माना जाता है। यह स्थिति तब तक नहीं होती जब तक कि मृत्यु कुछ महीनों की दूरी पर न हो। शिव पुराण के अनुसार, यदि यह स्थिति बार-बार उत्पन्न होती है, तो यह संकेत है कि व्यक्ति की मृत्यु छह महीने के भीतर निश्चित है। यह यमराज की पहली चेतावनी है, जो बताती है कि अब इस दुनिया से जाने का समय निकट आ चुका है।
दूसरा संकेत: शरीर में असामान्य परिवर्तन
एक और रहस्यमय संकेत शरीर से जुड़ा है। यदि किसी व्यक्ति की जीभ में अचानक सूजन आ जाए या दांतों से मवाद निकलने लगे, तो इसे मृत्यु का गंभीर लक्षण माना जाता है। शास्त्रों में कहा गया है कि ऐसे लक्षणों के साथ व्यक्ति की उम्र अब छह महीने से अधिक नहीं होती। कई बार व्यक्ति को बिना किसी बीमारी के भी शरीर में ऐसे बदलाव दिखाई देने लगते हैं, जिनका विज्ञान भी कोई स्पष्ट कारण नहीं बता पाता। इसे यमराज का संदेश माना जाता है।
तीसरा संकेत: दृष्टि में परिवर्तन
तीसरा संकेत तब प्रकट होता है जब व्यक्ति की आंखों की रोशनी सामान्य होती है, लेकिन उसे हर जगह अंधकार नजर आता है। चीजें धुंधली या काली दिखने लगती हैं, जबकि चिकित्सकीय दृष्टि से उसे अंधापन नहीं होता। यह स्थिति बेहद डरावनी होती है और पुराणों में इसे मृत्यु के निकट आने का संकेत माना गया है। यदि ऐसा अनुभव लगातार हो, तो समझना चाहिए कि व्यक्ति अब कुछ ही महीनों के लिए इस धरती पर शेष रह गया है।
चौथा संकेत: आकाशीय संकेत
एक और रहस्यमय संकेत आकाश से जुड़ा है। यदि किसी व्यक्ति को अचानक ध्रुव तारा दिखाई देना बंद हो जाए, तो यह मृत्यु का स्पष्ट संकेत है। ध्रुव तारा अपनी स्थिरता के लिए जाना जाता है और इसे जीवन की लंबी यात्रा का प्रतीक माना जाता है। जब यह तारा किसी व्यक्ति को दिखाई देना बंद कर देता है, तो इसका अर्थ है कि उसकी जीवन यात्रा समाप्त होने वाली है। यह ब्रह्मांडीय चेतावनी यमराज की ओर से सीधे व्यक्ति तक पहुंच रही है।
मृत्यु का अनिवार्य सत्य
शास्त्र और पुराण मृत्यु के बारे में बहुत कुछ कहते हैं, लेकिन इन सभी का सार यही है कि मृत्यु से कोई नहीं बच सकता। मानवता ने सदियों से अमरता पाने की कोशिश की है, लेकिन ईश्वर के विधान के अनुसार पृथ्वी पर जीवन का अंत होना निश्चित है। मृत्यु ही एकमात्र सत्य है। हालांकि, ईश्वर संकेत देकर हमें पहले से आगाह कर देते हैं ताकि हम अपने जीवन को समझ सकें, अच्छे कर्मों में लगे रहें और उस यात्रा को सहजता से स्वीकार कर सकें, जिसे टाला नहीं जा सकता।
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