किसी भी व्यक्ति को कभी भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। अचानक आए मेडिकल खर्च, बिज़नेस घाटा या पारिवारिक ज़रूरतें अक्सर लोगों को महंगे पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड के जाल में फंसा देती हैं। ऐसे में अगर आपके पास घर में पड़ा हुआ सोना है, तो वही आपका सबसे सस्ता और भरोसेमंद सहारा बन सकता है। गोल्ड लोन आज भारत में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि यह तुरंत फंड प्रोवाइडेड कराता है और ब्याज दरें भी कम होती हैं।   
   
   
     
गोल्ड लोन
     
अक्सर लोग अपने सोने को बैंक लॉकर में रखकर भूल जाते हैं, जबकि यही सोना मुश्किल समय में मददगार साबित हो सकता है। गोल्ड लोन में 18 से 24 कैरेट तक की शुद्धता वाला सोना स्वीकार किया जाता है। बैंक या NBFC इसे गिरवी रखकर उसकी वैल्यू के अनुसार लोन देते हैं। चूंकि यह एक सिक्योर्ड लोन होता है, इसलिए ब्याज दरें पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड की तुलना में काफी कम रहती हैं।
   
   
   
कम ब्याज में बड़ी बचत
   
भारत में गोल्ड लोन की ब्याज दरें सामान्यतः 8.75% से 22% के बीच होती हैं। पंजाब नेशनल बैंक जैसे बैंक इसे 8.35% तक पर उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि पर्सनल लोन 10% से 25% और क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर 36% से 40% तक पहुंच जाती है। उदाहरण के लिए, ₹3 लाख के 12 महीने के लोन पर गोल्ड लोन (9.5%) की तुलना में पर्सनल लोन (14%) लेने से लगभग ₹13,500 और क्रेडिट कार्ड (30%) के मुकाबले ₹61,500 की बचत होती है।
   
   
   
लोन बिना झंझट दस्तावेज़ों के
   
गोल्ड लोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी फौरन प्रक्रिया है। सोना जमा करने और वैल्यूएशन के बाद कुछ ही घंटों में पैसा खाते में आ जाता है। न क्रेडिट स्कोर की चिंता, न भारी डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत। पहचान पत्र और स्वामित्व प्रमाण ही काफी होता है। इसलिए युवा, गृहिणियां या जिनका क्रेडिट इतिहास कमजोर है उन सभी के लिए यह आसान विकल्प है।
   
   
   
ध्यान रखें छिपे हुए खर्च
   
हालांकि गोल्ड लोन सस्ता और सुविधाजनक है, लेकिन इसके साथ प्रोसेसिंग फीस (5% तक), लेट पेमेंट चार्ज, प्रीपेमेंट चार्ज और LTV रैशियो (अधिकतम 75%) जैसी शर्तें जुड़ी होती हैं। साथ ही, फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों के फर्क को समझना जरूरी है ताकि भविष्य में लागत न बढ़े।
   
   
   
   
   
निष्कर्ष: तेजी से बढ़ती गोल्ड लोन की माग जो, सितंबर 2025 तक 122% बढ़कर ₹2.94 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है , यह दिखाती है कि भारत के लोग अब समझदारी से अपने सोने का उपयोग कर रहे हैं। जब भी वित्तीय संकट आए, तो ऊंचे ब्याज वाले पर्सनल लोन की बजाय अपने सोने को सक्रिय करें, यही आपका सच्चा फाइनेंशियल सेफ्टी नेट बन सकता है।
   
  
गोल्ड लोन
अक्सर लोग अपने सोने को बैंक लॉकर में रखकर भूल जाते हैं, जबकि यही सोना मुश्किल समय में मददगार साबित हो सकता है। गोल्ड लोन में 18 से 24 कैरेट तक की शुद्धता वाला सोना स्वीकार किया जाता है। बैंक या NBFC इसे गिरवी रखकर उसकी वैल्यू के अनुसार लोन देते हैं। चूंकि यह एक सिक्योर्ड लोन होता है, इसलिए ब्याज दरें पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड की तुलना में काफी कम रहती हैं।
कम ब्याज में बड़ी बचत
भारत में गोल्ड लोन की ब्याज दरें सामान्यतः 8.75% से 22% के बीच होती हैं। पंजाब नेशनल बैंक जैसे बैंक इसे 8.35% तक पर उपलब्ध करा रहे हैं, जबकि पर्सनल लोन 10% से 25% और क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दर 36% से 40% तक पहुंच जाती है। उदाहरण के लिए, ₹3 लाख के 12 महीने के लोन पर गोल्ड लोन (9.5%) की तुलना में पर्सनल लोन (14%) लेने से लगभग ₹13,500 और क्रेडिट कार्ड (30%) के मुकाबले ₹61,500 की बचत होती है।
लोन बिना झंझट दस्तावेज़ों के
गोल्ड लोन की सबसे बड़ी खासियत इसकी फौरन प्रक्रिया है। सोना जमा करने और वैल्यूएशन के बाद कुछ ही घंटों में पैसा खाते में आ जाता है। न क्रेडिट स्कोर की चिंता, न भारी डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत। पहचान पत्र और स्वामित्व प्रमाण ही काफी होता है। इसलिए युवा, गृहिणियां या जिनका क्रेडिट इतिहास कमजोर है उन सभी के लिए यह आसान विकल्प है।
ध्यान रखें छिपे हुए खर्च
हालांकि गोल्ड लोन सस्ता और सुविधाजनक है, लेकिन इसके साथ प्रोसेसिंग फीस (5% तक), लेट पेमेंट चार्ज, प्रीपेमेंट चार्ज और LTV रैशियो (अधिकतम 75%) जैसी शर्तें जुड़ी होती हैं। साथ ही, फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों के फर्क को समझना जरूरी है ताकि भविष्य में लागत न बढ़े।
निष्कर्ष: तेजी से बढ़ती गोल्ड लोन की माग जो, सितंबर 2025 तक 122% बढ़कर ₹2.94 लाख करोड़ तक पहुंच चुकी है , यह दिखाती है कि भारत के लोग अब समझदारी से अपने सोने का उपयोग कर रहे हैं। जब भी वित्तीय संकट आए, तो ऊंचे ब्याज वाले पर्सनल लोन की बजाय अपने सोने को सक्रिय करें, यही आपका सच्चा फाइनेंशियल सेफ्टी नेट बन सकता है।
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