हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे को विशेष स्थान दिया गया है। इसे पवित्र माना जाता है और इसकी पूजा की जाती है। तुलसी को देवी का दर्जा दिया जाता है और इसे श्रीकृष्ण के साथ विवाह भी कराया जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में तुलसी का होना शुभ माना जाता है, क्योंकि यह घर के वास्तु दोषों को दूर करता है। इसके साथ ही, इसे माँ लक्ष्मी का प्रतीक भी माना जाता है, जिससे घर में समृद्धि बनी रहती है।
तुलसी के सूखने के संकेत
तुलसी का पौधा न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह आने वाली मुसीबतों का संकेत भी देता है। शास्त्रों के अनुसार, जब तुलसी का पौधा सूखने लगता है, तो यह अशांति और दुख का संकेत होता है। इसका मतलब है कि घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश हो रहा है।
सूखी तुलसी का अर्थ है कि घर की बरकत जा रही है और धन की देवी लक्ष्मी का वास समाप्त हो रहा है। इससे परिवार में झगड़े बढ़ सकते हैं और नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है।
सूखी तुलसी का समाधान

यदि तुलसी सूख जाए, तो इसे तुरंत हटा देना चाहिए। सूखी तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए और न ही वहाँ दीपक या अगरबत्ती लगानी चाहिए। इसे गमले से निकालकर नई और हरी तुलसी लगानी चाहिए। सूखी तुलसी को बहते पानी में प्रवाहित करना चाहिए।
तुलसी की पूजा के नियम
तुलसी की पूजा के लिए कुछ नियम भी हैं। इसे सुबह और शाम पूजा करनी चाहिए और दीपक जलाना चाहिए। एकादशी और ग्रहण के दिन तुलसी की पूजा नहीं करनी चाहिए। रविवार को तुलसी को दूध चढ़ाना और घी का दीपक लगाना शुभ माना जाता है। इन नियमों का पालन करने से माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में समृद्धि बनी रहती है।
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